शुक्रवार, मार्च 11

माँ चामुन्डा देवी दर्शन

सभी दोस्तों को आज सबसे पहले जय माता माँ। मैं आज माता चामुन्डा देवी दर्शन के लिए जा रहा हूँ। आप सभी के आशीष से माता रानी का आज बुलावा आया है। अभी मै ऐरपोर्ट प्रोजेक्ट रजकोट, जो कि हीरासागर बामनबोर मे काम चल रहा है, यहाँ हूँ। रात को काम करके सुबह सुबह हि रूम पहुचा हूँ। मेरे एक दोस्त ने कहा सर मुझे माता चामुन्डा देवी के दर्शन करने कि इच्छा हो रही हैं। मैंने कहा तो देर किस बात कि चलो माता रानी के दर्शन करके आ जाते है। हमने नहा कर नास्ता किया है और कुछ खाने पीने का सामान बेग मे रख कर यात्रा आरम्भ कर रहे है। कुछ दूर पैदल चलने के बद हम पास वाले हाईवे पर आ गए है। हाईवे 27 है, जो राजकोट गुजरात से अहमदाबाद गुजरात को जोड़ता है। यहाँ से 25 km पीछे राजकोट है, और चोटीला जाहा हमें जाना है 25 km आगे है। हम यहाँ से ऑटो मे  बैठ गए है। रास्ते मे जिधर भी देख रहा हूँ सभी दूर फैक्ट्रियां हि दिखाई दे रही है। एक बात तो है यहाँ के लॉगो को रोजगार कि कोई कमी नहीं है। हम चोटीला शहर आ गए है। ऑटो ने हमें बस स्टेशन पर उतारा है और हमें 40-40 रू किराया लगा है। यहाँ से हम देख रहे है कि सभी ओर दुकाने है। यह एक धार्मिक जगह है इसलिये यहाँ कई धर्मशाला और बड़े बड़े होटल है यदि कोई रुकना कहता है तो सभी प्रकार कि सुविधा याहा है। यहाँ से अहमदाबाद कि दुरी 166 km है। यहाँ आने के लिए राजकोट या अहमदाबाद से बस मे आना हि सबसे सही रास्ता है। ये शहर बहुत बड़ा है। फल फुल बेचने वाले ने मेरा हाथ पकड़ कर उसकी दुकान पर ले आया। मैंने यहाँ से नारियल फुल माला और प्रसाद ख़रीदा है। और आगे बढ़ रहे है यहाँ आगे भी बहुत सी दुकानें है ।कोई खिलोने बेच रहा है कोई कपड़े और कई तरह के सामान कि खरीदी-बेची जा रही है। हमने जो प्रसादी का सामान ख़रीदा है वो हमें दुगनी कीमत मे दिया है ये बात हमें आगे कि फल फुल कि दुकान पर पता चला है। हमने तो खरीद लिया है। यदि आपका यहाँ आना हो और माता आप को बुलाए तो यहाँ के लॉगो से थोड़ा सावधानी बरतने कि जरुरत है। बाजार बहुत सुन्दर हैं और बड़ा भी है, सभी प्रकार कि चीज़ खरीद सकते है दुकानें देखते देखते एक बड़े से द्वार पर आ गए है। देखने मे काफी बड़ा है और सुंदर भी है। इस तरह का एक द्वार हमने