शुक्रवार, अप्रैल 15

चलता राही खुश है यारा

चलता राही खुश है यारा

बैठा वाला रोया करे

बहता पानी सीतल जल है

ठहरा तो सड़ जाया करे


धरती चलती सूरज चलता

चलते चंद्र सितारे

नदिया चलती पावन जल से

ठहरा समुदर खारा लगे


 जो चलती है तेज रोशनी

 उसके पीछे भागा करे

 चारो तरफ जो बैठा अँधेरा

 डर के मारे सहमा करे।


 धड़कन चलती लहू भी चलता

 छन छन चलता समय करें

 जो रुक जाये सांसे किसी की

 तन भी हमारा मारा करे


Chalta Rahi is happy man 

the sitting cry

 running water is flat water

  let it rot


 earth moving sun moving

 moving moon stars

 river running with pure water

 the sea seems salty


 the bright light that moves

 run after him

 the darkness that sits all around

 tremble with fear.


 The beating blood goes on

 filter while running

 someone who stops breathing

 kill us too


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