यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।
चाहत और भी है-भाग 10
थोड़ा सोया थोड़ा जागा रात भार करवटे बदलता वो रात भी निकल गई। सुबह अरु सारा के घर गया और उसके पापा से बोला। मैं सारा को अपने साथ घर ले जाना चाहता हूँ। उसने कहाँ नहीं जा सकती। अभी बहुत काम है। अरु ने फिर कोशिश कि, लेकिन वो नहीं माने। अरु वहाँ से उठ कर आ गया। उसके मम्मी पापा खेत चलें गए। अरु उसे साथ लेकर हि जाना चाहता है। अरु ने दीदी से कहा, सारा भी हमारे साथ चलना चाहती है वो रो रही है, जीजू ने ये बात सुन ली, तो जीजू ने उसे बुलाया और कहा तुम जाओ, मैं तुम्हारे मम्मि पापा से बात कर लूँगा। सारा खुश हो गई। फिर दीदी, मैं और सारा तीनो समानगांव से निकले। अरु को बैंक का कुछ काम था, तो तीनो जड़मा पर उतर गए। गर्मी बहुत है, धूप भी है, अरु ने कहा आप बस स्टेशन पर हि रुको, मैं आता हूँ। बोल कर बैंक आ गया। काम पूरा कर के जल्दी वापिस आ गया। कुछ देर बाद हि बस आयी वो तीनो उसमें चढ़ गए ।बस पूरी तरह से यात्रियों से भारी है, गर्मी के कारण अरु को पसीना आ रहा है। दीदी किसी से बात कर रही है, शायद उनके पहचान के लोग है।सारा ने अपनी चुनर से अरु के गले का पसीना पोछना शुरू किया। अरु को थोड़ी घबराहट हुई, यहा बहुत सारे लोग है। फिर आड़ू ने खुदको संभाला और प्यार से सारा के माथे पर अपने मुँह से फुक मारनी शुरु कि। उसे भी बहुत पसीना आ रहा है। उन्होंनेे सोचा दूसरी बस से जाएँगे वो बस से वहीं उतर गए। कुछ देर बस स्टेशन पर फीर बैठे और बात करते रहे। दूसरी बस आने पर उसमें जाकर बैठ गए और श्याम होते होते घर तक पहुँच आए। वैसे रास्ते मे अरु और सारा दोनों पैदल निकले। दीदी और भाई बाद मे आए। भाई रास्ते मे मिला तो दीदी के साथ कुछ काम से रुक गया। श्याम तक घर पहुंचे। आज वो दोनो दोबारा मिले। सारा जहां सो रहा है वो दोनों जाग रहे है। खुला आसमान है, चन्द्रमा चारों दिशाओं मे रौशनी बिखेर रहा है। उनके सामने सितारों कि रौशनी फीकी जान पड़ती है। सितारे चन्द्रमा का साथ दे रहे है। उन्हीं कि रौशनी मे दोनों लेटे है।वो ठंडी-ठंडी हवा गरम माहौल को सुकुन देने वाली है। चाँद कि रौशनी मे सारा का शरीर चॉन्दी कि तरह चमक रहा है ।ऐसा लग रहा है मनो आज दो चाँद एक साथ उदित हुए हो। सितारों ने आज जिस तरह चान्द का साथ दिया।उसी तरह से उन दोनों ने एक दूजे को सोप दिया। इस पल को शायद फिर कभी जी पाये। पर इस पल को वो रोज़ अपने सपनो मे जीते है।
The story is completely fictional, it has no relation to any person, thing, or place.
Want More - Part 10
Sleeping a little, waking up a little, changing the weight of the night, that night also passed. In the morning Aru went to Sara's house and spoke to her father. I want to take Sarah home with me. Where can't she go? There's still a lot of work. Aru tried again, but he did not listen. Aru got up from there and came. His parents went to the farm. Aru wants to take her along. Aru said to Didi, Sara also wants to go with us, she is crying, Jiju heard this, then Jiju called her and said you go, I will talk to your mother and father. Sara became happy. Then didi, me and all three came out of the same village. Aru had some work in the bank, so all three got down on the road. It is very hot, it is sunny too, Aru said, you wait at the bus station, I will come. The bank came after speaking. After completing the work, he came back early. After sometime the bus came, all three of them got into it. The bus is completely heavy with the passengers, Aru is sweating due to the heat. Didi is talking to someone, probably people of her identity. Sara starts wiping the sweat from Aru's throat with her chunar. Aru got a little nervous, there are a lot of people here. Then Peach took hold of herself and lovingly started smacking Sara's forehead with her mouth. He is sweating a lot too. He thought that he would go by another bus, he got down from the bus there. Sitting at the bus station for some time and talking. When the second bus arrived, he sat in it and reached home by being shy. By the way, both Aru and Sara set out on foot. Didi and brother came later. When the brother met on the way, he stopped for some work with Didi. Shyam reached home. Today they met again. Where Sara is sleeping, both of them are awake. The sky is open, the moon is spreading light in all directions. The light of the stars seems to fade in front of them. The stars are supporting the moon. Both are lying in the same light. That cool and cold air is going to give relief to the hot atmosphere. Sara's body is shining like silver in the light of the moon. It is as if two moons have risen together today. The way the stars supported the moon today. In the same way, both of them gave soap to each other. Maybe you can live this moment again. But he lives this moment in his dreams every day.
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