मंगलवार, मार्च 29

सोमनाथ ज्योतिर्लिंग somnath Jyotirlinga


हर हर महादेव। दोस्तों मैंने गिरनार यात्रा कल पूरी कर ली है। मैं अभी सोमनाथ मे हूँ। रात को हि यहाँ पहुचा हूँ। यहाँ पास के होटल(होटल मेजेस्टिक) मे रुका था। सुबह होते हि नहा कर होटल से चाय पी ली। और सोमनाथ महादेव के दर्शन के लिए निकल गया। होटल बहुत हि अच्छा है। यहाँ कि सर्विसेज भी अच्छी है। रास्ते से होता हुआ करीब बीस मीनट मे सोमनाथ मंदिर के सामने आ गया।मंदिर के सामने बहुत बड़ा बाजार है। कई सारे भक्त बाजारों मे घूम रहे है। साधु सन्त सभी लोग बाजार मे दिखाई दे रहे है। मंदिर मे प्रवेश से पूर्व सभी भक्तो को मोबाईल गैजेट बैग सभी सामान (सामान घर) मे रखना पड़ता है। मैंने भी सभी सामान वहाँ रख कर टोकन ले लिया। लम्बी कतार मे चलकर मैंने मंदिर के प्रांगण मे कदम रखा । यहाँ सामने मे एक विशाल द्वार बना है जिसका नाम  श्री दिग्विजय द्वार है। इस द्वार को पार करते वक्त  कानों मे स्वागत संगीत सुनाई पड़ता हैं। यहाँ सहनाई तबला वादक है जो निरन्तर संगीत बजाते रहते है। द्वार पार करते हि विशाल मंदिर के दर्शन होते है। मंदिर के सिखर पार ध्वज फहराह रहा है। मंदिर मे पाँच द्वार है। मंदिर पूरा खम्बो से बना है। जिनपर कई सारी कलाक्रतिया बनी हुई है। मंदिर के गुम्बद अंदर और बाहर कोई ऐसी एक जगह खाली नहीं है जहां पार कोई कलाक्रतिया ना बनी हो।मंदिर के चारो और पार्क बना बना है। मन्दिर  मे भगवन सोमनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते है। जिन्हें देख कर मन सान्त हो जाता है। मंदिर के बाई ओर समुद्र है। दायी ओर सोमनाथ शहर। मंदिर प्रांगण मे बारह ज्योतिर्लिंग के दर्शन और पास हि उनसे जुड़ी कथाएं भी लिखी हुई है। पास हि मे सोमनाथ बीच है। जहां कई सारे सैलनि भी आते है।

Everywhere Shiva.  Friendship, I have completed the Girnar Yatra yesterday.  I am in Somnath now.  I have reached here at night.  Stayed here at a nearby hotel (Hotel Majestic).  In the morning, after taking a bath, drank tea from the hotel.  And Somnath left for Mahadev's darshan.  Hotel is very nice.  The services here are also good.  After passing through the road, Somnath came in front of the temple in about twenty minutes. There is a huge market in front of the temple.  Many devotees are roaming in the markets.  All the saints and saints are visible in the market.  Before entering the temple, all the devotees have to keep mobile gadget bags in all the goods (goods house).  I also kept all the things there and took the token.  After walking in a long queue, I stepped into the courtyard of the temple.  Here a huge gate has been built in front, whose name is Shri Digvijay Dwar.  While crossing this gate, welcome music is heard in the ears.  Here Sahnai is a tabla player who plays music continuously.  On crossing the gate, one can see the huge temple.  The flag is hoisted across the Sikhar of the temple.  The temple has five gates.  The temple is made up of complete pillars.  On which many artworks have been made.  There is no such place empty inside and outside the dome of the temple, where no artwork has been made across. A park has been built around the temple.  Lord Somnath Jyotirling is seen in the temple.  Seeing whom the mind becomes calm.  To the left of the temple is the sea.  Somnath city on the right.  Darshan of twelve Jyotirlingas and stories related to them have also been written in the temple premises.  Nearby is Somnath Beach.  Where many tourists also come.



previous                                  next

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें