रविवार, फ़रवरी 27

मेरी जीवन यात्रा भाग-3 my life journey part-3

भोपाल रेलवे स्टेशन।प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़े रेल के आने का इंतजार करते बहुत देर हो गई है। एक एक कर कई रेल सरपट भागी जाती है। कुछ रेल स्टेशन पर रूकती है। कई यात्री चढ़ते है कई उतरते है। रेल के रुकते हि सामान बेचने वाले एक्टिव हो जाते है। रेल के आने कि जानकारी पहले हि दे दी जाती स्पीकरों के द्वारा। जो कि प्लेटफार्म मे लगा रखे है। साथ हि एक चेतावानी भी बार बार दोहराई जा रही है। यात्रियों अपने सामान कि सुरक्षा खुद करें। मैं अपने मोबाइल पर गाने सुन रहा हूँ। मेरा दोस्त भी पास हि बैठा है। हम दोनों मौसी के घर शिहोर गए थे। अब वहाँ से वापस लौट रहे है। कुछ देर मे हि हमारी भी रेल आ गई। हम दोनों अंदर चढ़ते है।और अपना सामान अपनी सीट के नीचे रख दिया है।  रेल के स्टेशन से निकलने के थोड़ी हि देर मे मैं डिब्बें के गेट पर बैठ गया। दोस्त भी मेरे पीछे आकर खड़ा हो गया है। रेल धीरे-धीरे स्टेशन से निकल रही है। मैं अपने कान मे हेड फोन लगा कर गाने सुन रहा हूँ। और स्टेशन से निकलते हुए एक मोड़ से रेल आगे बढ़ रही है, उस मोड़ मे एक रास्ता पैदल पार करने वाला है। उसी पर एक लड़का खड़ा है। मैंने उसपर ज्यादा ध्यान नहीं दिया। मुझे लगा वो रेल लाइन पार करने को खड़ा है। पर जैसे हि उस रास्ते के पास से रेल का डिब्बा गुजरा, उस लड़के ने मेरे पास आकर उसने मेरे मोबाइल पर जोर से हाथ मारा, मोबइल मेरे हाथ से छूट गया। पर वो नीचे नहीं गिरा। इअर फोन ली लीड से लगे होने के कारण मोबाइल लटक गया। और इस तरह मेरा मोबाइल उस चोर से बच गया। तब मुझे उस चेतावानी कि याद आ गई। 'यात्री अपने सामान कि सुरक्षा खुद करें।' मम्मी कि कहीं बात भी मुझे समझ आ गई। मेरी मम्मी हमेशा कहा करती है। बेटा गेट पर बैठ कर कभी भी सफर मत करना।


Bhopal Railway Station. Waiting for the arrival of the train standing at platform number one is too late.  One by one, many trains gallop away.  Some trains stop at the station.  Many passengers board and many disembark.  The sellers of goods become active when the train stops.  The information about the arrival of the train is already given through the speakers.  which is placed on the platform.  Along with this a warning is also being repeated again and again.  Passengers should protect their own belongings.  I am listening to songs on my mobile.  My friend is also sitting nearby.  We both went to aunt's house in Shihor.  Now coming back from there.  After sometime our train also arrived.  We both climb inside. And put our luggage under our seats.  Shortly after leaving the train station, I sat at the gate of the coach.  A friend has also come and stood behind me.  The train is slowly leaving the station.  I am listening to songs with my headphones on.  And leaving the station, the train is moving forward from a turn, in that turn a path is going to be crossed on foot.  A boy is standing on it.  I didn't pay much attention to it.  I thought he was standing to cross the railway line.  But as soon as the train coach passed by that road, the boy came to me and hit my mobile hard, the mobile left my hand.  But he didn't fall down.  The mobile hanged due to the ear phone being attached to the li lead.  And thus my mobile got saved from that thief.  Then I remembered that warning.  'Passengers should protect their own belongings.'  I also understood something about mom.  My mom always says  Son, never travel by sitting at the gate.

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शनिवार, फ़रवरी 26

चाहत और भी है-भाग 13 Want More - Part 13

 

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 13

 

सारा और अरु ने शादी के सात वचन ले लिए, एक दूसरे के तो वो  पहले से हि हो गए थे। अब  वो एक दूसरे को बंधनो मे बाँधने लगे। और जब कोई किसी बंधनो मे बाँधनेे लगता है तो रिश्तों मे विस्वाश कम हो जाता है और रिश्ते टूटने लगते है ये मेरा मानना है

वो दोनों अब एक दूसरे के बारे मे जानने की कोशिश कर रहे है। जैसे कि सारा को क्या खाना अच्छा लगता है, कैसे रहना अच्छा लगता है, वो क्या काम करती है, उसकी सहेली कैसी है, सारा भी अरु के बारे मे जानना चाहती है। अरु के दोस्त केसे है,अरु क्या काम है। कभी उसकी सहेलियों से अरु बात करता कभी वो अरु के दोस्तो से बात कर लेती।

उन्होंंने ने आज फिर मिलने का सोचा, समय तय हुआ अप्रैल, नया नया प्यार है इसलिय अरु मना भी नहीं कर पाया, मार्च के बाद तूरंत अप्रैल मे छुटी लेना थोड़ा मुश्किल है, अरु ने भी सोच लिया जाना तो है हि।ये सोच कर अरु बिना छुटी लिए ही घर चला आया। प्यार मे  वो तकत है, जो कुछ भी करा सकती है। अरु को आज जॉब खो जाने का भी डर नहीं लगा। छ: अप्रैल को को अरु अपनी दीदी के घर आ गया।लगता है उसकी किस्मत बहुत अच्छी है। आज वो सामानगांव पहुंचा हैं और आज ही सारा के मम्मी-पापा कहीं शादी में बाहर गए है। सारा के घर मे आज उसके भाई है, वो बहार उसारी में सोये है। सारा घर मे सोई है। सारा ने अरु को ग्यारह बजे एसएमएस किया, लिखा है घर के पीछे वाले दरवाजे से आ जाओ।  अरु ने एसएमएस पढ़ा और बिस्तर से उतर कर बाहर आ गया। सारा ने पीछे का दरवाजा खुला हि रखा है। अरु के अंदर आते हि उसने दरवाजा बंद कर दिया और बिना देर किए सीधे गले से लग गई। वो दोनो एक दूसरे को प्यार से देखने लगे।  सारी रात देखते रहे। सुबाह चार बजे तक साथ हि रहे फिर अरु वहाँ से आ गया। और अपने बिस्तर पर सो गया। अगले दिन ग्यारह बजे उठा। सब लोग अपने अपने काम में जा चुके थे। सारा ने अरु को चाये पीने को बुलाया। अरु चाय पीने के लिए उनके घर गया।उसने देखा सारा के घर कोई नहीं है वो अकेली ही है। अरु बोला - सारा सब लोग कहा है?  सारा - मम्मी पापा अभी नहीं आए हैं।  दोनो भाई खेत गए है।आप है और मैं हूँ। ये बोले हुए सारा ने अरु का हाथ पकड़ कर उसकी ओर खींचा और गले से लगा लिया।
अरु- रुको सारा मूझे डर लग रहा है(पर उसने एक नहीं सूनी)
सारा - घब्राओ मत मैं आप के साथ हूँ।(सारा ने अपना कान अरु के सीने पर रखा और मुस्कुराते हुए) आप मेरे दिल कि धड़कन सूनो।
अरु - सारा कोई आ जाएगा रुको तो (अरु बोल हि रहा था तब तक सारा ने अरु के सर को पकड़ कर अपने  सीने से लगा लिया)। सारा के दिल कि धड़कन काफी तेज है और वो पूरी मदहोश हो चुकि है।फिर अरु ने उसका साथ दिया।एक बार फिर दोनों ने लूूडो खेला, सारा कुमकुम ले अरु के  पास आयी।और कहा आप मेरी मांग भर दो। अरु ने सारा की मांग भर दी। सारा ने खुद को शीशे में देखा, मुस्कुराते हुए बोली -अब मैं पूरी हो गई।
अरु- अभी नहीं अभी मंगलसूत्र और फेरे बाकी है।

सारा -आई लव यू अरु।( गले लगा कर)  मैं आप के बिना नहीं जी सकती।
तीन दिन बाद हि अरु जॉब पर वापिस आ गया।



This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

Want More - Part 13

Sara and Aru took seven marriage vows, they had already been to each other.  Now they started tying each other in bonds.  And when someone starts to bind in any bond, then the trust in the relationship decreases and the relationship starts breaking, I believe this.

 Both of them are now trying to know about each other.  Like what Sara likes to eat, how she likes to live, what work she does, how is her friend, Sara also wants to know about Aru.  How are Aru's friends, what is Aru doing?  Sometimes Aru would talk to her friends, sometimes she would talk to Aru's friends.

 They thought of meeting again today, the time has been fixed, April is a new love, so Aru could not even refuse, it is a bit difficult to leave immediately after March in April, Aru has to think too. Thinking this  Aru went home without leaving.  Love has that power, which can make anything happen.  Aru was not even afraid of losing his job today.  On 6th April, Aru came to his sister's house. He seems to be very lucky.  Today he has reached Samangaon and today only Sara's parents have gone out for a wedding.  Sara has her brother in the house today, she has slept in the outside.  Sara is sleeping in the house.  Sara SMSed Aru at eleven o'clock, it is written, come through the back door of the house.  Aru read the SMS and got out of bed and came out.  Sara has kept the back door open.  As Aru came inside, she closed the door and without delay, she hugged him straight.  They both started looking at each other with love.  Been watching all night.  Stayed together till four o'clock in the morning, then Aru came from there.  and fell asleep on his bed.  Woke up the next day at eleven o'clock.  Everyone had gone to their own work.  Sara invites Aru to have tea.  Aru went to their house to have tea. He saw that there was no one in Sara's house, she was the only one.  Aru said - where is all the people?  Sara - Mom and dad have not come yet.  Both brothers have gone to the farm. You are there and I am.  Saying this, Sara grabbed Aru's hand, pulled him towards him and hugged him.