पहले भी पार किया है। जब हम हाईवे से बाजार मे प्रवेश कर रहे थे। इस द्वार को पार करते हि हमें एक बागीचा(गार्डन) दिखाई दे रहा है। और ये बागीचा(गार्डन) एक पार्किंग भी है जिसमें ढेरों कार और मोटरबाइक पॉर्क है। यदि कोई भक्त  यहाँ कार या बाइक से आए तो उसके किये ये पार्किंग स्थल सही है। कुछ और आगे बढ़ते हुए हम माता रानी की पहाड़ी(डुमर) के पास आ गए है यहा एक प्रमुख द्वार है बहुत हि आकर्षक है द्वार के दोनों ओर बैठने कि कुर्सी लगायी हुई है। प्रक्राति कि गोद मे बना ये स्थान बहुत शांति और सुकून देने वाला है। यहाँ से माता का मन्दिर दिखाई दे रहा है। यहाँ से लेकर माता के मंदिर तक सीढ़ियों का रास्ता है ।पूरे रास्ते पर टीन सेट लगा है जो पूरे रास्ते को छाया दे रहा है। यही एक एक सीढ़ियों को पर करके  सब बक्तो को पहाड़ी (डुमर) पे चढ़ते है तभी माता मंदिर तक पहुचते है। मंदिर जाने के लिए सबसे अच्छा समय चैत्र नवरात्र का है ऐसा स्थानीय लॉगो का मनना है कि माँ दुर्गा के नो रूप है उनमे से एक चामुन्डा माँ  भी है। माँ चामुन्डा के साथ हि उनकी आठ योगिनी भी होती है। तथा साथ मे एक भैरों बाबा भी है। मैंने भी सीढियां चढ़ना शुरू कर दिया है। साथ हि मैं अपने फोन से विडीओ भी रिकॉड कर रहा हूँ। आप भी देखे - माँ चामुन्डा देवी यात्रा करते हुए रास्ते के दोनों ओर पेड़ लगे है उपर जाने के लिए अलग सीढिया है और नीचे आने के लिए अलग सीढियां है। रास्ते के दोनों और लोहे के पाईप कि रेलिंग लगी है बीच बीच मे पंखे और लाइट भी लगे है। सब देख कर मेरा मन बहुत खुश हो रहा है। सबसे बड़ी बात यहाँ हर तीस पैतीस सीढ़ियों के बाद पीने के पानी कि वेवस्था है। मैं वीडियो बनाता हुआ उपर जा रहा हूँ। हमें प्यास नहीं लग रही है फिर भी हम थोड़ा थोड़ा पानी पी लेते है। जैसे जैसे हम उपर चढ रहे है वैसे वैसे शहर हमसे दूर होता जा रहा है। जो घर माकन पास से बड़े बड़े दिख रहे थे वो अब छोटे छोटे दिखते है। जहां शहर का छोटा हिस्सा दिखता था वहीं अब पूरा शहर दिखाई दे रहा है।ये दृश्य मेरी आँखो को अलग हि दुनिया का अनुभव करा रही है। गर्मियों में ये चढ़ाई थोड़ी मुश्किल हो सकती है।