शनिवार, दिसंबर 24

हम भोले के दीवाने


हम भोले के दीवाने


हमें दर्शन करने जाना रे
हम भोले के दीवाने
थोड़ा आगे तक पहुंचादे रे
ओ राही दिवाने
हम भोले के दिवाने
शिव शंकर के दिवाने

सुंदर बगिया पेड़ लता है
गलियों और मैदनो मे
जरा छाव मे आजा रे
ओ राही दीवाने

ना गाड़ी है, ना घोडा है
पैदल हि जाना है
थोड़ी राह आसान करा दे रे
ओ राही दीवाने

तुझे भोले ने भीजवाया रे
तू साथी बनजा मेरा
चल तू भी दर्शन करले रे
ओ रही दीवाने

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गुरुवार, नवंबर 17

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग

 

श्री नागेश्वर ज्योतिर्लिंग


नमस्कार दोस्तों राम राम जय सियाराम जय नागेश्वर महाराज मैं हूं रितेश मोरले और आप देख रहे हैं मेरा यूट्यूब चैनल ट्रेवल्स जंक्शन

द्वारकाधीश से नागेश्वर महादेव और बेड द्वारका दोनों जो है 30-30 किलोमीटर की दूरी पर है और सोमनाथ 50 किलोमीटर की दूरी पर है तो अभी हम यहां से जो है नागेश्वर धाम जाएंगे नागेश्वर ज्योतिर्लिंग महादेव चलिए दोस्तों चलते हैं

 

द्वारकाधीश से अब 30 किलोमीटर की दूरी पर नागेश्वर महादेव है उसके लिए इस रिक्से में


ऊपर से पूरा खुला हुआ जहां से जाने के लिए सिर्फ एक ही मार्ग है वह है बाई रोड आप सिर्फ रोड से ही नागेश्वर महादेव जा सकते हैं यह नागेश्वर महादेव का मुख्य द्वार है यहां से प्रवेश करते हुए हम अंदर को पहुंच जाते हैं यह श्री नागेश्वर महादेव का मंदिर आपको दिखाई दे रहा होगा यहां भी एक गेट है इसी गेट के थ्रू हम फिर अंदर प्रवेश करेंगे तब नागेश्वर महादेव के मंदिर के प्रांगण में पहुंच जाएंगे यह नागेश्वर महादेव का शिखर है मंदिर का शिखर बहुत ही सुंदर और विशाल है बहुत ही बढ़िया यहां का प्रांगण है यह बाहर से मंदिर इतना सुंदर और खूबसूरत भव्य है हम मंदिर में कर रहे हैं प्रवेश चलिए दोस्तों मंदिर में प्रवेश करते हुए हमें बहुत ही मैन में बहुत खुशी है और हम मंदिर में प्रवेश कर रहे हैं बहुत ही सुंदर लग रहा है यहां पर ओम लिखा हुआ गेट के पास ही और यहां से हमने प्रवेश किया है यह मंदिर के अंदर की बनावट है बहुत ही खूबसूरत और बहुत सारे भक्त यहां पर आसपास हमको दिखाई दे रहे हैं बहुत ही सुंदर है यह श्री नंदी महाराज जी इनको हम प्रणाम करते हैं जय श्री नंदी महाराज और नंदी महाराज के दर्शन कर लेते हैं उसके पक्ष हम करेंगे श्री नागेश्वर महादेव श्री ज्योतिर्लिंग के दर्शन जो की बहुत ही दर्शन के लिए बहुत ही सुंदर और लाभ दिए हैं जय श्री महादेव जय श्री महादेव जय महादेव जय श्री नागेश्वर महाराज चलिए दोस्तों हम नागेश्वर महाराज के दर्शन कर लेते हैं बहुत ही पास से करना चाहेंगे और जूम करके इसके दर्शन हम करेंगे श्री नागेश्वर महादेव के देख लीजिए बहुत ही सुंदर यहां पर हमें दिखाई दे रहे हैं अभी दिखाई देने लगे हैं श्री नागेश्वर महादेव की जय आप भी दर्शन करें और भगवान से आशीर्वाद प्राप्त करें भगवान आपकी जिंदगी को आपको खुशियों से भर दे आपकी हर मनोकामना पुरी हो इस दर्शन के बाद जय श्री महादेव जय श्री नागेश्वर महादेव


जय माता दी गीता महाप्रबंधक और यहां से हमने दर्शन कर लिए माता रानी के भी और नंदी महाराज की भी दर्शन कर लिए यहां पर सभी भक्तगण आते हैं पूजा करने के लिए अलग-अलग होती है देखने के लिए अलग-अलग होती है और वीडियो वगैरा खींचने के लिए भी यहां पर अलग एक व्यवस्था की गई है जो की बहुत ही सुंदर है दोस्तों यह है भगवान शिव और मैन पार्वती और साथ में ये है श्री शनि देव महाराज की मूरत ये मंदिर प्रांगण में है बाहर है मंदिर के पीछे नदी है बहुत ही सुंदर बड़ी और बहुत बड़ी नदी है