 Aru- wait, I'm scared (but she didn't listen)

 Sara - Don't panic, I am with you. (Sara puts her ear on Aru's chest and smiles) You hear my heartbeat.

 Aru - Sara koi aa gaya jayega, wait to (Aru was speaking, till then Sara grabbed Aru's head and put it on her chest).  Sara's heartbeat is very fast and she is completely intoxicated. Then Aru supported her. Once again both of them played ludo, Sara came to Aru with kumkum. And said you fill my demand.  Aru fulfilled Sara's demand.  Sara looked at herself in the mirror, said with a smile - now I am complete.

 Aru- Not yet, mangalsutra and rounds are left.

 Sara - I love you Aru. (hugging) I can't live without you.

 After three days, Aru returned to the job.

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चाहत और भी है-भाग 12 Want more - part 12


यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 12


मैं अपनी जॉब पर वापीस आ गया हूँ।मेरे साथ हि अरु भी आ गया। उसका प्यार धीरे धीरे बढ़ता जा रहा है। लेकिन उसका मन सान्त हो गया है। कई सारी अधूरी ख्वाहिशें पूरी हो रही है। हमें घर से दूर आने का दुख तो है, पर इस बार अरु को कुछ ज्यादा दुःख है, वो सारा को छोड़ कर बिलकुल नहीं आना चाहता था। और उस बात को वो बार बार याद कर रहा है। (अरु खटिया पर लेटा हुआ है, सारा अरु के पास बैठ कर अरु के गले के आस पास चुम रही है। दरवाजा खुला था और पापा कब आ गए पता हि नहीं चला। पापा ने उन्हें देख लिया।) ये सोच कर हँस रहा है तो कभी दुःखी हो रहा है। खैर यही तो  जिंदगी है।  जिंदगी की हर इच्छा अब पूरी हो रही है। अब रोज बात करना घंटो घंटो बात करना। वो दोनों इतनी बात करते है, फिर भी बात कभी खतम ही नहीं होती। एक दिन सारा ने कहा- अरु, हम शादी कर लेते हैं।
अरु- हा सारा कर लेंगे।
सारा - अरु, अभी सादी करना है।
अरु-   हा सारा पर मैं तो अभी आप से दूर हूं। शादी कैसे होगी।
सारा -  अरु, शादी के सात वचन होते हैं। हम अभी शादी के सात वचन एक दूसरे को देते है। चार वचन मैं आप से मांगती हूँ और तीन वचन आप मुझसे माँग लो।
अरु- हा ठीक है आप मुझसे चार वचन माँगो।
सारा - पहला वचन- आप मेरे मम्मी पापा का हमेशा सम्मान करोगे।
अरु- हा करूँगा।
सारा - आप मुझसे हमेशा प्यार से बात करोगे। कभी भी हाथ पैर काटने कि ज़हर खाने कि धमकी नहीं दोगे।
अरु- हा मुझे मंजूर है।
सारा - आप मुझसे हमेशा प्यार करोगे। और मुझे कभी नहीं छोड़ोगे।
अरु- हा
सारा - अब चोथा वचन कौनसा मांगू।
अरु - मूझे क्या पता आप माँग लो जो मांगना है।
सारा -चोथा वचन - हा आप मुझे घुमाने के लिए ले कर जाएँगे।
अरु- हा मैं आप को चारो वचन देता हूँ। अब आप मुझे तीन वचन दो।
सारा - हा मांगो।
अरु- पहला वचन- चाहे मैं कहीं भी रहु, आप को मेरे मम्मी-पापा कि सेवा और सम्मान करना होगा।
सारा - हा करुँगी।
अरु-   दूसरा वचन- हम चाहे कहीं भी रहे आप मुझे हमेशा प्यार करोगी।
सारा - हा करुँगी।
अरु - तीसरा वचन- आप को जो करने को कहुँ, आपको करना होगा।
सारा - क्या करना है?
अरु - आप को कुछ भी करने को कहुँ, तो करना होगा, और यदि कुछ करने से रोकू तो, नहीं करना होगा।
सारा - हा करुँगी। मानूंगी आप कि बात।हमने वचन तो ले लिए, पर शादी अभी अधूरी है। पूरी शादी फेरे के बाद ही होगी।
अरु- हा सारा जब फेरे होंगे तब पूरी शादी होगी।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

 Want more - part 12

I am back at my job. Aru has also come with me.  His love is slowly increasing.  But his mind is at rest.  Many unfulfilled wishes are being fulfilled.  We are sad to be away from home, but this time Aru is very sad, he did not want to leave Sara and come at all.  And he is remembering that thing again and again.  (Aru is lying on the cot, Sara is sitting beside Aru and kissing around Aru's neck. The door was open and when Papa came I did not know. Papa saw him.) He is laughing thinking.  Sometimes it's sad.  Well this is life.  Every wish of life is getting fulfilled now.  Now talking everyday, talking for hours.  They both talk so much, yet the talk never ends.  One day Sara said- Aru, we get married.
 Aru- Ha will do it all.
 Sara - Aru, now you have to plain.
 Aru-  Yes, but I am away from you right now.  How will the marriage take place?
 Sara - Om Aru, there are seven vows of marriage.  We give seven marriage vows to each other now.  I ask you four words and you ask me three words.
 Aru- yes okay you ask me four words.
 Sara - First Word - You will always respect my parents.
 Aru- yes I will.
 Sarah - You will always talk to me with love.  Never ever threaten to bite your hands and feet and eat poison.
 Aru- yes I agree.
 Sarah - You will love me forever.  And you will never leave me
 aru-ha
 Sara - Now what should I ask for the fourth word?
 Aru - I don't know what you ask for.
 Sarah - Fourth Word - Yes, you will take me for a walk.
 Aru- Ha, I give you four promises.  Now give me three promises.
 Sara - yes ask.
 Aru- First Word- No matter where I live, you have to serve and respect my parents.
 Sara - yes I will.
 Aru-Om Second Word- You will always love me no matter where we are.
 Sara - yes I will.
 Aru - Third Word - Whatever I tell you to do, you will have to do it.
 Sarah - What to do?
 Aru - If I tell you to do anything, I will have to do it, and if I stop doing something, I will not have to do it.
 Sara - yes I will.  I will agree with you. We have taken the promise, but the marriage is still incomplete.  The whole marriage will happen only after the round.
 Aru- Ha, when all the rounds happen, then there will be a complete marriage.


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गुरुवार, फ़रवरी 24

लक्ष्य कि खोज goal pursuit

लक्ष्य क्या है। ये सवाल एक है। पर इसका जवाब अलग अलग होता है। वैसे इसका एक सरल सा जवाब है मेरे हिसाब से। किसी भी चीज़ के अंतिम बिन्दु को पाने तक लागातार कोशिश करते रहना।भारि कठिनई के बाद भी उसे पा लेना। और उसे पा कर मन को शान्ति मिलना। वहीं लक्ष्य है। यदि आप के मन को शांति नहीं मिली तो वो आप का लक्ष्य नहीं है। जैसे आप ने सोचा आप को हिमालय कि चोटी पर जाना है, आप ने मेहनत कि आप वहाँ चलें गए। आप बहुत खुश हुए अपने सारी दुनिया को बताया। और जब भी आप किसी को बताएँगे आप के मन को शांति मिलेगी सुख मिलेगा हमेशा। और यदि आप ने ये माना कि आप को हज़ार रू हर दिन कमाने है। अब आप हजार रू कमाते है। यदि आप खुश रहते है, आप का मन शांत है ,दूसरों को बताने पर खुद पे गर्व हो। तो आपका लक्ष्य पूरा हो गया। लेकिन यदि आपका मन अशांत है तो आप का लक्ष्य कोई और हि होगा। अब आप क्या करेंगे ? अब आप फिर से एक लक्ष्य बनाएंगे, फिर से उस लक्ष्य को प्राप्त करेंगे। यही प्रक्रिया आप बार बार दोहराते रहेंगे। जब तक मन को शांति ना मिल जाए। यदि मैं सही हूँ तो हमारा लक्ष्य शांति पाना हि है। बाकी सब छ्निक सूख है, जो कुछ पल के मेहमान है।

हमारे पूरे ब्राह्मण मे एक पृथ्वी हमारी है ,जिसमें हमारा एक देश है, उस देश मे एक हमारा राज्य है, उस राज्य मे हमारा एक शहर/गाँव है, गाँव मे हमारा घर है। घर मे हमारा परिवार है। परिवार मे भाई बहिन माता पिता दादा दादी सब है। सब सुखी है। पर शांति है क्या? पूरी दुनिया मे कहीं शांति नहीं है। तो हमारा लक्ष्य क्या हैं? लक्ष्य कि खोज करना। तो हमने अपने लक्ष्य को खोज लिया है।


हमारा लक्ष्य है शांति प्राप्त करना।


What is the goal  This question is one.  But the answer varies.  Well there is a simple answer to this according to me.  Keep trying continuously till you get to the end point of anything. Even after great difficulty, get it.  And find peace of mind after finding it.  That's where the goal is.  If your mind does not get peace, then it is not your goal.  Just as you thought you had to go to the top of the Himalayas, you worked hard and went there.  You were very happy and told your whole world.  And whenever you tell someone, your mind will get peace, you will get happiness always.  And if you believe that you have to earn thousand rupees every day.  Now you earn Rs.  If you are happy, your mind is calm, be proud of yourself for telling others.  So your goal is accomplished.  But if your mind is disturbed then your aim will be someone else.  what will you do now?  Now you will make a goal again, achieve that goal again.  You will keep repeating this process over and over again.  Until the mind finds peace.  If I am right, our goal is to find peace.  Everything else is dry food, which is a guest of a moment.


 We have one earth in our entire Brahmin, in which we have a country, we have a state in that country, we have a city/village in that state, we have a house in the village.  We have family at home.  There are siblings, parents, grandparents, all in the family.  Everyone is happy.  But is there peace?  There is no peace anywhere in the world.  So what are our goals?  Searching for the goal  So we have found our goal.

Our goal is to achieve peace.