लगभग आधी सीढिया पार करने के बाद मुझे भैरों बाबा का मदिर मिला है हमने बाबा के दर्शन किये और जय माता चामुन्डा देवी बोलते हुए आगे बढ़ते है। पहाड़ी की तलेटी से ऊपर पहुंचने  मे हमें करके करीब 1.5 घंटे का समय लग गया है। करीब 600 से ज्यादा सीढियां चढ कर हमने माता के मंदिर मे प्रवेश किया। माँ चामुन्डा के दर्शन अलौकिक है अद्भुद है मंदिर मे आते हि हमारी सारी थकान मिट गई सब दर्द गायब हो गए । जो भी भक्त यहाँ आते है माँ चामुन्डा के सामने हाथ  जोड़ कर बैठ जाते है। हमने भी माता के दर्शन कर लिए है हमारा यहाँ से जाने का मन हि नहीं कर रहा है। लग रहा है बस माँ के सामने बैठे हि रहे। बाहर आ गया हूँ यहाँ से शहर पहाड़ी के चारों ओर दूर दूर तक फैला हुआ है देखा जा सकता है ।यहाँ एक और अद्भुत बात देखने को मिली हमने देखा वहाँ जाने वाले भक्त छोटे-छोटे सात या नव पत्थर एक के ऊपर एक रखते है और कुछ मन्नत मांगने है। हम भी माता कि पूजा कर रहे है नारियल तोड़ा। प्रसाद अर्पण किया माता को चुन्नी अर्पण कर रहा हूँ। हमारी यात्रा अभी और बाकी है यही पर मुख्य मन्दिर के निचे और एक मंदिर है हमने उसमें एक सन्क्रे रास्ते से प्रवेश करते हुए अंदर आया। देखा अंदर का नजारा और भी पावन है भक्ती मेरे रोम रोम मे समां रही है यहाँ कुछ साधु ध्यान मग्न बैठे है। माला जप कर रहे है। यहाँ इतनी साकारात्मक ऊर्जा का सन्चार हो रहा है।ये साकारात्मक ऊर्जा मेरे तन मन को प्रसन्न करने वाला है असीम आनन्द असीम सुख आप भी अनुभव करना चाहो तो एक बार जरूर आना। अब हम दोनों एक जगह बैठ गए।हमने कुछ खाने पीने का सामान लाया है तो हाथ धो लेते है। इतने उपर आ कर खाना खाते हुए बहुत अच्छा लग रहा है।  हम अब वापिस उतर रहे है ना तो नेरा उत्साह कम हुआ ना वहाँ कि खूबसूरती हा पर अब मेरे पैरों ने जरूर जवाब दे दिया। मेरे दोनो पैर काँप रहे है मैं आगे बढ़ना चाहता हूँ पर पैर कापने के कारण बैठ हि गया। आधे घंटे आराम करके फिर चलाने लगे। वापिस हम मुख्य द्वार पर आ पहुच गए। वहाँ पर हमने पहले नहीं देखा था , यहाँ चार शेरो के मुख वाली मूर्ति राखी है जो बहुत सुंदर है।  पास हि माँ चामुन्डा देवी का एक ओर मंदिर है ये भी बहुत सुंदर है अंदर से ताजे फूलो कि मालओ से सुस्जित है बीच मे माँ चामुन्डा देवी कि मूरत है । वहीं उसके    चारो ओर माँ दुर्गा, माँ काली समेत कई देवी और देवताओं कि मुरतिया है जो बहुत प्यारी-प्यारी है।

