यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।
चाहत और भी है-भाग 14
इश्क ने मेरा वो हाल किया
ना रूह मेरी रही ना जिस्म मेरा रहा।
प्यार ने मेरा हाल बेहाल किया
ना रही रातो कि नींदें ना दिन का चैन रहा।
सारा अब बहुत सुन्दर लगती है।उसकी बातें बहुत प्यारी लगती है। यदि अरु एक दिन भी उसकी आवाज ना सुने तो उसका मन बेचैन हो जाता है। खाना भी नहीं खाता। बिल्कुल वैसे हि, जैसे बिन पानी के मछली तड़पती है वैसे हि उसका भी हाल होता है। अरु को उसकी लत हो गई है।(एक दिन बातों हि बातों मे अरु ने मुझसे कह- सारा मुझे कितना चाहती है। मैं उसे कितना चाहता हूँ। या तो सारा जानती हैं या मैं जनता हूँ। सारा से बात करते करते कई घंटे बीत गए, कई दिन कई रात निकल गए। और धीरे-धीर ये दिन महीनों मे बदल गए। हमारा प्यार बढ़ता हि जा रहा है। एक साल पूरा हो गया आज छब्बिस जनवरी 2019 सारा अब मुझसे मिलना चाहती है मेरा भी मिलने का पूरा विचार है पर छुट्टी नहीं मिल रही। मेरे दोस्त बता अब क्या करुँ।) मैंने कहा- सारा को बता दो अपनी मज़बूरी। अब अरु ने सारा से कहा - सारा अभी छुट्टी नहीं मिल रही आप को थोड़ा इंतजार करना होगा मैं मार्च मे आप से मिलने आऊँगा। सारा - मार्च बहुत दूर लग रहा है अरु, अब मुझसे ये दुरी नहीं सही जा रही। मुझसे अब कण्ट्रोल नहीं हो रहा आप को आना हि पड़ेगा। अरु- सारा मुझे मार्च मे छुट्टी मिल रही है। आप से मिलने मार्च मे आऊँगा। सारा - ठीक है अरु मैं इंतजार कर रही हूँ।
हा इंतजार तो करना हि है। पर बिना सारा के अब अरु भी जैसे अधूरा हि है। जब तक अरु को मालूम नहीं था कब घर जाना है, वो ज्यादा नहीं सोचता था। पर अब कुछ ज्यादा हि सोच रहा है। सारा से कैसे मिलना होगा कब कैसे कहा।ये सब प्लानिंग करना बहुत मुश्किल लगता है कई तरह के विचार है। कोनसा सही है ये समझ नहीं आ रहा। अरु को छुट्टी मिलते हि वो घर के लिए चला, वह एक दिन मे हि घर पहुंचा। फिर एक दिन आराम किया। सारा अरु को बार बार बुला रही है। फोन पर फोन किये जा रही है। उसने अरु से कहा आज मम्मी पापा खेत मे रुकेंगे आप मेरे पास आ जाओ। अरु ने कहा हा आता हूँ। गज़ब का नशा उसके उपर चढकर बोल है।ना जाने कहा से इतनी हिम्मत उनके अंदर आ रही है। वो दोपहर दो बजे घर से निकल गया। श्याम आठ बजे सारा के गांव, समानगांव बस से पहुँच गया। सीधे-सीधे सारा के घर तो जा नहीं सकता था। इसलिय उसने मुख्य रास्ता छोड़ कर खेतों से घूम कर जाने को निकल गया। चारों तरफ अँधेरा है। उसके पास मोबइल है पर टार्च नहीं चालू कर रहा। हो सकता है कोई उसे देख ले। एक खेत से गुजरते हुए बड़े बड़े माट्टी के ढेले उसके पैैैरों मे लग रहे है। मेड पार करते हुए फेन्सिंग के काटे भी चुभ गए। अभी परेशानी खत्म नहीं हुई कि एक बड़ी परेशानी सामने खड़ी हो गई। सामने रेल लाइन तो पार कि और एक