बैठ सकते हैं आराम कर सकते हैं मैन को बहुत अच्छा लगता है यह कितना भव्य और सुंदर मंदिर यहां पर हमें देखने को मिला मैन को बहुत सुकून मिला यहां आप आएंगे तो यहां पर फोटो भी खींच सकते हैं फोटो खींचने के लिए यहां पर अपने फटॉग्रफर्स हमेशा यहां पर लगे रहते हैं फोटो खींचकर आपको बहुत ही बढ़िया 50 और 100 रुपए में बना कर दे देंगे


बहुत ही सुंदर होगी तो दोस्तों आप श्री महादेव जी के दर्शन यहां पर कीजिए और यहां पर आप जब भी अगर घूमने के लिए आते हैं तो जरूर लिए और इस मुख्य ज्योतिर्लिंग के दर्शन कीजिए जो की बहुत ही सुंदर है आप यहां पर आएंगे तो बहुत ही अच्छा होगा आपकी सभी मनोकामना श्री नागेश्वर महादेव जी पूर्ण करेंगे जय श्री नागेश्वर महादेव जय श्री नागेश्वर महादेव [संगीत] चलिए अब हम चल रहे हैं वापस अपने मार्ग की ओर


प्रस्थान करते हुए यह यहां की वेशभूषा है यहां के लोग इस तरह के कपड़े पहनते हैं बहुत ही सुंदर वेशभूषा यहां की देखने में दोस्तों इस वीडियो को अधिक से अधिक लोगों तक शेयर करें ताकि वह भी भगवान नागेश्वर महादेव के दर्शन कर सके और लाइक करें कमेंट करें आपको पसंद आए सब्सक्राइब करें धन्यवाद दोस्तों हमारे इस वीडियो को देखने के लिए आपका और चलिए अब चलते हैं



रविवार, अगस्त 14

मंगलेश शायरी

पहले किस्मत मेरा फैसला करती थी

अब मैं किस्मत का फैसला करता हूँ।

पहले अकेला लड़ता था उससे

अब आप के साथ मिल कर लड़ता हूँ।


 इश्क किया हमने तुमसे, 

कोई आईना हम नहीं ...

जो बदल दे सक्स हर बार ,

वो सक्स समझना हमे नही ...


