यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।
चाहत और भी है-भाग 7
अरु ने उनके सर से आठ दिन पहले हि छुट्टी जाने को बोल दिया। क्योंकि ,उसे दो मार्च तक सारा के पास पहुछ्ना है। इसलिए एक दिन पहले हि वो और मैं ट्रेन से निकला। जिस ट्रेन से हमें जाना है, उसी ट्रेन से अरु कि दीदी भी घर जाने वाली है। लेकिन एक गड़बड़ हो गई , जिस ट्रेन से हमें जाना है, वो ट्रेन हमसे मिस हो गई, लेकिन दीदी उस ट्रेन में बैठ गई, दीदी का टिकिट भी हमने ले लिया था ,इसलिए दीदी बिना टिकिट हि ट्रेन मे बैठ गई। हमने दूसरी ट्रेन से जाने का सोचा, जो कि ब्रिक्रोप स्टेशन तक के लिए है। हम उस ट्रेन मे बैठ गए, दीदी के पास टिकट नहीं होने के कारण TC ने उन्हेंं नर-मादा स्टेशन पर उतार दिया।दीदी ने अरु को फोन किया और रोने लगी। अरु से कहा भाई, अब क्या करुँ ,मुझे नर-मादा स्टेशन पर उतार दिया। अरु ने कहा डर मत, मैं पीछे वाली ट्रेन से हि आ रहा हूँ। तुम इस ट्रेन मे चढ़ जाना और अगले स्टेशन पर उतर जाना, दीदी ने वैसा हि किया । हम तीनो ब्रिक्रोप स्टेशन पर उतर गये। पर यहाँ से कोई बस या ट्रेन नहीं थी जो उन्हें उनके घर तक पहुचा सके ,फिर हमने मैंगोला स्टेशन तक बस लेली ,हम तीनो मैंगोला स्टेशन आने के बाद, मेरे घर आकश्वानी आ गए । एक मार्च को अरु को सारा से मिलना था। पर अरु अब मेरे घर आ गया है। वो अब तक मेरे आने कि राह देख रही होगी। अरु ऐसा सोच हि रहा था तभी, सारा ने रात दस बजे को कॉल किया और अरु से पूछ, अरु आप कहा हो, मैं आप कि राह देख राही हूँ। अरु ने सारा को सब बता दिया ।जो कुछ भी हुआ ,उसने कहा कोई बात नहीं पर मैं सबसे पहले तुम्हारे हि रंग मे रंगूगी या फिर होली नहीं खेलुगी। मैंने भी कहा चाहे जान चली जाए ,मैं आऊँगा जरूर। और भी बात करते करते बारह बज गए तभी अरु ने सारा से कहा happy birthday।ये सुन कर वो खुश हो गई ।पल भर मे हि उसकी मायुसी दूर हो गई ।उसने भी अरु को थैन्क यू काहा।गुड नाईट बोल कर उन्होंने फोन रख दिया। फिर हम सो गए।
आज सुबह जल्दी उठे और चाय पी कर अरु ने कहाँ अब हमें घर छोड़ दो उसे मैंने रोकने कि कोशिश कि पर मुझे पता है कि आज उसे किसी से मिलने जाना है। उसने कहा तुम चलो घर तक छोड़ दो। मैंने उन्हें घर तक छोड़ दिया। फिर वहाँ पर अरु ने झूठ बोला कि मैं दोस्त के साथ हि वापिस जा रहा हूँ । ऐसा बोल कर तुरंत हि दीदी को घर छोड़ कर मैं और अरु घर से निकल गए । अरु को बस स्टेशन पर छोड़ कर मैं घर वापिस चला।अरु बस मे बैठ गया ग्यारह बजे तक वो दिदि के गाँव घर पहुँच गया ।उसने देखा दीदी के घर कोई नहीं है केवल भांजी है उससे पूछा दीदी कहा है,मामा, मम्मी तो खेत गई है,मुझे खाना बनाने का बोला है कहा है श्याम तक जल्दी आ जाउंगी पर मुझे खाना बनाना भी नहीं आ रहा है।
This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.
Want More - Part 7
Aru asked him to leave eight days before his head. Because, he has reached Sara by March 2. So a day before he and I got off the train. Aru's didi is also going to go home by the same train by which we have to go. But a mess happened, we missed the train by which we have to go, but didi sat in that train, we had also taken Didi's ticket, so didi sat in the train without a ticket. We decided to take another train, which is till Brikrope station. We sat in that train, because Didi did not have a ticket, TC dropped her at the male-female station. Didi called Aru and started crying. Told Aru brother, what should I do now, dropped me at the male-female station. Aru said, "Don't be afraid, I am coming from the back train. You board this train and get down at the next station, Didi did the same. All three of us got down at the Bricrop station. But there was no bus or train from here that could take them to their home, then we took the bus till Mangola station, after coming to Mangola station, all three of us came to my house, Akashwani. On March 1, Aru was to meet Sara. But now Aru has come to my house. She must have been waiting for my arrival by now. Aru was thinking like this when, Sara called at ten o'clock in the night and asked Aru, Aru, where are you, I am looking for you. Aru told everything to Sara. Whatever happened, she said it doesn't matter but I will first paint in your own colors or else I will not play Holi. I also said that even if my life is lost, I will definitely come. Talking more, it was twelve o'clock when Aru said happy birthday to Sara. Hearing this, she became happy. In a moment, her despair went away. She also said thank you to Aru. Saying good night, he hung up the phone. Gave. Then we slept.
Woke up early this morning and after drinking tea, where did Aru leave us home now I tried to stop him but I know that today he has to go to meet someone. He said, you leave till the house. I left them at home. Then there Aru lied that I am going back with a friend. After saying this, I and Aru left the house immediately leaving Didi at home. Leaving Aru at the bus station, I went back home. Aru sat in the bus. By eleven o'clock he reached Didi's village home. He saw Didi's house is no one. Only niece is there, asked her where Didi is, Mama, Mummy to farm I have been told to cook, it is said that Shyam will come soon, but I am not able to cook.
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