खेत मे पहुंचा। उसे अचानक कुछ लोग दिखे। वो अरु से काफी पास हि है। उनके पास टार्च भी है। एक बड़े से चूल्हे मे आग जला रहे है। अरु जल्दी से इमली के पेड़ के तने के पीछे छीपा। उसने देखा वो लोोग शराब बना रहे है। अरु जिस ओर छिपा हुआ है उस ओर एक घर भी है जो सुनसान है लग रहा है सब सो रहे है। घर के सामने हि गाय बैल बंधे है। घर के पार, पास ही एक नाला भी है। अरु को समझ मे नहीं आ रहा कि वह किस ओर जाए, बहुत सोचने के बाद वह नीचे बैठा, दोनों घुटने ज़मीन पर टेक दिए दोनों हथेली ज़मीन पर रख दी और धीरे-धीरे आगे बढ़ने लगा। उस खेत के छोटे-छोटे पत्थर उसके घुटनो मे लगते है काटे के छोटे-छोटे पौधे है जो उसके हाथों और पैरों मे बार बार चुभ रहे है। इस तरह वह उनकी पहुच से थोड़ा दूर आ गया। फिर खड़ा हुआ और जल्दी से नाले के किनारे आया। रुमाल से अपने हाथ पैर साफ कर के नाले के किनारे-किनारे एक कच्चे रास्ते पर पहुच गया। अरु को अब थोड़ी खुशी महसूस हुुई। क्योंकि ये रास्ता सारा के घर के पास हि जाता है बीच मे एक पडोसी का घर है। सारी मुस्किले पार करते हुए रात के ग्यारह बज गए। सारा का फोन आया उसने कहा पीछे वाले घर के पीछे से आ जाओ। अरु नहानी तक, पीछे के रास्ते पहुंचा। वहाँ काटे रखे है, अरु को देख कर सारा का कुत्ता भौंकने लगा। कुर्त्तेे को सारा ने शांत किया फिर सारा ने जल्दी से काटे हटाये और वो दोनों अंदर वाले आंगन से फिर पीछे के दरवाजे से घर के अंदर आ गए अरु को बहुत भूख लगी हुई हैै। उसने कहा मुझे खाना चाहिए। सारा ने हाथ धुलने को पानी लाया।अरु ने अपने हाथ धोने को आगे किया।सारा ने देखा अरु के हाथो से खून बह रहा है। सारा - ये क्या हुआ कैसे ? अरु-बाद में बताता हूँ अभी भूख लग रही है। सारा ने हाथ धुलाकर चुन्नी फाड़ कर अरु कि हथेली बाँध दी। और खाना परोस कर ले आयी। अरु को बड़ी प्यार भारी निगाहो से देख रही है और खाना खिला रही है। सारा के हाथो से खाना खा कर पूरा दर्द दूर हो गया। बहुत आनंद का अनुभाव हो रहा है। अरु ने पेट भर खाना खाया। फिर सारा अरु कि गोद मे बैठी और चुम्बन करने लगी। अरु के पैरों के दर्द से थोड़ा कराह, सारा ने कहा क्या हुआ अरु? फिर अरु ने रास्ते कि सारी घटना सुनाई। सारा ने थोड़ा तेल गरम किया और अरु के पेंट को उतार कर उसके जख्मों पर मालिश करने लगी। धीरे-धीरे प्यार भरी बातें करते करते एक दूजे मे खो गये। अरु ने आते समय माता मंदिर से एक धागा लाया है, उसे सारा के गले मे बाँधा। वो चार बजे तक साथ रहे। सारा बाहर निकली, इधर-उधर देखती हुई बाहर आने का इशारा किया। अरु के बाहर आते हि सारा ने गले से लगा लिया। फिर अरु गांव के अंदर के रास्ते से चला आया।
Ishq did that to me
Neither my soul nor my body was mine.
love hurts me
There was no sleep of nights, there was no peace of day.