वीडियो देखे- माँ चामुन्डा देवी यात्रा

जय माँ चामुन्डा देवी।

First of all Jai Mata Maa to all friends.  Today I am going for Mata Chamunda Devi Darshan.  With the blessings of all of you, Mata Rani's call has come today.  Right now I am here at Airport Project Rajkot, which is going on in Hirasagar Bamanbore.  After working at night, I reached my room in the morning.  A friend of mine said sir I am wishing to have darshan of Mata Chamunda Devi.  If I said, then what is the matter, let's come after seeing the mother queen.  We have had breakfast after taking a bath and are starting our journey by keeping some food items in the bag.  After walking some distance, we have come to the nearby highway.  Highway 27, which connects Rajkot Gujarat to Ahmedabad Gujarat.  Rajkot is 25 km behind from here, and Chotila where we have to go is 25 km ahead.  We have sat in the auto from here.  Wherever I am looking on the way, I can see all the distant factories.  One thing is that there is no shortage of employment for the people here.  We have come to the city of Chotila.  The auto dropped us at the bus station and charged us Rs 40-40.  From here we can see that there are shops everywhere.  This is a religious place, so there are many dharamsalas and big hotels here, if someone asks to stay, then all kinds of facilities are there.  From here the distance of Ahmedabad is 166 km.  The best way to come here is by bus from Rajkot or Ahmedabad.  This city is very big.  The fruit seller took my hand and brought it to his shop.  I have bought coconut flower garland and prasad from here.  And moving forward, there are many shops here too. Some are selling toys, some clothes and many types of goods are being bought and sold.  The prasad items that we have bought have been given to us at double the price, we have come to know that in the fruit flower shop.  We have bought it.  If you have to come here and mother calls you, then there is a need to be a little careful with the logos here.  The market is very beautiful and also big, you can buy all kinds of things, shops have come to a big gate.  It is very big to look at and beautiful too.  We have crossed a gate like this before.  When we were entering the market from the highway.  As we cross this gate, we see a garden.  And this garden is also a parking lot with lots of car and motorbike park.  If any devotee comes here by car or bike, then this parking place is right for him.  Moving forward some more, we have come to the hill (Dumar) of Mata Rani, there is a main door, very attractive, there is a sitting chair on either side of the door.  This place built in the lap of nature is very peaceful and relaxing.  Mother's temple is visible from here.  From here to the temple of the mother, there is a path of stairs. There is a tin set on the entire way, which is giving shade to the entire path.  By doing this one step at a time, everyone climbs the hill (Dumar) and then only the mother reaches the temple.  The best time to visit the temple is during Chaitra Navratri. Local people believe that there is no form of Maa Durga, one of them is Chamunda Maa.  Along with Mother Chamunda, she also has eight Yoginis.  And there is also a Bhairon Baba along with it.  I have also started climbing stairs.  Also I am recording video from my phone.  If you want to see the video click on - माँ चामुन्डा देवी यात्रा Trees are planted on both sides of the path, there is a separate step for going up and there is a separate step for coming down.  There is a railing of iron pipes on both sides of the road and fans and lights are also installed in the middle.  I am feeling very happy seeing all.  The biggest thing here is the provision of drinking water after every thirty-five steps.  I am going above making a video.  We are not feeling thirsty, yet we drink little water.  As we are going up, the city is getting away from us.  The houses which used to look big from close by are now small and small.  Where a small part of the city was visible, now the whole city is visible. This scene is making my eyes feel a different world.  In summer, this climb can be a bit difficult. After crossing almost half the steps, I have found the temple of Bhairon Baba, we have darshan of Baba and proceed forward by chanting Jai Mata Chamunda Devi.  It took us about 1.5 hours to reach the top of the hill.  After climbing more than 600 steps, we entered the temple of Mata.  The darshan of Maa Chamunda is supernatural, it is wonderful when we came to the temple, all our tiredness disappeared, all the pain disappeared.  The devotees who come here sit in front of Mother Chamunda with folded hands.  We have also seen the mother, we do not feel like going from here.  Looks like just sitting in front of mother.  I have come out, from here the city is spread far and wide around the hill. Another wonderful thing was seen here, we saw that the devotees going there keep small seven or new stones one on top of the other and  Have to pray for something.  We are also worshiping the mother, breaking the coconut.  Offering prasad, I am offering chunni to mother.  Our journey is yet to come, but there is another temple under the main temple, we entered it by entering through a narrow path.  Saw the sight inside is even more pure. Bhakti is engulfing me in my Rome and here some sadhus are sitting in meditation.  Chanting the rosary.  So much positive energy is being circulated here. This positive energy is pleasing to my body and mind, infinite joy, infinite happiness, if you want to experience it, then definitely come once.  Now both of us sit in one place. We have brought some food items and then we wash our hands.  It feels so good to come up there and eat food.  We are coming back now, neither the enthusiasm has diminished nor the beauty is there, but now my feet have definitely given an answer.  Both my legs are trembling, I want to move forward but due to the trembling of my feet, I have to sit down.  After resting for half an hour, he started running again.  Back we reached the main gate.  There we had not seen before, here there is a Rakhi idol with four lion faces which is very beautiful.  Nearby there is another temple of Goddess Chamunda Devi. It is also very beautiful. It is decorated with fresh flowers from inside. In the middle is the idol of Goddess Chamunda Devi.  At the same time, there are idols of many gods and goddesses including Maa Durga, Maa Kali, which are very lovely. 

If you want to watch the video click on माँ चामुन्डा देवी यात्रा

Jai Maa Chamunda Devi.


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