यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।
चाहत और भी है-भाग 15
अब तक अरु सभी लॉगो को जानने लगा था। सभी से बात करने लगा था। सबसे पहेचान हो गई थी। अरु को सारा का घर अब अपना घर लगने लगा।वो अब यहाँ कभी भी आ सकता हैं। बिना रोक टोक के। उनके बीच रोमेंटिक बातें हुआ करती है। दिन निकलता है बात शुरू हो जाती है रात के सोने तक।वो दोनों गाना गाते है साथ मे। एक दूसरे को शायरी सुनते। काम भी होता रहता बात भी होती रहती। समय बीतता गया और अगस्त मे रक्षाबन्धन१८ हिन्दू त्यौहार आ गया। अरु फिर अपने घर, रक्षाबन्धन मे आया। उसके घर सभी भाई बहिन बुआ फूफा इकठा हुए और भुजलिय रक्षाबन्धन एक साथ मनाया। सारा के घर भी रक्षाबन्धन का त्यौहार मना रहे है। दीदी ने अरु को कॉल किया और बुझाया दीदी के घर रक्षाबन्धन त्यौहार के दूसरे दिन भुजलिया त्यौहार मनाया जाता है। अरु श्याम तक समानगांव दीदी के घर आ गया। दीदी ने राखी बाँधी फिर उन्होंंने खाना खाया। त्यौहार का दिन है तो आज का खाना हम लॉगो के हिसाब से खास होता है। मिठाई बर्फी पूड़ी पापड़ दाल चावल और भी कई पकवान बनाए है। खाना खा कर वो लोग सो गए। सुबह डोल बजा कि आवाज से अरु कि नींद टूटी। कुछ लोग दरवाजे के सामने नाच रहे है कुछ डोल और झाझर बजा रहे है। अरु ने मुँह भी नहीं धोया और अभी बिस्तर से उठा भी नहीं, घर मे कोई नहीं है सब नाच देखने बाहर गए है। सारा अंदर आ गई। लाल रंग कि लिपस्टिक उसे बहुत पसंद है उसने ओठों पर लगायी है मेकअप किया है खूबसूरती को ऐसे निखरा है जैसे कोई परी हो। उसने अरु के गुलाब पर अपना भंवरा बैठा दिया और उसने बहुत देर तक रस पान किया। फिर उसने सामने जा कर दरवाजा बंद कर दिया। अरु को डर और घबराहट दोनों एक साथ लगने लगे। पर सारा बहुत हिम्मती है। उसने कुए मे रस्सी दाल दी और पानी खींचने लगी। जल्दी जल्दी पानी खींचा और दरवाजा खोल कर बाहर चल दी। अरु को परम सुख कि अनुभूति हो रही है। वो उठा और मंजन घिस्ते नहाने आ गया। नहा कर वो तैयार हो गया। फिर नाच देखने बाहर आया। बाहर मे बहुत सारी भुजलिया कि टोकरी(जवारे) रखी है।टोकरीयो के चारों तरफ औरते और लड़कीया कोरस मे परम्पारिक डान्स कर रही है। उन्हीं मे सारा भी नाच रही है।अरु का भी नाचने का मन हो रहा है पर वो नहीं नाच सकता। क्योंकि इस नाच मे मर्दो का नाचना मना होता है। इसी तरह गांव कि बहुत सारी औरते आ गई। धीरे-धीर नाचते गाते तालाब कि ओर बढ़ने लगी। बड़े हर्ष उल्लास के साथ सभी तालाब पर आ गए। सबने अपनी अपनी टोकरी के भुजलिया तालाब मे धो लिए और खुशी खुशी घर आ गए। सारा उसकी दीदी और जीजू के साथ घर आए। अरु भी उनके पीछे-पीछे घर पंहुचा। रास्ते मे उसे भी कुछ लॉगो ने भुजलिय दिए। जो अरु ने हाथ मे हि रखे है। सारा उसकी दीदी और जीजू एक जगह किचन मे खड़े मोबाइल मे आज के फोटो देख रहे है। अरु भी दबें पाव उनके पीछे जाकर खड़ा हो गया। सारा ने साड़ी पहनी है,साड़ी मे उसका कमल खिला खिला दिख रहा है। अरु से तो बिल्कुल भी रहा नहीं गया।उसने, सारा के कमल कि पंखुड़ी को जोर से चिमटी काट दी। वो तुरंत पीछे घूमी। दीदी और जीजू ने भी अरु कि ओर देखा।अरु ने भुजलिया देते हुए। हैप्पी रक्षाबंधन कहा।तब तक सारा ने अरु कि ओर मोबाईल करते हुए कहा।देखो जीजू कितने सुंदर दिख रहे है। अरु ने भी कहा हा जीजू तो दीदी से भी सुंदर दिख रहे है। उनके ओठों पर देखने लायक बड़ी सुंदर मुस्कान है। फिर अरु दीदी के घर आ गया। कुछ देर बाद सारा अरु के पास आकर बोली- मामी पापा बस स्टेशन गए है। दीदी-जीजा को छोड़ने, घर पे कोई नहीं है । मेरी कपड़े टांगने कि खुटी गीर गई है। तो मैंने कहा क्या करना है� सारा ने कहा मुझे खुटी ठुकवानी है। मैं सारा के साथ गया और बहुत देर तक खुटी ठोकने के बाद सारा से विदा ली। दीदी से भी विदा लेकर वहाँ से घर के लिए निकल गया।
This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.