जिन्दा हू अभी मुझमे जान बाकी है 

परिंदा हू ऊंची  मेरी उड़ान बाकी है 

अभी ही तो मैने अपने पँख खोले है 

अभी नापना पूरा आसमान बाकी है


जब कोई आप का साथ देने वाला नहीं है। तो उम्मीद किसी से क्या करना।

हर खुशी मिलती है भोलेनाथ के दरबार मे। बस भोले पर विश्वास रखना।

शुक्रवार, जुलाई 22

चाहत और भी है-भाग 23


यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 23

रिश्ते बनाना आसान है। तोड़ना भी आसान है। निभाना बहुत हि कठिन है। समय जिस स्पीड से चल रहा है उस स्पीड से उन दोनों कि जिन्दगी मे उथल पुथल हो रही है। लड़ते है झगड़ा करते है। रूठ कर मनाते भी है। जितना सुलझते है उतना फिर उलझ जाते है। जिन्दगी के फसने ना मैंने जाने ना तूने जाने। बिखरी हुई जिंदगी को सँभालने कि कोसिसे करते सारा और अरु। गलती को सुधार कर आगे बढ़ना चाहते है। उन्होंने इस दिशा मे एक कदम और बढ़ाया। उन्होंने ये फैसला किया कि अब वो फिर से मिले। बातें तो आपस मे चल हि रही है। सारा ने अरु से कहा - अरु आप मुझसे मिलने आ जाओ। जो होना था वो हो चुका अब सब कुछ भुला कर मुझे अपना लो। अरु भी मान गया और कहा - ठीक है मैं रक्षाबंधन पर्व पर घर आ रहा हूँ तब आप से मिलने जरूर आऊँगा। पर अब आप के घर नहीं आने वाला। अब आप को हि मेरे पास आना होगा। क्योंकि मैं हि हमेशा आप के पास आया हूँ आप कभी भी नहीं आए। इस पर सारा ने कह- मैं एक लड़की हूँ मेरी कई परेशानिया है। कुछ पाबन्दियां भी है। मैं अकेली कहीं भी नहीं जा सकती।  अरु - बहुत अच्छा तो जैसे लड़कों पे तो कोई पाबन्दी हि नहीं है। उन्हें तो खुला छोड़ दिया जाता है। जहां मन करें वहाँ चलें जाओ। जिसे चाहे कर लो। ये सब फालतू कि बातें है। सारा - हा मैं मानती हूँ कि आप पर भी पाबन्दी है। लेकिन..... अरु - लेकिन वेकिन कुछ नहीं। प्यार करती है तो आना। मेरे लिए दिल मे प्यार है तो आना। सारा - ठीक है मैं आऊँगी पर मैं भी आप के घर नहीं आऊँगी। हम और कहीं मिलेंगे। ओके। अरु - मेरे घर आप नहीं आ सकती, मैं आप के घर नहीं आ सकता, तो हम कहा मिलेंगे? सारा - हम जड़मा मे मिल सकते है। वो बड़ा शहर है और हमारे दोनों के गावों से लगभग बराबर बीच मे पड़ता है। अरु -हा, आप जो कह रही है, वो ठीक है, पर हम वहाँ कैसे मिलेंगे? वहाँ तो बहुत लोग होते है। क्या आप किसी को जानती हो? सारा - नहीं, मैं नहीं जानती। लेकिन हम किसी होटल मे चल लेंगे। मैंने सुना है वहाँ जा सकते है। अरु- ठीक है फिर मैं यहाँ से निकल रहा हूँ। दो दिन मे घर पहुँच जाऊंगा। सारा - ठीक है। अरु को आज इतना खुश बहुत दिनों के बाद देखा। ये खुशी कितने समय के लिए है ये तो भगवान हि जाने। अरु को इस तरह खुश देख कर मैं भी बहुत खुश हूँ। मेरे मन मे एक हि सवाल है। प्यार मे कोई इतना कैसे डूब सकता है? और इतनी बड़ी गलती कोई कैसे माफ़ कर सकता है? या फिर मेरा दोस्त प्यार मे अँधा हो गया है। खैर जो भी हो ओ खुश है, मेरे लिए उतना हि काफी है। अरु ने खुशी खुशी घर जाने की तैयारियां शुरू कर दी। कई प्ररकार के सपने दिल ने सजाये अरु अगले दिन घर के लिए निकल गया। जब खुशीया मिलती है तो हर मौसम हर परिस्थी अनुकुल हो जाती हैं। चार दिन घर पर बिताने के बाद अरु वापिस काम के लिए निकला सारा भी इलाज के बहाने अपने घर से निकली और तय समय पर दोनों जड़मा सिटी मे मिले। कुछ समय दोनों ने शहर घूमा फिर एक होटल मे चलें गए। श्याम तक दोनों वहीं रुके। अरु ने मेडिकल से कुछ दवाई खरीदी और सारा को दे दी। उन्होंंने बस मे बैठ कर बहुत सारी बातें कि फिर सारा अपने गांव उतर गई। और अरु उसी बस से अपने काम के लिए आ गया। अब तक तो सब ठीक हि हो रहा है। पर आगे क्या होगा ये बहुत हि दिलचस्प है।


Building relationships is easy.  It is also easy to break.  It is very difficult to fulfill.  The speed with which time is passing is causing turmoil in both of their lives.  Fights fights.  He also celebrates with tears.  The more it settles, the more it gets confused.  Neither I know nor you know about life's entanglements.  Sara and Aru try to handle the shattered life.  Want to correct the mistake and move on.  He took a step further in this direction.  They decided that now they should meet again.  Things are going on amongst themselves.  Sara said to Aru - Aru, you come to meet me.  Whatever had to happen has happened, now forget everything and accept me.  Aru also agreed and said - okay I am coming home on Rakshabandhan festival, then I will definitely come to meet you.  But now he is not going to come to your house.  Now you have to come to me.  Because I have always come to you, you have never come.  On this Sara said – I am a girl, I have many problems.  There are some restrictions also.  I can't go anywhere alone.  Aru - Very good, as there is no restriction on boys.  They are left open.  Go wherever you want.  Do whatever you want  All these are nonsense.  Sara - Yes, I agree that you are also banned.  But..... Aru - but but nothing.  If you love then come  If I have love in my heart then come.  Sara - Okay I will come but I will not come to your house either.  We will meet somewhere else.  Ok.  Aru - You can't come to my house, I can't come to your house, so where will we meet?  Sara - We can meet at Jadma.  It is a big city and lies almost equally between our two villages.  Aru-ha, what you are saying is right, but how will we meet there?  There are many people there.  do you know anyone  Sarah - No, I don't know.  But we'll go to a hotel. I heard you can go there.  Aru- Okay then I'm getting out of here.  I will reach home in two days.  Sarah - All right.  Saw Aru today after a long time so happy.  For how long is this happiness, only God knows.  I am also very happy to see Aru happy like this.  I have one question in my mind.  How can someone fall so deeply in love?  And how can anyone forgive such a big mistake?  Or my friend is blind in love.  Well whatever it is, oh happy, that's enough for me.  Aru happily started preparations to go home.  Many kinds of dreams were decorated by the heart. Aru left for home the next day.  When happiness is found, every season, every circumstance becomes favorable.  After spending four days at home, Aru went back to work, Sara also came out of her house on the pretext of treatment and both of them met in Jadma City at the appointed time.  For some time both of them roamed the city and then went to a hotel.  Both stayed there till Shyam.  Aru bought some medicine from the medical and gave it to Sara.  He sat in the bus and talked a lot that then all got down to their village.  And Aru came for his work by the same bus.  Till now everything is going well.  But what happens next is very interesting.