Sara looks very beautiful now. Her words are very sweet. If Aru does not listen to his voice even for a day, his mind becomes restless. Doesn't even eat food. Just as a fish suffers without water, so does it. Aru has become addicted to her. (One day in a matter of words, Aru told me - how much Sara loves me. How much I want her. Either Sara knows or I know. Many hours passed while talking to Sara. Gone, many days, many nights passed. And gradually these days turned into months. Our love is increasing. One year has completed today 26 January 2019 Sara now wants to meet me, I also have full thoughts of meeting But I am not getting leave. Tell my friend what should I do now.) I said - tell Sara your helplessness. Now Aru said to Sara - Sara is not getting leave now, you will have to wait a bit, I will come to meet you in March. Sara - March seems far away Aru, now this distance from me is not going right. I can't control now, you have to come. Aru- Sara I am getting leave in March. I will come to see you in March. Sara - Ok aru I am waiting.
Yes, you have to wait. But now Aru is incomplete without Sara. As long as Aru didn't know when to go home, he didn't think much. But now I am thinking a bit more. How to meet Sara, when and how. It seems very difficult to plan all this. There are many types of ideas. I do not understand which is correct. When Aru got leave, he left for home, he reached home in a day. Then one day rest. Sara is calling Aru again and again. Phone calls are being made. He said to Aru, today mom and dad will stay in the field, you come to me. Aru said yes I will come. Amazing intoxication is rising over him. I don't know from where so much courage is coming in him. He left the house at two o'clock in the afternoon. Shyam reached Sara's village, Samagaon by bus at eight o'clock. Couldn't go straight to Sara's house. So he left the main road and went out to walk through the fields. There is darkness all around. He has mobile but the torch is not turning on. Maybe someone can see him. While passing through a field, huge lumps of earth are being felt at his feet. The bites of the fencing were also pricked while crossing the maid. The trouble was not over yet that a big problem had arisen in front. He crossed the railway line in front and reached a field. Suddenly he saw some people. He is very close to Aru. He also has a torch. Fire is burning in a big stove. Aru quickly hid behind the trunk of the tamarind tree. He saw that they were making liquor. On the side where Aru is hiding, there is also a house which is deserted, it seems everyone is sleeping. A cow and a bull are tied in front of the house. Across the house, there is also a drain nearby. Aru is not able to understand which direction he should go, after much thought he sat down, knelt down on the ground, put both palms on the ground and slowly started moving forward. Small stones of that field are stuck in his knees, there are small cut plants which are pricking his hands and feet again and again. In this way he came a little far away from their reach. Then stood up and hurriedly came to the bank of the creek. After cleaning his hands and feet with a handkerchief, he reached a rough path along the banks of the drain. Aru felt a little happy now. Because this road goes near Sara's house, there is a neighbor's house in the middle. It was eleven o'clock in the night after crossing all the difficulties. Sara's call came, she said come from behind the back house. Aru reached Nahani, by the way back. There are bites, seeing Aru, Sara's dog started barking. The kurta was pacified by Sara, then Sara quickly removed the bites and both of them came inside the house from the inner courtyard again through the back door. Aru is very hungry. He said, "I want to eat." Sara brought water to wash her hands. Aru proceeded to wash her hands. Sara saw that Aru's hands were bleeding. Sarah - How did this happen? Aru - I'll tell you later, I am feeling hungry now. Sara washed her hands and tore the sardine and tied Aru's palm. And served the food and brought it. Aru is watching with great love and feeding her food. After eating food from Sara's hands, all the pain went away. Feeling very happy. Aru ate his full stomach. Then Sara sat on Aru's lap and started kissing. Aru's feet groaned a little, Sara said what happened Aru? Then Aru narrated the whole incident along the way. Sara heated some oil and took off Aru's paint and started massaging his wounds. Slowly, while talking about love, they got lost in each other. While coming, Aru has brought a thread from Mata Mandir, tied it around Sara's neck. They stayed together till four o'clock. Sara came out, looked around and signaled to come out. As Aru came out, Sara hugged him. Then Aru walked through the inside of the village.