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बुधवार, फ़रवरी 23

मेरी जीवन यात्रा भाग-2 my life journey part-2

डर सब को लगता है। बात छोड़ी पुरानी है और मेरे जीवन का एक दिन है। उस दिन हम दोनों भाई पूरी रात का सफर करके भोपाल पहुंचे। रेलवे स्टेशन भोपाल बहुत अच्छा स्टेशन है। हमें यहाँ से हमिदिया हॉस्पिटल जाना है।हम सुबह सुबह भोपाल आये है तो सोचा क्यों पैदल हि चल लिया जाए। मैंने अपना मोबाइल निकाला और G-map पर लोकेशन सेट कर के चलने लगे। हम पहली बार यहाँ आए है, यहाँ कि लम्बी-चौड़ी सड़के, थोड़ी थोड़ी दुरी पर चौराहा, चौराहों से गुजरती कई सारी गाड़ीया। एक से बढ़ कर एक। सड़को के किनारे से बनी बड़ी बड़ी बिल्डिंग।ऊपर नज़र उठाकर देखने से लगता है, मनो बिल्डिंग आसमान को चुम रही है। एक बिल्डिंग मे हमारा पूरा गाँव बस सकता है इतनी उचि तो है। हर बिल्डिंग मे नीचे एक एक दुकाने है । अभी तो कई दुकाने बंद हि है। कुछ खुल गई है और कुछ खुल रही है। धीरे-धीरे आगे बढ़ते जा रहे है। कुछ आगे जाने पर लगा जैसे हम किसी किले के अंदर है। और ये सच है हम एक किले मे है। पास हि पूछने से पता चला, ये किला राजा भोज का किला है। इस किले के अंदर अब सरकारी काम काज होते हैं। ये बहुत दुःख कि बात है ये किला कई जगहों से छिन्न भिन्न हो रहा है। पर ये अब भी बहुत सुन्दर दिखाई देता है। यहाँ से थोड़ा और आगे गए। आगे एक बड़ा तालाब है। इसका नाम भी बड़ा तालाब है। देखने पर दुर दुर तक केवल पानी हि पानी, किनारा तो है हि नहीं।और पानी कि लहरों के बीच तैरती हुई नाव दिखाई देती है। तालाब मे कई मछलीयां है वे जब पानी मे उछ्लति है तो दिखती है। यही सड़क के किनारे तालाब मे एक मूर्ति बनायीं गई है ये मूर्ति राजा भोज कि है। अभी ये नयी है इसके चारों ओर कपड़ा लपेटा हुआ है। अभी इसके दोनो पैर खुले, उन्होंने दोनों पैरों मे शानदार जूते पहने है और एक पैर के पास हि तलवार कि नोक रखी है। लगता है उन्होंने तलवार को एक हाथ से पकड़े रखा है। हमने कई सारी फोटोशूट किये और फाईनालि हम हमिदिया हॉस्पिटल पहुँचे। हॉस्पिटल काफी बड़ा है और अलग अलग तरह के कई सारे इलाज हो रहे है। हमने अपना काम जल्दी जल्दी कराया। हम बाहर जाने हि वाले है कि अंदर से एक स्तेचर पर एक छोटी बच्चि को बाहर ले जाते कुछ लोग दिखें। उसके पीछे-पीछे एक महिला रोते हुयी जा रही है बच्चि के शरीर मे कोइ भी हलचल नहीं हो रही है। उसका चेहरा दूसरी ओर मुड़ा हुआ है। मैंने मन हि मन सोचा ,ये तो मर गई। जैसे हि ये सोचा उस बच्चि ने अपना सर मेरी ओर घुमाया। और सीधे मेरी आँखो मे देखा। मैं एक पल के लिए घबरा गया। मैं पसीना पसीना हो गया। मेरा डर मेरे रोम रोम मे देखा जा सकता है।

         Everyone feels fear.  The thing left is old and is a day of my life.  On that day both of us brothers reached Bhopal after traveling the whole night.  Railway station Bhopal is a very good station.  We have to go to Hamidia Hospital from here. We have come to Bhopal in the morning so thought why should we walk on foot.  I took out my mobile and set the location on the G-map and started walking.  We have come here for the first time, here there are long roads, intersections at short distances, many vehicles passing through the intersections.  Better from one another.  A huge building built on the side of the road. Looking up, it seems that the Mano building is kissing the sky.  Our whole village can live in one building, it is so good.  There is a shop at the bottom of each building.  Many shops are closed now.  Some have opened and some are opening.  Slowly moving forward.  After going a little further, it felt as if we were inside a fort.  And it is true that we are in a fort.  After asking nearby, it was found that this fort is the fort of Raja Bhoj.  Government works are now done inside this fort.  It is a matter of great sadness that this fort is getting torn apart from many places.  But it still looks beautiful.  Went a little further from here.  There is a big pond in front.  Its name is also Bada Talab.  On seeing far and wide, only water is water, there is no shore. And a boat is seen floating between the waves of water.  There are many fish in the pond, they are visible when they jump in the water.  An idol has been made in the pond on the side of the road, this idol is of Raja Bhoj.  Right now it is new, there is a cloth wrapped around it.  Now both his legs are open, he is wearing luxurious shoes on both feet and has kept the tip of the sword near one leg.  He seems to be holding the sword with one hand.  We did many photoshoots and finally we reached Hamidia Hospital.  The hospital is very big and many different types of treatments are being done.  We got our work done quickly.  We are about to go out that some people are seen from inside taking a small girl out on a statue.  A woman is crying after her, there is no movement in the body of the girl.  His face is turned to the other side.  I thought to myself, she is dead.  As soon as she thought of this, the girl turned her head towards me.  and looked straight into his eyes.  I panicked for a moment.  I got sweaty.  My fear can be seen in my hair.


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रविवार, फ़रवरी 20

चाहत और भी है-भाग 11 Want More - part 11

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 11


अरु अब हर रोज़ अपने सपनो को, इन पालो को जिया करता है। इस तरह उसकी जिंदगी के वो सबसे खास पाँच दिन बन गए। जिसका एक एक पल उसके दिल और दिमाग मे छ्प गया।(मैं आप को सब बताना नहीं चाहता। और बताने के लिए कोई शब्द भी नहीं है।) आज पूरे पाँच दिन हो गए। सारा के साथ। अब अरु को ड्यूटी भी जाना है। क्योंकि वो भी जरूरी है। सुबह हि अरु ने तैयारी कर ली। सारा ने पुच्छा क्या कर रहे हो ?कुछ नहीं जाने कि तैयारी कर रहा हूँ। अरे ये क्या, तुम रो क्यूँ रही हो? हमेशा के लिए तो नहीं जा रहा। फिर आ जाऊंगा, जब तुम बुलाओगी। सारा देखो तुम्हारे ये आंसू बहुत कीमती है। मेरे लिए मत बहाओ।  सारा ने कहा- अरु आप मत जाओ , मैं आप के बिना नहीं जी सकती। मुझे छोड़ कर मत जाओना। मैंने कहा - देखो काम नहीं करूँगा तो तुम्हें और हमारे बच्चे को कैसे पालुन्गा? आप हि बताओ ? तुम्हारे आंसू निकल रहे है, अब मैं इन्हे पी लेता हूं। आप मुझसे जितना प्यार करती हो, उतना प्यार कोई और नहीं कर सकती। आओ मेरी बाहों मे और सुनो मेरे दिल कि धड़कन। जो तुम कहती हो, मेरा दिल भी वही कहता है। मैं भी चाहता हूँ कि हमेशा के लिए तुम्हारी बाहों मे इसी तरह से रह जाऊ। कहीं ना जाऊ तुम्हें छोड़ कर, पर दिल पर पत्थर रख कर, हर बार जाना हि पड़ता है। घर परिवार को छोड़ कर जाना हि पड़ता है। जितना दर्द तुम्हें हो रहा है उतना हि मुझे भी हो रहा है। दिल के दर्द को दिल मे हि दबाना पड़ता है। फिर सारा ने कहा - ठीक है आप जाओ पर जल्दी आ जाना।




This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

 Want More - part 11

Aru now lives his dreams every day, on these feet.  In this way they became the most special five days of his life.  Whose every moment was hidden in his heart and mind. (I don't want to tell you everything. And there are no words to tell.) It's been five full days today.  with Sarah.  Now Aru has to go to duty also.  Because that too is necessary.  In the morning, Aru made preparations.  Sara asked what are you doing? I do not know that I am preparing.  Hey what, why are you crying?  It's not going forever.  I will come again when you call.  Look all, these tears of yours are very precious.  Don't shed for me  Sara said- Aru you don't go, I can't live without you.  Don't leave me.  I said - look, if I will not work, then how will I take care of you and our child?  you tell me  Your tears are coming out, now I drink them.  No one else can love you as much as you love me.  Come in my arms and listen to the beat of my heart.  Whatever you say, my heart also says the same.  I also want to stay like this in your arms forever.  I don't go anywhere except you, but you have to go every time, keeping a stone on your heart.  Have to leave home and leave the family.  I am also feeling as much pain as you are suffering.  The pain of the heart has to be suppressed in the heart itself.  Then Sarah said - okay you go but come early.

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शनिवार, फ़रवरी 19

शायरी RS14

बहुत छोटी बात है ये.
 लेकिन कहना भी जरुरी है.
 जिंदगी तो मेरी ही है ये.
 लेकिन आप का होना जरुरी है.
This is a very small thing.
 But it is also necessary to say.
 Life is mine.
 But you have to be.

दिल में ना जाने कैसे तेरे लिए इतनी जगह बन गई।
तेरे दीदार की उम्मीद मेरे जीने की वजह बन गई।
I don't know how there was so much space for you in my heart.
 The hope of your presence became the reason for my living.

खूबसूरत है तू बहुत ज्यादा
 संगममार कहता पर तू पत्थर नहीं
 चांद ने कहा उस रोज मुझसे
 तुझसे ख़ूबसूरत तो वो भी नहीं
You are very beautiful
Sangammar says but you are not a stone
The moon told me that day
she's not even prettier than you

निन्द नही आती जब तेरी याद आती है।
करवटे बदलते हुए रात बीत जाती है।
शिकायते तो बहुत सारी है मुझे तुझसे
शिकायते भूल जाता हूं जब तू आती है।
Can't blame when I miss you.
The night passes by changing sides.
I have so many complaints with you
I forget complaints when you come.

