चलता राही खुश है यारा
बैठा वाला रोया करे
बहता पानी सीतल जल है
ठहरा तो सड़ जाया करे
धरती चलती सूरज चलता
चलते चंद्र सितारे
नदिया चलती पावन जल से
ठहरा समुदर खारा लगे
जो चलती है तेज रोशनी
उसके पीछे भागा करे
चारो तरफ जो बैठा अँधेरा
डर के मारे सहमा करे।
धड़कन चलती लहू भी चलता
छन छन चलता समय करें
जो रुक जाये सांसे किसी की
तन भी हमारा मारा करे
Chalta Rahi is happy man
the sitting cry
running water is flat water
let it rot
earth moving sun moving
moving moon stars
river running with pure water
the sea seems salty
the bright light that moves
run after him
the darkness that sits all around
tremble with fear.
The beating blood goes on
filter while running
someone who stops breathing
kill us too
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें