शनिवार, फ़रवरी 5

बरसते मेघो के बीच amidst the raining clouds

....ॐप्रमकथाॐ.....

देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!
.
मिली नजरे नजरो से,
तो बिजली कड़की, बढ़ाया हाथ जो उसने तो,
देखा मैने उस परि को,
गरजते मेघो के बीच!
देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!
.
लहराया आँचल जो अपना,
चल पड़ी शितल हवाय,
छुआ प्यार से उसने तो,
देखा मैने उस परि को,
भिगते हुये मेघो के बीच!
देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!
.
घीर घीर आए बादल,
जैसे बालो को झटका,
गले से लगाया अपने तो,
देखा मैने उस परि को,
भिगे कपड़ो के बीच!
देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!

.....love story.....

 I saw that angel
 Amidst the raining clouds!
 ,

 With eyes met,
 Then the lightning struck, the hand which he extended,
 I saw that angel
 Amidst the thundering clouds!
 I saw that angel
 Amidst the raining clouds!
 ,

 waved aanchal which is its own,
 The cold wind blows,
 He touched it with love,
 I saw that angel
 Amidst the drenching clouds!
 I saw that angel
 Amidst the raining clouds!
 ,

 Clouds grew thicker,
 like a blow to the hair,
 If you hugged yourself,
 I saw that angel
 Between the wet clothes
 I saw that angel
 Amidst the raining clouds!

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