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रविवार, जुलाई 3

अग्निवीर p3

 

अग्निवीर

सभा मे एक ऐसा पुरुष भी था जिसने कुछ समय पूर्व हि अपने बच्चे और पत्नी का अंतिम संस्कार किया था। उसके मन मे क्रोध कि आग लग गई थी। उसका नाम है करतार सिंह उसने सभा से निकलते कि अपने घोड़े पर सवार होकर सीधे कन्चन वन का रास्ता पकड़ा। तेज रफ्तर घोड़े से वाह सीधे कन्चन वन मे प्रवेश कर गया।

कन्चन वन बड़े बड़े पेड़ और पहाड़ी इलाका है। जिसमें प्रवेश के कुछ हि देर बाद करतार सिंह एक जाल मे फस गया। तभी वहाँ कुछ सैनिक आ गए। एक सैनिक चौक कर अरे ये क्या तुम! हा मैं हूँ। तुम तो हमारे दुश्मन हो यहाँ कैसे आए हो? क्यूँ आए हो? करतार सिंह -  मैं राजा केशव से मिलने आया हूँ। मुझे उनसे जल्दी से बात करना है।सैनिक - क्या बात करना है? करतार सिंह - बहुत जरुरी है मेरा उनसे मिलना।  सैनिक- साथियो इसे बंदी बना लो और ले चलो इसे राजा के पास। करतार सिंह को बंदी बना लिया गया। उसे राजा के पास ले कर जा रहे है। जैसे जैसे करतार सिंह को उस सभा कि ओर लेजाया जा रहा है वैसे वैसे सभा मे गूंज रही आवाज तेज हो रही है। हर हर महादेव के नारे तेज हो रहे है। करतार सिंह देख रहा है चारो ओर खुशियों का माहौल है। पेड़ पोद्ये पत्ती हवा पशु और पन्छी सब खुशीया बाट रहे है। राजा अपने सभी सहयोगियों के बीच रानी के साथ बैठे है। करतार सिंह को सीधे सभा मे ले आये। ये देख सब कर सभा मे एकाएक सन्नाटा छा गया।

उनमे से एक ने कहा ऐसे मार दो फिर सब बोलने लगे ऐसे मार दो ऐसे मार दो। फिर राजा केशव सभी को सांत होने का इसारा देते हुए।मेरे सभी साथियो सांत रहो। सैनिको इनके हाथ खोल दो। ये और इनके सभी पूर्वज, सिहासन के वफादार रहे है। अभी भी है। मुझे गर्व है इनकी देश भक्ति पर।

महाराज आप ये क्या कहे रहे है? मैं देश द्रोही हूँ। मैं हि हूँ मुझे मर जाना चाहिए। मेरे बच्चे के सर को काट कर उस मासूम के शरीर का एक एक बूंद निचोड़ लिया। और मैं कुछ नहीं कर पाया। मेरे पिता होने पर मुझे लज्जा आती हैं। मार दो मुझे मार दो। मेरी पत्नी ने मेरे सामने अपना दम तोड़ दिया मैं उसे साहस भी नहीं दे सका। मेरे पति होने पर मुझे लज्जा आती हैं। मार दो यारों उठाओ अपनी तलवारे। मेरे सामने मेरे लॉगो को मासूमों को यातनाएं साहनी पड़ती है और मेरे खून मे एक लहर भी नहीं उठती। ऐसे व्यक्ति का मर जाना हि उचित है। तो देर किस बात कि उठाओ हथियार।

नहीं सेना नायक आप को कोई नहीं मारने वाला। और फिर तुम नहीं होते तो आज हमारा भी अस्तित्व खत्म हो जाता। तुम्हारे हि कारण हम वहाँ से निकलने मे सफल हो पाये। जो लोग आप के योगदान को नहीं जानते वे भूल वस कह रहे है। आप के साथ जो भी अत्याचार हुआ है, उन सब का बदला लिया जाएगा। 

करतार सिंह - महाराज आप को मैं एक गंभीर समस्या से अवगत कराने आया हूँ। महाराज मान्सी को आप के इस ठिकाने का पता चल गया है। वो अपनी विशाल सेना के साथ इस ओर आ यही है। उसकी ताकत अब पहले से ज्यादा दुगुनी हो गई है। उसकी सेना मे  कई भूत प्रेत जानवर दैत्य एक से बढ़ कर एक मायावी दानव और मजबूर सिपाही है। जो बस एक इसारे पर किसी के भी गले से एक घुट मे सारा खून पी सकते है। इससे पहले कि वो यहाँ आ जाए किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाए।

केशव- सेनापति हम यहाँ से जा हि रहे है। किंतु आप को हमारे साथ अभी नहीं आना है। आप मान्सी के हर कु कर्म पर नजर बनाए रखे । मैं वादा करता हूँ आप का ये त्याग व्यर्थ नहीं जाएगा।

करतार सिंह - जी महाराज। महारानी जी मेरा तो लल्ला अब नहीं रहा क्या मैं अपने राजकुमार को देख सकता हूँ? 

मंदाकिनी - बच्चे को उनकी ओर बढ़ाते हुए। लीजिये सेनापति जी इसे आप के आशीष कि परम आवश्यकता है। यही हमारे देश मे खुशीया वापिस लेकर आएगा।

करतार सिंह - बच्चे को हाथों मे लिए बिना हि करतार सिंह ने उसे प्रणाम किया। कहा इनका ये स्वरूप दुखियो के दुखो को और पापीयों के पाप का नास करने वाला है। इनकी सक्तिसाली भुजाऐं असहाय के सहायक और दुश्मनो के लिए काल है। इनका अग्नि कि तरह का तेज है और ये एक वीर योद्धा है। इसलिए आज से ये अग्निवीर है। अग्निवीर कि जय राजकुमार अग्निवीर कि जय राजकुमार अग्निवीर कि जय राजकुमार अग्निवीर कि जय राजकुमार अग्निवीर कि जय

महाराज अब मुझे यहाँ से जाने कि अनुमति प्रदान करें। धन्यवाद

केशव- आज्ञा है।

करतार सिंह वहाँ से अपने घोड़े पर सवार हो कर वहाँ से निकल गया और राजा केशव ने तुरंत सभी को आदेश देते हुए।

मेरे सभी साथीयों अब हमें तुरंत हि ये जगह छोड़कर चलना है। दुश्मन हमारी तरफ निकल गया है। बरसात के बादल चारो ओर से बढ़ रहे है। हम चाहे तो युद्ध कर सकते है। लेकन ये युद्ध का सही समय नहीं। आपमे साहस कि कोई कमी नहीं फिर भी हमें गुरुजी के बताए मार्ग का अनुसरण करते हुए पूर्व दिशा कि ओर प्रस्थान करना होगा। तभी बारिश कि बुँदे गिरने लगी। साथियो आज कुछ भी हो जाए हमें रुकना नहीं है आगे बढ़ते हि जाना है। 

राजा केशव, महारानी मंदाकिनी और सभी सहयोगियों के साथ पूर्व कि ओर बढ़ाने लगे। राजा सभी का हौसला बढ़ाते और सभी खुशी खुशी बढ़ते जा रहे है। किंतु उन्हें आगे आने वाली परेशानियों का अंदाजा नहीं है। हर मुस्किल हर बाधा को दूर करते जा रहे है। जो सबसे बड़ी मुश्किल उनके सामने है उसे तो उन्होंने महसूस भी नहीं किया है। हर हर महादेव कि बुलंद आवाज और उनका बढ़ता जोस इन सबका मुख्य कारण अग्निवीर है। अग्निवीर के आने से सभी मे गज़ब का उत्साह है। सभी भगवान से यही कामना करते है कि अग्निवीर सही सलामत रहे। उनकी आखिरी उम्मीद बस अग्निवीर हि है। हर हर महादेव राजकुमार अग्निवीर कि जय ।

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बुधवार, जून 29

चाहत और भी है-भाग 22 want more 22

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 22


Sara and Aru talking on the phone.  Aru your didi broke my mangalsutra and took it away.  I love you very much.  Why did he do this?  I will always love you no matter what happens.  You leave me it can happen but I leave you it can never happen.  As long as there is a beat in my heart, every mother-in-law is in your name.  Aru- First of all you stop crying.  Now tell me, I came to meet you in the field but you have not met and I kept waiting for you all night.  In the end I had to return disappointed.  why did you do this to me?  Do you know from how far I have come?  Anyway, your last wish has come true, isn't it?  Have you considered human emotion as a toy?  Whenever I wanted to play my mind, I threw it away whenever I wanted.  Sara - Forgive me Aru, I made a mistake.  But I can't forget you. I was never going to take him off. Even though the mangal thread broke through my neck, I am my husband myself.  And always will be.  Aru- So you tell how can the relationship progress?  And how can you be sure that you will never cheat again?  Sara - Despite everyone, I have completed your test, do you still not trust me?  I am still ready to accept everything you say.  Tell me what to do now?  Aru - OK, I agree with you on everything.  But it is not easy to be trusted.  Now even if we increase the relationship in some way, now a knot has formed in it.  I don't know about you but I will always love you.  I love you.

