यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।
चाहत और भी है-भाग 16
अरु सारा का प्यार जितना पुराना होता जाता है। हर बार एक नई दस्तान बना जाता है। सारा और अरु प्यार के बीच अब कुछ दरारे आने लगी है। दोनों के बीच लड़ाई होने लगी रूठना मानना होने लगा। अरु ने सोचा कुछ तो गड़बड़ है इस तरह से लड़ना अच्छी बात नहीं। क्योंकि वो दोनों बात तो करते है, पर अरु को लगता है कि सारा उससे कुछ तो छुपा रही है। अब फोन पर बात कम हि होती है। कारण ये था कि सारा अब सिलाई सेंटर जाया करती है। लेकिन जब भी वो बात करता है कोई ना कोई कारण से झगड़ा होता है। एक दिन बातों हि बातों मे सारा ने समसम का नाम लेते हुए कहा कि मुझे समसम नाम के लड़के ने प्रपोस किया है। अरु ने पूछा- आप ने क्या कहा? सारा - मैंने कहा कि मैं किसी से प्यार करती हूँ । आप से प्यार नहीं कर सकती। अरु ने कहा भले हि आप ने मना किया हो पर वो बार बार आपको प्रपोस करेगा। आप उसकी तरफ देखना भी मत। सारा ने हा कहा। पर बात शायद कुछ और हि है। क्योंकि जब भी अरु सारा से बात करता है, सारा कि बातों मे अपना पन नहीं लगता। ऐसा लगता है जैसे वो अरु से बात नहीं करना चाहती। हमेशा बातों को टाल दिया करती है। अरु को लग रहा है ज्यादा समय दूर रहने के कारण ऐसा हो सकता है। ये सोच कर अरु फिर सारा से मिलने का समय निकाला। फिर वह नवम्बर #)@+ मे सारा से मिलने समानगांव आया। सारा से मिला दोनों बहुत खुश थे दोनों कि नाराजगी दूर हो गई। फिर अरु वापिसी जॉब पर चला आया।
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