गुरुवार, अप्रैल 7

मेरी जीवन यात्रा भाग-4 my life journey part-4

ऐसा जरुरी नहीं कि आप कि लाइफ मे सब कुछ वैसा हि हो जैसे कि आप चाहते हो। और कई बार तो आप कई चिजो को अन्देखा भी कर देते होंगे। कुछ को आप कर भी सकते थे, पर आप ने किया नहीं। उसके बाद भूल भी जाते है, कि आप मे क्या नहीं किया। आज सुबह जल्दी से तैयार हुआ। मुझे रेलवे स्टेशन बेंगलोर जाना है। रामनगरम् से बेंगलोर तीस मिनट का रास्ता है ऑटो से। ऑटो से मैं जल्दी से बेंगलोर के लिए निकाल गया। ऑटो वाले भाई ने मुझे ऑटो स्टेण्ड पर उतार दिया। यहाँ से दस मिनट का रास्ता पैदल चलना है। मैं जल्दी जल्दी रेलवे स्टेशन कि ओर जाने लगा। क्योंकी वहाँ रेल से मेरे सर आ रहे है। मैं लेट भी हो गया हूँ। कुछ दूर अभी चल हि रहा हूँ। मेरे कानों ने कुत्ते के बच्चे की दर्दनाक आवाज पड़ी। मैं जैसे जैसे अपने कदम आगे बड़ा रहा हूँ वो आवाज और ज्यादा तेज हो रही है। मैं देखा रास्ते के दाहिने एक बाउंड्री वॉल है। जिसमें एक पप्पी फसा हुआ है। बाउंड्री वॉल मे थोड़ा गैप है, शायद उस गैप से निकलते वक्त, वह पप्पी उस गैप मे फस गया होगा। कब से वो वहाँ फसा हुआ है पता नहीं। मैंने उसको निकालने का सोचा। लेकिन मैं पहले हि लेट हो गया हूँ। इसलिये उसे उसके हाल पर छोड़ कर आगे को जा रहा हु। एक एक कदम बढ़ाता और उसकी आवाज कम होती जाती। पर बार बार मेरा मन बोलता कि उसे मेरी मदद कि जरुरत है। उसकी आवाज से लगता है कि वह कह रहो बचा लो। पर मेरे दिमाग ने उन सब को जवाब दे दिया कि वो कुछ नहीं करेगा। इस तरह मैं वहाँ से चला आया। और अब भी मुझे लगता है कि मैंने गलत किया। क्या पता भगवन ने मुझे उसकी मदद के लिए हि उस रास्ते भेजा हो। 


It is not necessary that everything in life should be as you want it to be.  And sometimes you may have overlooked many things.  You could have done something, but you didn't.  After that, you forget what you didn't do.  Got ready early this morning.  I have to go to the railway station Bangalore.  Bangalore is 30 minutes drive from Ramanagaram by auto.  By auto I hurriedly left for Bangalore.  The auto driver dropped me at the auto stand.  Ten minutes walk from here.  I quickly started walking towards the railway station.  Because there my head is coming by train.  I'm late too.  I am walking some distance now.  My ears heard the painful sound of a dog.  As I am taking my steps forward, that sound is getting louder and louder.  I noticed there is a boundary wall on the right side of the road.  In which a puppy is stuck.  There is a little gap in the boundary wall, maybe while coming out of that gap, that puppy must have got stuck in that gap.  I don't know since when he has been stuck there.  I thought of taking him out.  But I'm late earlier.  That's why I am going ahead leaving him on his condition.  He took one step at a time and his voice diminished.  But again and again my mind would say that he needed my help.  It seems from his voice that he should be saying save.  But my mind gave the answer to all of them that they will not do anything.  That's how I left from there.  And even now I feel that I did wrong.  Do you know that God has sent me that way to help him?

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