सारा और अरु फोन पर बात करते हुए। अरु आप कि दीदी ने मेरा मंगलसूत्र तोड़ कर ले गई। मैं आप से बहुत प्यार करती हूँ। उन्होंंने ऐसा क्यू किया? मैं आप को हमेशा चाहती रहूंगी चाहे कुछ भी हो जाए। आप मुझे छोड़ दो ये हो सकता है पर मैं तुम्हें छोड़ दूँ ये कभी भी नहीं हो सकता। मेरे दिल मे जब तक धड़कन है हर सास आप के नाम कि है। अरु- पहले तो आप रोना बंद किजिये। अब आप बताओ मैं आप से खेत मे मिलने आया था पर आप मिले हि नहीं और मैं सारी रात आपका इंतजार करता रहा। अंत मे मुझे निराश होकर लौटना पड़ा। आप ने मेरे साथ ऐसा क्यू किया? आप को मालूम तो है ना कितनी दूर से आया हूँ। वैसे भी आप कि आखिरी इच्छा तो पूरी हो गायी है ना? आप ने इंसान कि भावना को खिलौना समझा है क्या? जब मन चाहा खेल लिया जब चाहा उठाकर फैक दिया।  सारा - मुझे माफ़ कर दो अरु, मुझसे भूल हो गई। पर मैं आपको नहीं भूल सकती।मैं कभी भी उसे उतारने वाली नहीं थी।भले हि मेरे गले से मंगल सूत्र टूट गया, पर मेरे आप हि पति है। और हमेशा रहोगे। अरु- तो आप बताओ कि रिश्ता आगे कैसे बढ़ सकता है? और भरोसा कैसे होगा कि आप फिर धोखा नहीं दोगी? सारा - सबके होते हुए मैंने आपकी परीक्षा पूरी कि है क्या अब भी आप को मुझपे भरोसा नहीं। मैं अब भी आपकी हर बात मानने को तैयार हूँ। कहो मुझे अब क्या करना है? अरु - ठीक है मैं आप कि हर बात मान लेता हूँ। लेकिन भरोसा होना आसान नहीं। अब हम भले हि किसी तरह से रिश्ते को बढ़ाये अब उसमें गाठ तो बन गई है। आप का तो पता नहीं पर मैं आप को हमेशा प्यार करता रहूँगा। आई लव यू।

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गुरुवार, जून 23

अग्निवीर p2



अग्निवीर

बच्चे कि माँ - ये पापनी सुन मैं तुम्हें श्राप देती हूँ तुम्हारी मौत का करन मेरे बच्चे का खून बनेगा। और वो भी ज़मीन पर गिर कर अपने प्राण त्याग देती है।

मान्सी- चारू ले आओ उस खप्पर को मेरे पास मैं भी देखु कितनी ताकत है इस खून मे। (खप्पर अपने हाथ मे लेते हुए) मैं अब और इंतजार नहीं कर सकती चाहे तुम कितना भी दूर चलें जाओ मैं तुम्हें पा कर रहूंगी। मान्सी राजदारबार से मुस्कुराते हुए अपने रथ मे जा बैठती है। सार्थी चलो काबिले कि ओर हमें विश्कन्या से अभी मिलना है।

मुरारीलाल - भीमा जाओ सभी को संकेत दे दो।निसान गांव के बाहर पीपल के पेड़ पर लगाना। भीमा- जी महाराज ( बोल कर लाल झंडी लिए पीपल कि ओर बढ़ गया। मुरारीलाल भी अपनी पत्नी मंदाकिनी के साथ पीपल कि ओर बढ़ते है। भिमा के झंडा फहराते हि वहाँ कई लोग साधुओं के वेश मे एकत्रित होकर हर हर महादेव हर हर महादेव का जयकारा लगा रहे है।