Want more - part 15
By now Aru had started knowing all the logos. Started talking to everyone. Most recognized. Aru started feeling Sara's house as his home now. He can come here anytime now. without stopping. Romantic things happen between them. The day passes and the talk starts till the night sleeps. They both sing a song together. Listening to each other's poetry. The work kept happening and the talk kept happening. Time passed and in August the 18th Hindu festival of Rakshabandhan arrived. Aru again came to his house, Rakshabandhan. All the brothers and sisters and uncles gathered in his house and celebrated Bhujaliyar Rakshabandhan together. Sara's house is also celebrating the festival of Rakshabandhan. Didi calls Aru and extinguishes Didi's house. On the second day of Rakshabandhan festival, Bhujaliya festival is celebrated. Till Aru Shyam came to Samagaon didi's house. Didi tied rakhi and then they ate food. It is a festival day, so today's food is special according to us. Sweets, Barfi, Poori, Papad, Dal, Rice and many other dishes have been prepared. After eating, they went to sleep. In the morning, Aru's sleep was broken by the sound of trembling. Some people are dancing in front of the door, some are playing dol and jhajhar. Aru has not even washed his face and has not even got up from the bed yet, there is no one in the house, everyone has gone out to watch the dance. Sara came inside. She loves red lipstick, she has applied makeup on her lips, has made her beauty look like an angel. He put his whirlpool on Aru's rose and he drank the juice for a long time. Then he went to the front and closed the door. Aru felt both fear and panic at the same time. But Sarah is very courageous. He put a rope in the well and started drawing water. Quickly drew water and opened the door and went out. Aru is feeling supreme happiness. He got up and Manjan came to take a bath. He got ready after taking a bath. Then came out to watch the dance. A lot of Bhujaliya baskets (jawars) are kept outside. Women and girls are doing traditional dance in chorus around the baskets. Sara is also dancing in them. Aru also wants to dance but he cannot dance. Because dancing of men is forbidden in this dance. Similarly many women of the village came. Slowly dancing and singing started moving towards the pond. Everyone came to the pond with great joy. Everyone washed their baskets in the Bhujaliya pond and happily came home. Sara came home with her didi and jiju. Aru also followed them to the house. On the way, some people gave him Bhujaliya too. Which Aru has kept in his hand. Sara, her didi and jiju are looking at today's photos in the mobile standing in the kitchen at one place. Aru also stooped and stood behind him. Sara is wearing a sari, her lotus flower is seen in the sari. Aru did not stay away at all. She immediately turned back. Didi and Jiju also looked at Aru. Aru gave Bhujaliya. Said Happy Rakshabandhan. Till then Sara turned towards Aru and said. Look how beautiful Jiju is looking. Aru also said that yes, Jiju is looking more beautiful than Didi. There is a beautiful smile on his lips to see. Then Aru came to Didi's house. After some time, Sara came to Aru and said – Mami Papa has gone to the bus station. There is no one at home except Didi and brother-in-law. The hook to hang my clothes has fallen. So I said what to do? Sara said I have to give up. I went with Sarah and after a long time took a break from Sarah. After taking farewell from Didi, he left for home from there.
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