यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।
चाहत और भी है-भाग 21
Everything happened but still that rift remained between them. Everything seems fine. But still Aru's mind seems to be distracted. Because when there is deception, how can one trust him? Their relationship is on that delicate thread. which can break at any time. After this an incident happens again with Aru. The sensation that has come in the middle. He met Aru. There was a scuffle between the two. The result happened. That Aru went back to his home from there. The distance is not over yet. Trust nothing yet. Sara calls Aru.
Sara - where are you? Aru-I am at home. Sarah - Forgive me, how did I make such a big mistake? I don't know but I love you. Aru- Okay whatever happened happened, but how can I trust you in future? Sara - The night you fulfilled my wish, this question can be taken forward by considering your trust as the first step. Aru - ok then what to do now? Sara - You come to meet me. Aru - I will come but I will not come to your house. Sarah - Ok you come to my farm tomorrow. I will stay at the farm with my grandparents.
Aru left for Samangaon the next day in the evening to meet Sara. By night traveling by bus. Reached Samangaon at 8 o'clock. From the bus stop, Aru started walking towards Sara's farm. The road is full of hilly areas and forests. It is also raining light rain drops. The weather is looking good. And Aru is feeling a little scared too. Different types of sounds come from wild animals. And darkness is all around. After some 30 minutes Aru reached there. Aru waited till 12 o'clock at Behind Sara's farm house but Sara did not come. Aru got very angry. And from there he went back. Came to my home by bus in the morning. All these things made Aru very sad. In a fit of rage, Aru starts packing his belongings and leaves for his job the same day.
For some reason, after three or four days that Aru does not talk to Sara, Aru calls Didi and tells her to break the thread lying around Sara's neck. I explained to Aru, don't take any decision in anger. But he did not believe that his head was angry. Didi breaks the thread from Sara's neck at the behest of Aru. After a while Hi Aru got a call from Sara. He said you can leave me but I can't leave you. Sara said that Didi broke my mangal sutra and took it away. Aru - I have broken because of my saying.
सब कुछ हुआ पर अभी भी वो दरार उन दोनों के बिच बाकी रही। सब ठीक तो लग रहा है। पर अब भी अरु का मन विचलीत लग रहा है। क्योंकि धोखा जब होता है तो उसपे भरोसा कैसे होगा? उस नाजुक सी डोर पर उनका रिश्ता है। जो कभी भी बिखर सकता है। इसके बाद एक घटना अरु के साथ फिर घटित होती है। सनसन जो कि बीच मे आ चुका है। अरु से उसकी मुलाकात हुई।दोनों के बीच हातापाई हुई। नतीजा ये हुआ। कि अरु वहाँ से अपने घर वापीस चला गया। दूरिया अभी खत्म नहीं हुई। भरोसा अभी कुछ भी नहीं। सारा ने अरु को फोन किया।
सारा - कहा हो जी। अरु-मैं घर पर हूँ। सारा - मुझे माफ़ कर दो इतनी बड़ी गलती मेरे से कैसे हो गई? मैं नहीं जानती पर मैं आप को हि चाहती हूँ। अरु- ठीक है जो हुआ सो हुआ पर आगे आप पर भरोसा करुँ तो कैसे? सारा - आप ने जिस रात मेरी इच्छा पूरी कि थी, वो परिक्छा हि आप के भरोसे का पहला कदम मन कर इस रिश्ते को आगे बढ़ाया जा सकता है। अरु - ठीक है फिर अब क्या करना है? सारा - आप मुझसे मिलने आईये।अरु - आता हूँ पर आप के घर नहीं आऊँगा। सारा - ठीक है आप मेरे खेत आ जाओ कल। मैं खेत मे हि दादा दादी के साथ रुकूंगी।
अरु अगले दिन शाम को सारा से मिलने समानगांव के लिए निकला। बस का सफर करके रात के। 8बजे सामानगांव पहुँच गया। बस स्टॉप से अरु सारा के खेत कि ओर चलने लगा। रास्ता पहाड़ी क्षेत्रो और जंगल से भरा हुआ है। हल्की हल्की बारिश कि बुँदे भी बरस रही है। मौसम तो अच्छा लग रहा है। और अरु को थोड़ा डर भी लग रहा है। जंगली जानवरों कि तरह तरह कि आवजे आती है। और अँधेरा चारों ओर है। कुछ 30 मिनट के बाद अरु वहाँ पंहुचा। अरु ने बहुत सारा के खेत वाले घर के पीछे 12 बजे तक इंतजार किया पर सारा नहीं आयी। अरु को बहुत गुस्सा आया। और वह वहाँ से वापिस निकल गया। सुबह कि बस से अपने घर आ गया। इन सब बातों से अरु को बहुत दुःख हुआ। गुस्से मे अरु अपने सामान कि पैकिंग करके उसी दिन अपनी जॉब के लिए चल देता है।
किसी कारण तीन चार दिन अरु कि सारा से बात ना होने पर अरु दीदी को फोन करता है और कहता है सारा के गले मे पड़ा धागा तोड़ दो। अरु को मैंने समझाया गुस्से मे कोई भी फैसला मत लो। पर वो नहीं माना उसके सिर तो गुस्सा सवार है। दीदी ने सारा के गले से वो धागा तोड़ दिता अरु के कहने पर। थोड़ी देर बाद हि अरु को सारा का कॉल आया। उसने कहा आप मुझे छोड़ दो हो सकता है पर मैं आप को छोड़ दूँ ये नहीं हो सकता। सारा ने बोला आप कि दीदी मेरा मंगल सूत्र तोड़ कर ले गई। अरु - मेरे कहने से हि तोड़ा है।
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