मान्सी- विश्कन्या के मठ मे प्रवेश करते हुए। विस्कन्या आज मुझे तुम्हारी जरुरत है। विस्कन्या -कहो महारानी क्या समास्या है। जो आप को मुझ तक आना पड़ा। मान्सी- मत कहो मुझे महारानी जिसके सपने देखें वो किसी और का हो गया। ये राजमहल राजा के बिना अधूरा है और मैं भी उसके बिना अधूरी हूँ। मुझे वो चाहिए और उसे पाने को मैं किसी भी हद को पार कर सकती हूँ। विश्कन्या पता करो अभी वो कहा है? कैसे है? मैं उन्हें अभी देखना चाहती हूँ। विस्कन्या- मान्सी मैं तुम्हारे साथ हूँ पर अभी मैं ये काम नहीं कर सकती। क्योंकि मेरे गर्भ मे बच्चा है। यदि हमने ये पूजन विधि कि तो इसका कुछ ना कुछ समस्या उत्पन्न होगी। पास हि खड़े भुजंग नाथ बोले- जी महारानी ये सच है मेरी पत्नी के गर्भ से जो बच्चा जन्मेगा, उसमें आप के लाए बच्चे के खून का अंश मिल जाएगा। फिर हम जैसी संतान चाहते है वैसी नहीं होगी। उसमें बाहरी गुण दोष शामिल हो जाएँगे। मान्सी - मैंने कहा मुझे उसे देखना है अभी इसी वक्त। जी महारानी कहेकर विश्कन्या और भुजंग नाथ कुलदेवी कि पूजा आरम्भ करते है। तीनो हवन के पास बैठ कर आहुति दे रहे है। खप्पर मे रखे खून कि कुछ बुँदे आहुती देने के बाद तीनो उस खून को बराबर-बराबर बांट कर पी लिए। तीनो ने एक दूजे का हाथ पकड़ कर मंत्र जपने लगे। कुछ देर बाद हवन कुंड मे एक तीव्र प्रकाश का गुब्बार बनता है। उस गुब्बार मे कई एकत्रित होते जाने पहचाने चेहरे साधुओं के वेश मे दिखने लगते है। हर हर महादेव के जयकारे से अब विस्कन्या का मठ भी गूंजने लगा। देखो विश्कन्या , मंदाकिनी को ये मेरी दुश्मन है इसने मुझसे धोखा किया है। और इसके पेट मे पल रहा बच्चा तुम्हारा दुश्मन है। मंदाकिनी को अचानक दर्द शुरू हो जाता है वो जोर से आवाज देती है- स्वामी केशव ये सुनते हि मुरारीलाल वहा आता है। गुब्बार मे अचानक तस्वीरें धुंधली होने लगती है। वहीं विश्कन्या के पेट मे भी दर्द उठता है, ये देख कर भुजंग बाहर निकलते हुए सभी को पास आने के लिए आवाज लगाने लगता है। आस पास के सभी लोग एकत्रित हो जाते है। भुजंग - दसियो जाओ तुम्हारी महारानी कि मदद करो। ये सुनते हि कुछ औरते अंदर चली जाती है। मान्सी भी बाहर आते हुए भुजंग नाथ तुम्हें मालूम होना चाहिए पहले हम तीनो सहेलीया थी पर अब सबकुछ बदल गया है। अब ये देखना होगा कौन ज्यादा आगे जाता है। तभी वहा भुजंग नाथ के गुरु आते दिखाई दिए। उन दोनों ने गुरु को प्रणाम किया और बैठने को आसन दिया। तभी अंदर से बच्चे के रोने कि आवाज आयी। मठ के अंदर से एक दासी बाहर आयी। उसके हाथ मे एक सुंदर बच्ची है महाराज को बहुत सारी शुभकामनाये बच्ची हुई है। भुजंग नाथ भेट देते हुए बच्ची को अपने हाथों मे लेता है। बच्ची को गुरुजी कि ओर बढ़ाते है। गुरुजी उसकी ओर देखते हुए इसका नाम कुमारी होगा इसमें मायावी शक्तियाँ और एक मानव योद्धा के गुण होंगे समय आने पर ये सत्य का साथ देने वाली होगी। एक दिन इसके सारे अपने इसके खिलाफ होंगे। एतिहात में हुई गलतियों को सुधारने के लिए हि इसका जन्म हुआ है। मान्सी- गुरुजी अब मुझे जाने कि आज्ञा प्रदान करें। मुझे भी आज एतिहात का एक और पन्ना लिखने जाना है, चाहे वो गलत हो या सही। गुरुजी से आज्ञा पा कर मान्सी अपने रथ मे बैठ गई और महल आ कर सभी को सभा मे उपस्थित होने का सन्देसा भेज दिया। कुछ देर में सभी सभा के सदस्य वहाँ आ गए। मान्सी - सभी मेरी बात ध्यान से सुने हमें अभी युद्ध के लिए जाना है। कंचन वन कि ओर तत्काल युद्ध कि तैयारी मे जुट जाए। सेनापति - उस ओर तो हमारा कोई भी दुश्मन नहीं फिर... मान्सी- सेनापति चतुकार हमने जो कहा उसपर अमल हो। और सुनो हम महाराजा केशव से युद्ध के किये जा रहे है। उन्हें सिर्फ मेरे साथ रहना होगा या फिर परलोक जाना होगा। अब जाओ और कोई कुछ कहना चाहता है। ज्योतिष रेनू - जी महारानी मेरा मत है ये फैसला सही नहीं है। क्योकि अभी आपकी राशि गणना के अनुसार युद्ध योग नहीं बन रहे। मान्सी- तो क्या केशव को मेरे दुश्मन के साथ छोड़ दूँ। सेनापति - महारानी मैं हूँ ना सभी को मर कर केशव को बंदी बना कर ले आता हूँ। मान्सी- हँस्ते हुए जाओ सेनापति खाली हाथ आना। यदि ऐसा हुआ तो मौत तुम्हारा यहाँ भी इंतजार करेगी जाओ उसे लेकर आओ। जी महारानी बोल कर सेनापति सभा से बाहर चला गया। मान्सी ने सभा समाप्त कि घोषणां कि। फिर वहाँ से अपने कमरे कि ओर चली।

सभा मे एक ऐसा पुरुष भी था जिसने कुछ समय पूर्व हि अपने बच्चे और पत्नी का अंतिम संस्कार किया था। उसके मन मे क्रोध कि आग लग गई थी। उसका नाम है करतार सिंह उसने सभा से निकलते कि अपने घोड़े पर सवार होकर सीधे कन्चन वन का रास्ता पकड़ा तेज रफ्तर घोड़े से वाह सीधे कन्चन वन मे प्रवेश कर गया।