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मेरी जीवन यात्रा भाग -1 my life journey part -1

आज मैं हर दिन कि तरह सुबह ड्यूटी जाने को जल्दी उठा। तैयारी कि और ड्यूटी आ गया। मैं यहाँ सिक्युरिटी गार्ड कि नोकरी करता हूँ। शापर्स स्टॉप एक बहुत बड़ा मोल है, यहाँ मैन्स वेअर, लेडीज वेअर, किड्स वेअर, ब्यूटी सामान, वोच और कई सारी चीज़ खरीद सकते है। वैसे तो मेरा काम हरदिन मोल के अंदर हि हुआ करता है। पर आज मुझे मेन गेट पर काम दिया है। इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि काम कहा दिया है। फ़र्क इस बात से पड़ता है आप कर सकते है या नहीं।गार्ड का जॉब करना इतना भी आसान नहीं होता, बहुत पेसेन्स रखना होता है। कई सारे कस्टमर आते है उनका स्वागत करना होता है।उन पर ध्यान रखना है, खैर आज मेन गेट पर खड़ा अपना काम रहा हूँ। तभी मेरी नज़र उस पास वाली रोड पर गई, मैंने देखा वहाँ एक चुहा(मुसक) उस रोड के दूसरी ओर एक गड़े से बाहर आया। शायद वो किसी शिकारी से बचना चाहता है। पर जीस तेजी से वो बाहर आया,उसी तेजी से अंदर भी चला गया। क्योंकि जब वो बाहर आया तो वहाँ से  तेज गाड़ी गुजर रही थी। मौत सामने भी थी। उसके पीछे कुआँ और सामने खायी थी। फिर वो तेजी से बाहार आया। पूरा जी जान से रास्ते के दूसरे किनारे कि ओर भागा। मैने भगवान से कहा प्रभु बचा लो इसे। और हुआ भी यही वो रास्ते को पार करने मे सफल हो गया। एक पास के गड़े मे घुस गया।लेकिन फिर बाहर आया और फुट पाथ को पार करने लगा। वहीं से एक कार मेन रोड कि ओर निकल रही है। उसके सामने के टायर के सामने वो आ गया ।मैंने भगवान से फिर एक बार प्रर्थना कि, वो फिर एक बार बच गया। सामने के टायर के पास से वापिस हुआ, लेकिन थोड़ी देर मे फिर वो उसी कार कि ओर भागा। और पीछे के टायर के नीचे आ गया। ये सब इतना जल्दी हुआ कि मैं प्रर्थना भी नहीं कर सका। उसकी जान चली गई। मुझे बहुत दुःख हुआ। कुछ देर बाद उसे सफाई कर्मि ने उठा कर ले गया। आज हि मैंने वो गार्ड कि जॉब छोड़ दी। आज मुझे लगा कि भगवन मेरी बात सुनते है। लेकिन मृत्यु को भगवान भी नहीं रोक सकते, ये एक सत्य है।

Today, like every day, I woke up early to go to duty in the morning.  The preparation duty has arrived.  I work here as a security guard.  Shapers Stop is a great deal where one can buy mens wear, ladies wear, kids wear, beauty accessories, watches and many more.  By the way, my work is done inside the mole every day.  But today I have been given work at the main gate.  It doesn't matter where the work is done.  It makes a difference whether you can do it or not. It is not that easy to do the job of a guard, you have to keep a lot of money.  Many customers come and have to welcome them. They have to be taken care of, well today I have been doing my work standing at the main gate.  Then my eyes went to that nearby road, I saw there a mouse (Musk) came out of a pit on the other side of that road.  Maybe he wants to escape from a hunter.  But he came out fast and went inside at the same speed.  Because when he came out, a fast car was passing from there.  Death was ahead.  There was a well behind him and a ditch in front.  Then he came out hurriedly.  All his life he ran towards the other side of the road.  Said to God, Lord, save it.  And this is what happened, he was successful in crossing the path.  One entered a nearby pit. But then came out and started crossing the footpath.  From there a car is moving towards the main road.  He came in front of his front tyre. I prayed to God once again, he got saved once again.  Turned back from the front tire, but after a while again he ran towards the same car.  And came under the rear tire.  It all happened so quickly that I couldn't even pray.  He lost his life.  I feel so sorry.  After some time, the sweeper picked him up and took him away.  Today I left that guard job.  Today I felt that God is listening to me.  But even God cannot stop death, this is a fact.


 
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सोमवार, फ़रवरी 14

चाहत और भी है-भाग 10 Want More - Part 10

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 10

                             थोड़ा सोया थोड़ा जागा रात भार करवटे बदलता वो रात भी निकल गई। सुबह अरु सारा के घर गया और उसके पापा से बोला। मैं सारा को अपने साथ घर ले जाना चाहता हूँ। उसने कहाँ नहीं जा सकती। अभी बहुत काम है। अरु ने फिर कोशिश कि, लेकिन वो नहीं माने। अरु वहाँ से उठ कर आ गया। उसके मम्मी पापा खेत चलें गए। अरु उसे साथ लेकर हि जाना चाहता है। अरु ने दीदी से कहा, सारा भी हमारे साथ चलना चाहती है वो रो रही है, जीजू ने ये बात सुन ली, तो जीजू ने उसे बुलाया और कहा तुम जाओ, मैं तुम्हारे मम्मि पापा से बात कर लूँगा। सारा खुश हो गई। फिर दीदी, मैं और सारा तीनो समानगांव से निकले। अरु को बैंक का कुछ काम था, तो तीनो जड़मा पर उतर गए। गर्मी बहुत है, धूप भी है, अरु ने कहा आप बस स्टेशन पर हि रुको, मैं आता हूँ। बोल कर बैंक आ गया। काम पूरा कर के जल्दी वापिस आ गया। कुछ देर बाद हि बस आयी वो तीनो उसमें चढ़ गए ।बस पूरी तरह से यात्रियों से भारी है, गर्मी के कारण अरु को पसीना आ रहा है। दीदी किसी से बात कर रही है, शायद उनके पहचान के लोग है।सारा ने अपनी चुनर से अरु के गले का पसीना पोछना शुरू किया। अरु को थोड़ी घबराहट हुई, यहा बहुत सारे लोग है। फिर आड़ू ने खुदको संभाला और प्यार से सारा के माथे पर अपने मुँह से फुक मारनी शुरु कि। उसे भी बहुत पसीना आ रहा है। उन्होंनेे सोचा दूसरी बस से जाएँगे वो बस से वहीं उतर गए। कुछ देर बस स्टेशन पर फीर बैठे और बात करते रहे। दूसरी बस आने पर उसमें जाकर बैठ गए और श्याम होते होते घर तक पहुँच आए। वैसे रास्ते मे अरु और सारा दोनों पैदल निकले। दीदी और भाई बाद मे आए। भाई रास्ते मे मिला तो दीदी के साथ कुछ काम से रुक गया। श्याम तक घर पहुंचे। आज वो दोनो दोबारा मिले। सारा जहां सो रहा है वो दोनों जाग रहे है। खुला आसमान है, चन्द्रमा चारों दिशाओं मे रौशनी बिखेर रहा है। उनके सामने सितारों कि रौशनी फीकी जान पड़ती है। सितारे चन्द्रमा का साथ दे रहे है। उन्हीं कि रौशनी मे दोनों लेटे है।वो ठंडी-ठंडी हवा गरम माहौल को सुकुन देने वाली है। चाँद कि रौशनी मे सारा का शरीर चॉन्दी कि तरह चमक रहा है ।ऐसा लग रहा है मनो आज दो चाँद एक साथ उदित हुए हो। सितारों ने आज जिस तरह चान्द का साथ दिया।उसी तरह से उन दोनों ने एक दूजे को सोप दिया। इस पल को शायद फिर कभी जी पाये। पर इस पल को वो रोज़ अपने सपनो मे जीते है।



The story is completely fictional, it has no relation to any person, thing, or place.

Want More - Part 10

Sleeping a little, waking up a little, changing the weight of the night, that night also passed.  In the morning Aru went to Sara's house and spoke to her father.  I want to take Sarah home with me.  Where can't she go?  There's still a lot of work.  Aru tried again, but he did not listen.  Aru got up from there and came.  His parents went to the farm.  Aru wants to take her along.  Aru said to Didi, Sara also wants to go with us, she is crying, Jiju heard this, then Jiju called her and said you go, I will talk to your mother and father.  Sara became happy.  Then didi, me and all three came out of the same village.  Aru had some work in the bank, so all three got down on the road.  It is very hot, it is sunny too, Aru said, you wait at the bus station, I will come.  The bank came after speaking.  After completing the work, he came back early.  After sometime the bus came, all three of them got into it. The bus is completely heavy with the passengers, Aru is sweating due to the heat.  Didi is talking to someone, probably people of her identity. Sara starts wiping the sweat from Aru's throat with her chunar.  Aru got a little nervous, there are a lot of people here.  Then Peach took hold of herself and lovingly started smacking Sara's forehead with her mouth.  He is sweating a lot too.  He thought that he would go by another bus, he got down from the bus there.  Sitting at the bus station for some time and talking.  When the second bus arrived, he sat in it and reached home by being shy.  By the way, both Aru and Sara set out on foot.  Didi and brother came later.  When the brother met on the way, he stopped for some work with Didi.  Shyam reached home.  Today they met again.  Where Sara is sleeping, both of them are awake.  The sky is open, the moon is spreading light in all directions.  The light of the stars seems to fade in front of them.  The stars are supporting the moon.  Both are lying in the same light. That cool and cold air is going to give relief to the hot atmosphere.  Sara's body is shining like silver in the light of the moon. It is as if two moons have risen together today.  The way the stars supported the moon today. In the same way, both of them gave soap to each other.  Maybe you can live this moment again.  But he lives this moment in his dreams every day.

