भोपाल रेलवे स्टेशन।प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़े रेल के आने का इंतजार करते बहुत देर हो गई है। एक एक कर कई रेल सरपट भागी जाती है। कुछ रेल स्टेशन पर रूकती है। कई यात्री चढ़ते है कई उतरते है। रेल के रुकते हि सामान बेचने वाले एक्टिव हो जाते है। रेल के आने कि जानकारी पहले हि दे दी जाती स्पीकरों के द्वारा। जो कि प्लेटफार्म मे लगा रखे है। साथ हि एक चेतावानी भी बार बार दोहराई जा रही है। यात्रियों अपने सामान कि सुरक्षा खुद करें। मैं अपने मोबाइल पर गाने सुन रहा हूँ। मेरा दोस्त भी पास हि बैठा है। हम दोनों मौसी के घर शिहोर गए थे। अब वहाँ से वापस लौट रहे है। कुछ देर मे हि हमारी भी रेल आ गई। हम दोनों अंदर चढ़ते है।और अपना सामान अपनी सीट के नीचे रख दिया है। रेल के स्टेशन से निकलने के थोड़ी हि देर मे मैं डिब्बें के गेट पर बैठ गया। दोस्त भी मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया है। रेल धीरे-धीरे स्टेशन से निकल रही है। मैं अपने कान मे हेड फोन लगा कर गाने सुन रहा हूँ। और स्टेशन से निकलते हुए एक मोड़ से रेल आगे बढ़ रही है, उस मोड़ मे एक रास्ता पैदल पार करने वाला है। उसी पर एक लड़का खड़ा है। मैंने उसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मुझे लगा वो रेल लाइन पार करने को खड़ा है। पर जैसे हि उस रास्ते के पास से रेल का डिब्बा गुजरा, उस लड़के ने मेरे पास आकर उसने मेरे मोबाइल पर जोर से हाथ मारा, मोबइल मेरे हाथ से छूट गया। पर वो नीचे नहीं गिरा। इअर फोन ली लीड से लगे होने के कारण मोबाइल लटक गया। और इस तरह मेरा मोबाइल उस चोर से बच गया। तब मुझे उस चेतावानी कि याद आ गई। 'यात्री अपने सामान कि सुरक्षा खुद करें।' मम्मी कि कहीं बात भी मुझे समझ आ गई। मेरी मम्मी हमेशा कहा करती है। बेटा गेट पर बैठ कर कभी भी सफर मत करना।
Bhopal Railway Station. Waiting for the arrival of the train standing at platform number one is too late. One by one, many trains gallop away. Some trains stop at the station. Many passengers board and many disembark. The sellers of goods become active when the train stops. The information about the arrival of the train is already given through the speakers. which is placed on the platform. Along with this a warning is also being repeated again and again. Passengers should protect their own belongings. I am listening to songs on my mobile. My friend is also sitting nearby. We both went to aunt's house in Shihor. Now coming back from there. After sometime our train also arrived. We both climb inside. And put our luggage under our seats. Shortly after leaving the train station, I sat at the gate of the coach. A friend has also come and stood behind me. The train is slowly leaving the station. I am listening to songs with my headphones on. And leaving the station, the train is moving forward from a turn, in that turn a path is going to be crossed on foot. A boy is standing on it. I didn't pay much attention to it. I thought he was standing to cross the railway line. But as soon as the train coach passed by that road, the boy came to me and hit my mobile hard, the mobile left my hand. But he didn't fall down. The mobile hanged due to the ear phone being attached to the li lead. And thus my mobile got saved from that thief. Then I remembered that warning. 'Passengers should protect their own belongings.' I also understood something about mom. My mom always says Son, never travel by sitting at the gate.
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