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चाहत और भी है-भाग 9 Want More - Part 9

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 9


ये एहसास अरु कि जिंदगी का सबसे प्यारा एहसास है, और यादगार भी है। वो दोनों बहुत देर तक ऐसे हि खड़े रहे। सारा वहाँ से चली गई। कुछ देर बाद वो फिर आयी वो नहा ली है । चलो आप भी नहा लो, मैंने नहा ली हू। अरु नहाने के लिए उठा और बाथरूम मे चला आया, सारा भी पीछे-पीछे आ गई। उसने पानी निकाला और अरु को नहलाने लगी, इधर-उधर छेड़खानी करने लगी।  उसने पानी नहलाने के बहाने अरु के पूरे शरीर को छुआ। अरु को नहलाया। तौलिये से अरु के शरीर के ऊपर से पानी कि बूंदो को पोछा। फिर सारा ने अपनी सफ़ेद चुनर लगाने को दी। फिर वो दोनों वापिस आ गए। सारा रोटी बनाने लगी। अरु उस बच्ची के साथ खेलने लगा। और उसकी तरफ भी देखता। वो रोटी बनाती हूँये, अरु कि ओर देखती, मुस्काति है, कभी कभी शर्मा जाती है। अरु का भी कुछ इसी तरह का हाल है। उसने रोटी बना ली और वो दोनों खाना खाने लगे। सारा अरु को अपने हाथों से खिला रही है। आज अरु वो सपना पूरा हो रहा है। जो उसने सबसे पहले देखा था। अरु भी सारा को अपने हाथो से खिला रहा हैं।

           अरु ने कहा, मैंने आप को पहचाना नहीं। हा मुझे पता है, तभी तो उधर जा कर मैंने कॉल कि आप को। कोई बात नहीं अब तो पहचान लिया ना मुझे। हा पहचान लिया।  तुम्हारा पैर तो सही है? हा मेरा पैर सही हो गया है। थोड़ा अभी भी दर्द होता है, देखो। उसने अपना पैर अरु कि ओर सरकाया, अरु ने उसके पैर को अपने हाथ मे लिया और पैर को किस किया।अरु कुछ नहीं बोला, सारा ने अपना पैर शर्मा कर खिच लिया। और उठ कर अरु कि गोद मे बैठ गई। फिर खाना खिलाने लगी। अरु ने कहा मैंने आप को आज तक नहीं देखा, आज पहली बार आप को देख रहा हूँ। चल झूठे ऐसे हि प्यार कर लिया क्या? नहीं ऐसे तो नहीं पर मैंने लंगड़ी लड़की से प्यार किया और मैंने तुम्हारी आँखे हि देखी थी। मूझे क्या पता कि तुम इतनी सुंदर हिरोयिनि निकलोगी। शर्माते हुए चल झूठे तुम्हरी किसी भी बात पर मुझे भरोसा नहीं। भरोसा नहीं तो फिर प्यार क्यूँ किया? मैं तो नहीं कर रही थी पर ये दिल भी तुम्हारी तरह धोखेबाज निकला। बस करो अब नहीं खिला रहा पेट भर गया। अभी कहा और खाओ आपको अभी मेहनत भी तो करना है। अच्छा तो अब आप मेहमानों से भी काम कराओगी। आप मेहमान नहीं है आप तो मेरे वो है । अच्छा अब आप भी खाओ आपकि कमर मे भी जोर होना चाहिए। तभी तो मेहनत का फल मिलेगा। वो फिर से मुस्कुराते हुए चल झूठे।

    ऐसा बोल हि रही थी कि तभी किसी के आने का अहसास हुआ, वो दोनों अलग हो गए। सारा कि सहेली आयी है। ये सारा क्या कर रही है? चल कपड़े धोने चलते है। हा रुक ज़रा थोड़ी देर। ऐसा बोलते हुए हाथ धोकर कपड़े लेने चली गई। मैंने भी हाथ धोया और उठ कर दूसरी जगह पर बैठ गया। वो कपड़े लेकर आयी फिर बोली मैं कपड़े धोने तालाब पर जा रही हूँ। आप कहीं मत जाना घर मे रहना। फिर उसने किस किया और वो चली गई। अरु भी बिस्तर लगाया और सो गया। 

आज कि श्याम एक नए एहसास और उमंग से भार रही है अरु दीदी को कल घर ले कर जाने वाला हैँ। और उसके घर रुकने का आज हि एक दिन है। ये बात वो भी जानती है और अरु भी जनता है। इसलिए वो दोनों श्याम को मिलना चाहते है। दोनों संदेश पर बात कर रहे है। बार बार मिलने कि बात होती है पर सारा डर रही है। अरु ने कहा यदि आज नहि मिले तो कभी नहीं मिलूंगा और बात भी नहीं करूँगा। अब उसने कहा रुको मैं आती हूँ। उस रात दस बजे लगभग वो आ गई। दीदी के घर के पास आँगन मे वो दोनों मिले, उन्होंंने एक दूजे को गले से लगाया। बरसो से दबे अरमानों को उन्होंने पूरा किया। समय कि कमी है इसलिए कुछ जल्दी हि वो वापिस हो गए। पर मन नहीं मान रहा था। उस समय तो वो चलें गए, पर अरु सोते हुए सोच रहा है कि यदि वो भी मेरे साथ चलें तो कितना अच्छा होता? क्या उनके घर से उसे मेरे साथ जाने देंगे? क्या बोलना होगा?





This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

Want More - Part 9

This feeling is the sweetest feeling of life, and also memorable.  Both of them stood like this for a long time.  Sara left from there.  After sometime she came again, she has taken bath.  Come take a bath, I have taken a bath.  Aru got up to take a bath and went to the bathroom, Sara also followed behind.  She took out water and started bathing Aru, flirting here and there.  He touched Aru's whole body on the pretext of taking a water bath.  Bathed Aru.  Wipe the drops of water from the top of Aru's body with a towel.  Then Sara gave her white chunar to put on.  Then they both came back.  Everyone started making bread.  Aru started playing with the girl.  And looks at him too.  She makes roti, looks at Aru, smiles, sometimes she gets shy.  Aru also has a similar situation.  He made bread and both of them started eating.  Sara is feeding Aru with her own hands.  Today that dream is coming true.  which he had seen first.  Aru is also feeding Sara with his own hands.

 Aru said, I did not recognize you.  Yes, I know, that's when I went there and called you.  It doesn't matter, now you don't recognize me.  I recognized it.  is your leg right?  Yes, my leg is fine.  It still hurts a little, look.  He moved his leg towards Aru, Aru took her leg in his hand and kissed the leg. Aru did not say anything, Sara pulled her leg shyly.  And got up and sat on Aru's lap.  Then started feeding.  Aru said I have not seen you till today, today I am seeing you for the first time.  Have you fallen in love like a liar?  No it's not like that but I fell in love with a lame girl and I saw your eyes only.  I don't know that you will turn out to be such a beautiful heroine.  I don't trust anything about you liars.  If you do not trust then why did you love?  I was not doing it but this heart also turned out to be a deceiver like you.  Just do not feeding now the stomach is full.  Where and eat now, you still have to work hard.  Well, now you will get the guests to work too.  You are not a guest, you are my that.  Well now you eat too, there should be emphasis in your waist too.  Only then will you get the fruits of your hard work.  He smiled again and walked away.

 It was being said that when someone realized the arrival of someone, they both got separated.  Sarah's friend has come.  What is all this doing?  Let's go to the laundry.  Hey wait a while.  Saying this, after washing her hands, she went to get clothes.  I also washed my hands and got up and sat in another place.  She brought clothes and then said, I am going to the pond to wash clothes.  You don't go anywhere, stay at home.  Then she kissed and she left.  Aru also made bed and fell asleep.

 Today Shyam is filled with a new feeling and enthusiasm, Aru is going to take Didi home tomorrow.  And today is the day to stay at his house.  She also knows this and Aru is also a public.  So they both want to meet Shyam.  Both are talking on the message.  There is talk of meeting again and again but everyone is scared.  Aru said that if I do not meet today, I will never meet and I will not even talk.  Now she said wait, I will come.  She came that night around ten o'clock.  They both met in the courtyard near Didi's house, they hugged each other.  He fulfilled the long-held desires.  There is a paucity of time, so he came back soon.  But the mind was not agreeing.  At that time they left, but Aru is sleeping thinking that how good it would be if he also walks with me?  Will you let him go with me from his house?  What will I have to say?

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शायरी RS13

दिल के अरमानो को नीली श्याहि से
कागज पर उतार दिया मैंने भी
लाजवाब कि है महोब्बत कई दिनों से
गुलाब देकर इजहार कर दिया मैंने भी।

 ❤️ हैप्पी वैलेन्टाइनस डे ❤️

Heart's desires with blue ink.
I also put it on paper.
It is wonderful that love has been there for many days.
I also expressed it by giving roses.

❤️Happy Valentines Day❤️

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शायरी RS12

ना कोई वादा किया था हमने

ना कोई बन्दिसे थी हमारी

अलग अलग रास्तो पर चल दिए

मंजिले अलग अलग थी हमारी

we did not promise

we had no prisoners

went different ways

Our floors were different


यादे तो बहुत है उनकी मेरे पास

बंद करके दिल मे छुपा रखी है।

अकेले मे दिल खोल कर देखता हूँ

फिर से मैं जीता हूँ यादो को तुम्हारी

I have so many memories of them

Closed and hidden in the heart.

open my heart alone

again i live the memories of yours


तुम इतनी भी खूबसूरत नहीं लगती, ज़माने को ।

मेरे लिए तो तुमसे खूबसूरत कोई नहीं, ज़माने मे।

You don't even look so beautiful, to the world.

For me there is no one more beautiful than you, in the world.

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शनिवार, फ़रवरी 12

चाहत और भी है-भाग 8 Want more - part 8

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 8

अरु उससे बात कर रहा हैं तभी वहाँ एक लड़की आयी बहुत खुश लग रही है आँखो मे काजल, ओठों पे लाल गुलाबी सी लिपस्टिक ,पूरे मेकअप मे सज धज के ,दोनों हाथो मे गुलाल लिए ,आते हि उसने अरु के गालो पर गुलाल लगाने लगी और कहा हैपि होली ।अरु ने भी उसे हैपि होली कहा उसने गुलाल कि थैली अरु के हाथो मे दी, वो चाहती थी कि अरु भी उसे गुलाल लगाए,पर अरु ने वो थैली बाजु मे रख दी।जब अरु ने उसे गुलाल नहीं लगाया तो उसने अरु के गाल से रंग को अपनी छुन्रि मे छोड़ा साफ किया ।फिर अरु के गालो का चुम्मा लेने लगी, अरु ने उसे रोकते हुए दूर धक्का दिया । दरअसल बात ये थी कि जिस लड़की को अरु ने देखा था, उसका चेहरा अरु ने नहीं देखा था। और जिस लड़की को वह चाहता था वो लंगड़ी थी,तो अरु ये सोच मे था, कि ये कौन है ?क्या ये लड़की सारा है ?क्या मैं जिससे बात करता हूँ ये वही है ?और वो लड़की कहा है जो लंगड़ी है।अब तो अरु को बड़ा हि अजीब सा लगा । उस लड़की को धक्का दिया तो उसे क्या हुआ पर वो चली गई ।थोड़ी देर मे सारा का कॉल आया अरु ने तुरंत फोन उठाया और कहा तुम कहा हो ।मैं तुम्हारा इंतजार कर रहा हूँ ।तब उसने कहा ,तुम्हें क्या हुआ है ? मुझे धक्का क्यूँ दिया ,मैं पसंद नहीं हूँ क्या ? तब अरु को समझ आ गया कि तीनो सारा हि है, अरु ने कहा, कुछ नहीं थोड़ा शर्मा रहा हूँ।, तुम हि कुछ करो। सारा एक बच्ची को गोद मे लिए फिर आयी, इस बार अरु ने उसे जी भार के देखा, बच्ची उसकी कमर के उभार घुमवदार मोड़ पर एक पाव आगे और दूसरा पाव पीछे कि ओर किये हुए बैठाइ हुई है। मानो कि वो कहना चाहती हो कि मुझे भी ऐसी बच्चा चाहिए। अरु ने गुलाल लिया, गालो पे धीरे-धीरे लगाया, तो वो दूसरी तरफ घूम गई ।फिर गले पर और गर्दन पर लगाते हुए अपना हाथ उसकी छाती तक ले गया।अरु कि सांसे तेज हो रही है, थोड़ी घबराहट भी हो रही है, अरु कि धड़कन बहुत तेज हो रही है। सारा कि  धड़कन भी बहुत ज्यादा है। उसके सीने पर गुलाल मलते हुए अरु ये महसूस कर रहा है ,उसके दिल कि धड़कन अरु अपने हाथ पर साफ साफ महसूस कर पा रहा है।,जितना जोस अरु के अंदर है उससे कहीं ज्यादा सारा के अंदर लग रहा है ।वो बिलकुल मदहोश हो गई है। उसका पीछे का शरीर अरु के आगे के शरीर से चिपक गया है।सारा का और बच्चे का बजन अरु के ऊपर आ गया है। कुछ गुलाल सीधा उसकी कुर्ती मे अंदर उसके उभरे हुए भाग मे गिर रहा है। अरु ने अपना हाथ रोक लिया ।कुछ देर दोनों ऐसे हि खड़े  रहे। समय भी रुक गया सांसे तेज हो गई। बाकी सब सन्नाटा हो गया। कुछ देर बाद सारा ने कहा अब मुझे किस करो, अरु ने कहा आप करो। सारा ने कहा मैंने आप के गालो पर किया ना, अब आप मेरे ओठों पर करो। अरु थोड़ा एक तरफ बैठ गया ।वो ज़रा नाराज हो गई और बोली तुमसे कुछ नहीं होगा । चल बेटी घर चलते है । बोलते हुए बाहर निकल गई ।अरु के पूरे बदन मे करेंट सा लगा ,वो भी बाहर निकला और सारा का हाथ पकड़ के पास वाली दिवार से चिपका कर ,फिर ओठों से ओठ लगा दिए ,बिना किसी कि फ़िक्र के बहुत देर तक किस किया ,फिर दोनों अलग खड़े हो गए और उस एहसास को उस छन्न को फील कर रहे है। ये एक गज़ब का एहसास है। बहुत कुछ हो रहा है, पर वो कुछ बता नहीं पा रहा, क्योंकि उसके पास इस समय को, इस अनुभव को बताने के लिए शब्द नहीं है। ये वैसा है जैसे कोई गूंगा आम का फल तो खाता है, पर उसके स्वाद को बता नहीं सकता। सिर्फ मेहसूस कर सकता है और आज अरु भी वहीं कर रहा है।



This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

 Want More - part 8

 Aru is talking to her when a girl came there looking very happy, mascara in her eyes, red pink lipstick on her lips, adorned in full makeup, with gulal in both hands, she started applying gulal on Aru's cheeks.  And said happy holi. Aru also called her happy holi. She gave the bag of gulal in Aru's hands, she wanted Aru to apply gulal to her, but Aru kept that bag on the side. When Aru did not apply gulal to her, she  She cleaned the color from Aru's cheek, leaving it in her pimple. Then began to kiss Aru's cheeks, Aru stopped her and pushed her away.  Actually the thing was that Aru had not seen the face of the girl whom Aru had seen.  And the girl he wanted was lame, so Aru was thinking, who is this? Is this girl Sarah? Is this the one I talk to? And where is that girl who is lame. Now then  Aru felt very strange.  Pushed that girl, what happened to her but she left. After a while, Sara's call came. Aru immediately picked up the phone and said where are you. I am waiting for you. Then she said, what happened to you?  Why did you push me, I don't like what?  Then Aru understood that all three are all there, Aru said, I am a little shy nothing. You should do something.  Sara came again with a baby girl in her lap, this time Aru looked at her with a heavy weight, the girl is sitting on the curved bend of her waist with one leg forward and the other leg backward.  As if she wants to say that I also want such a child.  Aru took gulal, slowly applied it on the cheeks, then she turned to the other side. Then, putting her hand on the neck and neck, Aru took her hand to her chest.  Aru's heartbeat is getting very fast.  The whole heartbeat is also very high.  Aru is feeling this while rubbing gulal on her chest, Aru is able to feel her heartbeat clearly on his hand.,Sarah is feeling more Jose inside than Aru is inside. He is absolutely intoxicated.  Has been.  Her back body is stuck to Aru's front body. Sara's body and the child's weight have come on Aru's.  Some gulal is falling directly on the protruding part of his kurti.  Aru held his hand. Both stood like this for some time.  Time also stopped, breathing became faster.  Everything else fell silent.  After sometime Sara said kiss me now, Aru said you do.  Sara said, I did it on your cheeks, now you do it on my lips.  Aru sat aside for a while. She got a bit annoyed and said nothing will happen to you.  Come on, let's go home.  She went out while speaking. Aru felt like a current in her whole body, she also came out and held Sara's hand by sticking it to the wall near by, then kissed her lips for a long time without any worries,  Then both stand apart and are feeling that feeling.  This is a wonderful feeling.  A lot is happening, but he is not able to tell anything, because he has no words to describe this time, this experience.  It is as if a dumb person eats the fruit of mango, but cannot tell its taste.  Can only feel and today Aru is doing the same.

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शुक्रवार, फ़रवरी 11

शायरी RS11

आशिकी

जला देती है आशिकी, आशिक को।

वो उफ तक नहीं करता।

जब प्यार हो दिल मे, प्यार करता है।

वो जब तक नहीं मरता। 

Aashiqui burns the lover.

He doesn't even do that.

When there is love in the heart, it loves.  Until he dies.


साथ साथ तो चलती हो तुम।

लेकिन परछाइ मात्र हो।

तप्त रेगिस्तान मे पानी सा तुम।

एक एहसास मात्र हो।

Together you go.

But be only a shadow.

You are like water in a hot desert.

Just have a feeling.

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गुरुवार, फ़रवरी 10

चाहत और भी है-भाग 7 Want More - Part 7


यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 7

अरु ने उनके सर से आठ दिन पहले हि छुट्टी जाने को बोल दिया। क्योंकि ,उसे दो मार्च तक सारा के पास पहुछ्ना है। इसलिए एक दिन पहले हि वो और मैं ट्रेन से निकला। जिस ट्रेन से हमें जाना है, उसी ट्रेन से अरु कि दीदी भी घर जाने वाली है। लेकिन एक गड़बड़ हो गई , जिस ट्रेन से हमें जाना है, वो ट्रेन हमसे मिस हो गई, लेकिन दीदी उस ट्रेन में बैठ गई, दीदी का टिकिट भी हमने ले लिया था ,इसलिए दीदी बिना टिकिट हि ट्रेन मे बैठ गई। हमने दूसरी ट्रेन से जाने का सोचा, जो कि ब्रिक्रोप स्टेशन तक के लिए है। हम उस ट्रेन मे बैठ गए, दीदी के पास टिकट नहीं होने के कारण  TC ने उन्हेंं  नर-मादा स्टेशन पर उतार दिया।दीदी ने अरु को फोन किया और रोने लगी। अरु से कहा भाई, अब क्या करुँ ,मुझे नर-मादा स्टेशन पर उतार दिया। अरु ने कहा डर मत, मैं  पीछे वाली ट्रेन से हि आ रहा हूँ। तुम इस ट्रेन मे चढ़ जाना और अगले स्टेशन  पर उतर  जाना, दीदी ने वैसा हि किया । हम तीनो ब्रिक्रोप स्टेशन पर उतर गये। पर यहाँ से कोई बस या ट्रेन नहीं थी जो उन्हें उनके घर तक पहुचा सके ,फिर हमने मैंगोला स्टेशन तक बस लेली ,हम तीनो मैंगोला स्टेशन आने के  बाद, मेरे घर आकश्वानी आ गए । एक मार्च को अरु को सारा से मिलना था। पर अरु अब मेरे घर आ गया है। वो अब तक मेरे आने कि राह देख रही होगी। अरु ऐसा सोच हि रहा था तभी, सारा ने रात दस बजे को कॉल किया और अरु से पूछ, अरु आप कहा हो, मैं आप कि राह देख राही हूँ। अरु ने सारा को सब बता दिया ।जो कुछ भी हुआ ,उसने कहा कोई बात नहीं पर मैं सबसे पहले तुम्हारे हि रंग मे रंगूगी या फिर होली नहीं खेलुगी। मैंने भी कहा चाहे जान चली जाए ,मैं आऊँगा जरूर। और भी बात करते करते बारह बज गए तभी अरु ने सारा से कहा happy birthday।ये सुन कर वो खुश हो गई ।पल भर मे हि उसकी मायुसी दूर हो गई ।उसने भी अरु को थैन्क यू काहा।गुड नाईट बोल कर उन्होंने फोन रख दिया। फिर हम सो गए।

 आज सुबह जल्दी उठे और चाय पी कर अरु ने कहाँ अब हमें घर छोड़ दो उसे मैंने रोकने कि कोशिश कि पर मुझे पता है कि आज उसे किसी से मिलने जाना है। उसने कहा तुम चलो घर तक छोड़ दो। मैंने उन्हें घर तक छोड़ दिया। फिर वहाँ पर अरु ने झूठ बोला कि मैं दोस्त के साथ हि वापिस जा रहा हूँ । ऐसा बोल कर तुरंत हि दीदी को घर छोड़ कर मैं और अरु घर से निकल गए । अरु को बस स्टेशन पर छोड़ कर मैं घर वापिस चला।अरु बस मे बैठ गया ग्यारह बजे तक वो दिदि के गाँव घर पहुँच गया ।उसने देखा दीदी के घर कोई नहीं है  केवल भांजी है उससे पूछा दीदी कहा है,मामा, मम्मी तो खेत गई है,मुझे खाना बनाने का बोला है कहा है श्याम तक जल्दी आ जाउंगी पर  मुझे खाना बनाना भी नहीं आ रहा है। 



This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

Want More - Part 7

 Aru asked him to leave eight days before his head.  Because, he has reached Sara by March 2.  So a day before he and I got off the train.  Aru's didi is also going to go home by the same train by which we have to go.  But a mess happened, we missed the train by which we have to go, but didi sat in that train, we had also taken Didi's ticket, so didi sat in the train without a ticket.  We decided to take another train, which is till Brikrope station.  We sat in that train, because Didi did not have a ticket, TC dropped her at the male-female station. Didi called Aru and started crying.  Told Aru brother, what should I do now, dropped me at the male-female station.  Aru said, "Don't be afraid, I am coming from the back train.  You board this train and get down at the next station, Didi did the same.  All three of us got down at the Bricrop station.  But there was no bus or train from here that could take them to their home, then we took the bus till Mangola station, after coming to Mangola station, all three of us came to my house, Akashwani.  On March 1, Aru was to meet Sara.  But now Aru has come to my house.  She must have been waiting for my arrival by now.  Aru was thinking like this when, Sara called at ten o'clock in the night and asked Aru, Aru, where are you, I am looking for you.  Aru told everything to Sara. Whatever happened, she said it doesn't matter but I will first paint in your own colors or else I will not play Holi.  I also said that even if my life is lost, I will definitely come.  Talking more, it was twelve o'clock when Aru said happy birthday to Sara. Hearing this, she became happy. In a moment, her despair went away. She also said thank you to Aru. Saying good night, he hung up the phone.  Gave.  Then we slept.

 Woke up early this morning and after drinking tea, where did Aru leave us home now I tried to stop him but I know that today he has to go to meet someone.  He said, you leave till the house.  I left them at home.  Then there Aru lied that I am going back with a friend.  After saying this, I and Aru left the house immediately leaving Didi at home.  Leaving Aru at the bus station, I went back home. Aru sat in the bus. By eleven o'clock he reached Didi's village home. He saw Didi's house is no one. Only niece is there, asked her where Didi is, Mama, Mummy to farm  I have been told to cook, it is said that Shyam will come soon, but I am not able to cook.

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मंगलवार, फ़रवरी 8

जीवन अनमोल life is precious

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

जीवन अनमोल है।

कितनी मेहनत कि होगी उस शिल्पकर ने उस मूरत को तरासने मे, एक निर्जीव पत्थर को इस लायक बनाना कि जिसे देख कर लगे कि बस ये अभी कुछ कहने लगेगी, ऐसी अदभुद कला या उसकी मेहनत या उसकी लगन है । मैं सोचता हूँ यदि एक पत्थर को सजीव सा बनाने मे वो सिल्पकार कभी भी नहीं चाहेगा कि उसकी कला उसके सामने नस्ट हो । बार बार इसे देखेगा ख़ुश होगा लॉगो से अपनी तारीफ सुनना चाहेगा। उसकी ये सोच है तो उस परमात्मा कि क्या सोच होगी जिसने तुम्हें आत्मा (जान) दी। वो माता पिता तुम्हारे लिए क्या सोचते होंगे जिन्होंने तुम्हारे शरीर को तराशा है ,तुम्हें सामने देख कर उन्हें क्या ख़ुशी मिलती होगी,  ये पूरी कायनात जो तुम्हारा पालन पोषण करती है, हवा तुम्हारे स्वास से होकर तुम्हें सुगंध का अनुभव कराती है भोजन तुम्हें ऊर्जा प्रदान करता है मौसम आप की जिंदगी को उबने से दूर करता है रात शीतलता देती है। 

सब ने मिल कर जो तुम्हारी सुंदर काया बनायीं है तुम इसे क्यूँ खोना चाहते हो वो भी समय से पहले।

उसने कहा- मेरी जिन्दगी मे कुछ नहीं रहा मैं जिसे चाहती हूँ वो मुझे छोड़ कर चला गया उसे मेरी कोई परवाह नहीं उसने मुझसे कई वादे किए सब तोड़ दिए मैं उसके बिना नहीं जी सकती आपकी बातों का मुझ पर कोई भी असर नहीं होगा तुम चलें जाओ।

मैंने कहा- हा तुमने सच हि कहा हो सकता है मेरी बातों का तुम पर कोई असर नहीं होगा तुम्हार दिल जो टूट गया है ।और तुम आज मर भी जाना मैं तुम्हें रोक नहीं रहा और ना हि मैं आपके मम्मि पापा को मरने से रोकूंगा ।

उसने कह- वो क्यूँ मरेगे उनका किसी ने दिल नहीं तोड़ा।

मैंने कहा -क्यूँ तुम तो उनका दिल तोड़ने जा रही हो, जो छोड़ गया उसके लिए तुम मरोगी तो जो लोग तुम्हें बचपन से प्यार करते है उन लोगोें ने भी तुम्हारे बाद मरना चाहिए, फिर वो सब ने भी मरना चाहिए ,जो तुम्हारे माता पिता से प्यार करते है। अरे ये तो सब के साथ धोखा है । भाई तुम्हारा क्या सपने सजाये बैठे है बहन है सब को तुमसे उम्मीदें है । आशाएं है।

वो बोली- तो मैं क्या करुँ सब को एक ना एक दिन मरना हि है सो आज हि सही।

मैं बोला- मरना तो सब को है  मुझे भी और अकेले हि मरना है कोई साथ नहीं देगा मरने मे। लोग जीते जी साथ नहीं देते तो मरते मे क्या साथ देंगे और आज आप मर भी जाओगि तो फिर वापिस दोबारा नहीं आ सकती ये धरती ये आसमा ये बादल देखो उस पेड़ को कितना सुन्दर है ये फिर कभि नहीं देख सकती।और दुनिया मे एक व्यक्ति वोही नहीं है जिसे तुम प्यार करो ये सारी कायनात तुमसे प्यार करने को बेकरार है बस तुम एक बार देखो तो सही।

उसने मुस्कुराते हुए कहा-तुम्हरि ओर या ये पत्थर पहाड़ कि ओर

मैं भी मुस्कुराते हुए- दोनों एक से है चाहे जिसे चुन लो बस मौत को नहीं।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.


life is precious.

How much effort will that craftsman put into carving that idol, to make an inanimate stone worthy of being able to see that it will just start saying something, is such a wonderful art or its hard work or its dedication.  I think that if the craftsman in making a stone alive would never want his art to be destroyed in front of him.  Will be happy to see it again and again and would like to hear its praise from the logo.  If he has this thinking, then what would be the thinking of that God who gave you soul (life).  What would those parents think for you, who have carved your body, how happy they must have been to see you in front, this whole universe that nurtures you, the air through your breath makes you feel the aroma, food gives you energy  Does the weather take away your life from boiling, the night gives coolness.


 Everyone has made your beautiful body together, why do you want to lose it too prematurely.


 She said - there is nothing in my life, the one I want left me, he doesn't care about me, he broke all the promises he made to me, I can not live without him, your words will not have any effect on me, you go  Go.


 I said - yes you may have said the truth, my words will not have any effect on you, your heart which is broken. And even if you die today, I am not stopping you and neither will I stop your mother and father from dying.


 He said - why would he die, no one broke his heart.


 I said - why are you going to break their heart, you will die for the one who left you, then those people who love you from childhood should also die after you, then all those who were your parents should also die  loves to  Oh this is a hoax on everyone.  Brother, what are your dreams, sister is sitting, everyone has hopes from you.  There are hopes.


 She said - so what should I do, everyone has to die one day or the other, so today it is right.


 I said - everyone has to die, I too have to die alone and no one will support me in dying.  If people do not support you while you are alive, what will you support in death and if you die today, then you cannot come back again, this earth, this sky, look at this cloud, how beautiful that tree is, it can never see it again. And one person in the world  It is not the one whom you love, this whole universe is desperate to love you, just if you look once, it is right.


 He smiled and said - towards you or this stone towards the mountain


 Me too smiling - both are from the same no matter whom you choose, not just death.


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सोमवार, फ़रवरी 7

रेल गाड़ी-भाग 3


यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

रेल  यात्रा करना मुझे बहुत हि ज्यादा पसंद है और मैं बचपन से हि रेल यात्रा करता भी हूँ और ऐसी तरह कई किस्से कई बार जाने अनजाने बन हि जाते है । ऐसा हि एक किस्सा जो आज मैं आप को बताने रहा हूँ ।  भीषण गर्मी का मौसम है रेल तेज गति से शांत माहौल को चीरति हुई छूक छूक करती आगे को बड़ी जा रही है ।अपनी पूरी मस्ती मे मस्त बीच बीच में सिटी मरती है रेल के बाहर देखने से लग रहा है जैसे कि सारी दुनिया पीछे(विपरीत दिशा मे) भाग रहि है। और जब रेल किसी स्टेशन पर रुकने लगती है तो लगता है जैसे कि कोई बोलिवूड कि हिरोयिनि अपने हीरो से मिल रही हो । हजारों कि संख्या मे यात्री उतरते और चढ़ते है । तो कहीं से चाय चाय कि आवाज आती है तो कहीं से पानी पानी कि । मुझे तो स्टेशन पर उतर रहे इधर उधर थोड़ा घूमना अच्छा लगता है । तो हर बार कि तरह से इस बार भी मैं स्टेशन पर उतरा और मेरे पास हि चाय वाला आ गया मैंने एक चाय ले ली ओए वापस आया तो मैंने देखा मेरी शिट पर कोई लड़की बैठी है मुझे गुस्सा आया , मैं उसकि ओर बढ़ा और कुछ कहने हि वाला था कि वो उठ कर सामने वाली सीट पर जा बैठी । मेरा सारा गुस्सा हि गायब हो गया, लड़की कुछ चंचल स्वभाव कि है । मैं अपनी सीट पर बैठ गया चाय पिते हुए मैं उसे देख रहा हूँ उसकी काली नीली आँखे एक जगह नहीं ठहरति। उसके बाल कंधे से होते हुएं नोचे तक आ रहे है। मांग मे सिंदूर गले मे मंगल सूत्र और सूट पहने हुए। उसने मेरी ओर देख और पूछा आप कहा जारहे हो मैंने भी जवाब दिया और कहा आप कि स्माइल बहुत सुन्दर है आप कहा जा रही है उसने भी बताया फिर कहा जिसे मेरी स्माइल देखना है वो तो देखता नहीं। अच्छा तो वो कौन बाद नशीब है जिसे जिसे आपकी खूबसूरति  नहीं दिखाई दे रही।है मेरे पति देव।अच्छा तो क्या वो अंधे है । नहीं यार वो मुझसे प्यार हि नहीं करते। क्या बोलते है (हम दोनों दोस्त कि तरह हो गए है इस लिए मुझे बात करने मे कोई परेसानि नहीं है) 

उसने कहा जैसे आप मुझसे बात कर रहे है वैसी तो उसने कभी भी मुझसे बात नहीं कि हमेशा दूर दूर हि रहता है । साथ मे सोता है पर पास मे नहीं मैं यदि पास जाती हूँ तो वो दूर हो जाते है कभी कभी हि हम मिलते है वो भी उसका मन किया तो। मैं कितना भी काम कर लू कभी तारीफ नहीं करता।

आप को गाली तो नहीं देता, आप को मरता तो नहीं।

नहीं यार तुम नहीं जानते ऐसा कुछ नहीं है वो बस इतना चाहता है कि मम्मी पापा कि सेवा करुँ और करती भी हूँ ,कोई लड़ाई झगडे भी नहीं है फिर भी जो प्यार मुझे चाहिए वो तो नहीं है अब देखो कभी गोद मे भी नहीं उठाया कभि खाने को भी नहीं पूछा। कहीं भी आज तक घुमाने नहीं ले गया। तो क्या मैं सिर्फ एक नौकरानी हूँ।

नहीं आप तो सही बोल रही हो पर आप को कोई अच्छाई नहीं दिखती उसमें

दिखती है ,जब मैं मायका आती हूँ तब वो मुझे लेने आता है तब लगता है कि उसे मेरी जरुरत है पर सिर्फ लेजाने आता है बाकी तो फिर वहीं हाल कोई मतलब नहीं।

तो कोई बॉयफ्रेंड बना लो

अरे अब क्या बोलूँ मेरे से सब अच्छे से बात करते है  सादि से पहले मेरे कई बॉयफ्रेंड है मैंने सब किया है। सादि के बाद भी कर सकती हूँ अभी मेरी उमर हि क्या है सत्रह साल कि तो हूँ ।सादी के बाद तो और ज्यादा लड़के लाइन मरते है । मेरे गाँव मे तो सादी सुदा औरतो के भी बॉयफ्रेंड है। औरते भी कुअरे लड़कों को हि देखती है। पर मैं सोच रही हूँ अब इनको तलाक हि दे दूँ।

क्यूँ तलाक कि क्या जरुरत है।

अभी तो मेरी सादी कि उमर भी नहीं हुई है क्या हुआ है मेरा एक मंगल सुत्रा पहना है और माँग भरि है बस ,क्या बिगड़ गया मेरा अभी तो कई अच्छे अच्छे रिश्ते आ जाएँगे मेरे लिए। और सादी करके क्या हुआ जो सादी के बाद होता वोतो सब सादी से पहले भी होता है। सब करती है मैंने भी किया है। तो क्या हो गया।

हा आप तो सही बोल रही है आप को यही करना चाहिए। तभी उसे किसी ने आवाज दी कहा सीट मिल गई, उसने कहा अभी आयी जी।  और कहा यही मेरे पति है। ऐसा बोल कर चली गई । 

मैं सोचा हे भगवन अच्छा हुआ चली गई नहीं तो मेरा तो दिमाग हि हिला दिया ऐसा भी लोग सोचते है बताओ। मेरी तो चाय भी खत्म हो गई और रेल भी चलने लगी।

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रविवार, फ़रवरी 6

काम तो हर हाल में होगा।

काम तो हर हाल में होगा।

खुश रहो तो भी
दुखी हो तो भी
आमिर हो तो भी
गरीब हो तो भी

जीना तो हर हाल में होगा
काम तो हर हाल मे होगा
 
जिंदगी को कटना
जिंदगी को बिताना
ये तो बहाने है सब
हार जाने के

लड़ना तो हर हाल में होगा।
काम तो हर हाल में होगा।

खुशी मन से करो।
या मजबूरी में करो
रो रो कर करो
या मस्कुरा कर करो।

समय भी एक मजबूर होगा।
काम तो हर हाल में होगा।

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शनिवार, फ़रवरी 5

बरसते मेघो के बीच amidst the raining clouds

....ॐप्रमकथाॐ.....

देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!
.
मिली नजरे नजरो से,
तो बिजली कड़की, बढ़ाया हाथ जो उसने तो,
देखा मैने उस परि को,
गरजते मेघो के बीच!
देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!
.
लहराया आँचल जो अपना,
चल पड़ी शितल हवाय,
छुआ प्यार से उसने तो,
देखा मैने उस परि को,
भिगते हुये मेघो के बीच!
देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!
.
घीर घीर आए बादल,
जैसे बालो को झटका,
गले से लगाया अपने तो,
देखा मैने उस परि को,
भिगे कपड़ो के बीच!
देखा मैने उस परि को,
बरसते मेघो के बीच!

शुक्रवार, फ़रवरी 4

रेल गाड़ी-भाग 2

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

रेल गाड़ी-भाग 1


चलती हुई ट्रेन में यूही मेरी नजर घंडी की चलतीं सुईं पर गई, मेने देखा और महसूस किया की, वो उतनी ही तेज चल रही थी जितनी कि हमेशा चलती है पर हम इंसानों के चलने की गति कुछ ज्यादा हि होती हा रही है। आज लोग एक पल को सैकड़ो सालो के बराबर जि लेते है। आज हम इंडिया मैं तो कल नेपाल में या सयाद स्वर्ग में निवास करने लगे।अरे भाई ये क्या मैं तो बताना हि भूल गया मैं अभी हूँ ट्रेन के अंदर, ट्रेन मे मैं हमेशा सफर नहीं करता इस लिए मेरी तो पहचान का कोई नहीं है यहाँ। कभी कभी कुछ लोग पहचान के मिल जाते है तो कुछ अंजन लोगों से हि मिल लेते है चलो फिर ट्रेन कि शैर पर, अरे ये क्या कुछ लोग ऐसे खड़े है बीच रास्ते चलने को जगह भी नहीं है।और ये क्या देख रहा हूँ कुछ ने तो अपना डेरा ही जमा लिया है।सीट पर बैठे या सो जाए पर ये जनाब कहा मानते है नाचे हि बिछाकर सो गए कुछ का जुगाड़ देखो ऊपर मे चादर बांधकर उसमें सो गया। ऐसा लग रहा है जैसे ये ट्रेन हमर घर है या हम इस घर के मालिक।रेल का सफर होता हि है बड़ा प्यारा चाहे आप जो भी कहे।         

ओ हो तो आप ये जानना चाहते हो कि ये फोटो किस कि है? अरे धीरे-धीरे बोलो मार पिटेगी, अच्छा तो सुनो,  ये तो मुझे भी नहीं पता ये कौन है, पर मैंने चुपके से ये फ़ोटो खींच ली। मेरे सामने हि कि सीट पर तो बैठी है।अब आप को बता दिया आप किसी को मत बताना और ऐसी छिछोरेपन वाली हरकतें भी नहीं करना कहीं पकड़े गए और पीट गए तो। मैंने तो ले ली अगर अगर पकड़े गया होता तो  मुझे तो...अरे भाई मैं भी पगलो की तराहा कुछ भी दिए जा रहा हूँ...

चलों अब कोई गाना सुन लेते है, है ना...
               "साजन मेरा उसपार है, मिलने को दिल बेकरार है।"
मुझे ना ऐसे गाने बहुत पसंद है, चलती हुई ट्रेन हरन मार्ता हुआ इंजेन और बहती हुई सुर्ख हवा ,लोग अपनी अपनी बातो में मसहूर और मैं आपके साथ यहाँ का हाल बता रहा हूँ।
 

 फिर मिलेंगे चलते चलते।

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