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अग्निवीर p1



अग्निवीर

काली घनी रात मे मुरारीलाल एक एक कदम बड़ा रहा है। उसे रास्ते मे कई जानवरों कि आवाजें आ रही है। मुरारीलाल बड़ी हिम्मत लगा कर आगे बढ़ रहा है। तभी उस सड़क पर एक ट्रक आता दिखाई देता है। जो पूरी तरह से अनियंत्रित होकर मुरारीलाल के पास पलट जाता है। और उसकी मिट्टी मे मुरारीलाल दब जाता है। उसके हाथ पैर और गले तक मिट्टी से दब जाता है। मिट्टी मे मुरारीलाल बहुत निकलने कि कोशिश करता है। उसके हाथ पैर हिल भी नहीं पाते । जोर जोर से काओ कि आवाजें आती है। तभी मुरारीलाल कि नज़र उस मिट्टी के ढेर पर पड़े बड़े से पत्थर पर पड़ती हैं। वो पत्थर वहा से फिसला है। और मुरारीलाल के मुँह कि ओर बढ़ता है। मुरारीलाल अपनी आँखे बंद करके दूसरी तरफ अपना सिर घूमता है। और उसकी नींद टूट जाती है। वह देखता है। उसके पास हि उसकी पत्नी मंदाकिनी उसे देख रही है। मंदाकिनी, मुरारीलाल को पसीने लत पत देख कर। मुरारीलाल का पसीना पोछ्ते हुए मैं जानती हु हमें अपने राज्य को छोड़ना पड़ा नौ महीने अब पूरे होने वाले है। ये बुरी ताकतें हमारे साथ आती हि रहेगी। क्योंकि वो जानती है। उनका काल मेरी कोख मे है। अब वो वक्त आ गया है। हमें हमारे राजगुरु से मिलना होगा। मुरारीलाल - हा मंदाकिनी मिलना तो है पर कैसे? राजगुरु और सभी राज सेवक उनकी कैद मे है। फिर हमारा मार्गदर्शन कौन करेगा? मंदाकिनी- जब उनका काल आ हि रहा है तो रास्ता भी होगा।बस वो हमें नज़र नहीं आ रहा। अब तो गुरुजी हि कुछ करेंगे। तभी उनके घास पूस के घर मे एक रोशनी उत्पन्न होती है। और उस रोशनी के बीच राजगुरु दिखाई दे रहे है। राजगुरु को सामने देख दोनों ने प्रणाम किया। आशिर्वाद देते हुए राजगुरु- राजन मैं अपनी योग सक्ती से आप तक आया हूँ। हमारे देश मे चारों ओर हाहाकार मचा हुआ है। जो उनके साथ हुए वो अत्याचारी धूर्त बन गए, जिन्होंने उनका साथ नहीं दिया वो मारे गए या बंदी बना लिए गए। महाराज आप यहाँ से पूर्व कि ओर जाओ अब आप के लिए यहाँ रुकना सही नहीं है। आपको पूर्व कि ओर पलाश वन मे प्रवेश करना होगा। वहाँ पर एक सफ़ेद पलसा का पेड़ होगा। उसी के पास पल्लवी ऋषि का आश्रम है। आप दोनों वहाँ यचना लेकर जाओ वो आप कि मदद जरूर करेंगे। ऐसा बोलकर वे अन्तर्ध्यान हो गए। वो दोनों उस घर से बाहर आए। और मुरारीलाल ने भीमा को आवाज लगायी। भीमा हा मुरारीलाल सुबह सुबह क्यूँ चिल्ला रहे हो। पास में आ कर, जी महाराज क्या आदेश है। भीमा हमारे चलने का वक्त आ गया है। सभी को लाल संदेश भिजवा दो अभी। जी महाराज। भीमा अपने घर के बाहर एक लाल रंग का झंडा फहरा देना है। कुछ हि छनो पस्चात वहाँ बहुत से साधु साध्वी इक्कठा होने लगे। मुरारीलाल उन सभी के बीच मे जाकर खड़ा हो जाते है। और कहते है। मेरे सभी साथियो आप इस विषम परिस्थितयों मे मेरा साथ दे रहे है उसके लिए आप सभी का धन्यवाद। गुरूजी के आदेश अनुसार हम यदि यहाँ और रुके तो मुस्किले बढ़ने वाली है। अतः गुरुजी के बताए गोपनीय मार्ग पर हम सब को अभी चलना है। आप सभी अपने साथ खाने पीने कि सभी वस्तुए रख ले। अगला संकेत मिलते हि हम पूर्व दिशा कि ओर प्रस्थान करेगें। सभी लोग वहाँ से चलें गए।

गुलामी कि जंजीरो मे जकड़े कई गुलामो को कोड़े कि मार मारते सैतानी लोग। खून के आंसू रोने को मजबूर वहाँ कि जनता, जिनसे जी भर काम करवाते है फिर उन्हें मारते है, काटते है और खा जाते है।बड़े से राजमहल मे चारों ओर बुराई और मौत नाच रही है। यहाँ एक से बढ़ कर एक भूत प्रेत आत्मा दानव तांत्रिक सब एक साथ है। और इन सबकी रानी है मान्सी। मान्सी बहुत हि खूबसूरत और जवान है। लेकिन उसके भाव सही नहीं उसकी आँखे तेज कटार कि धार है। उसके काले घने खुले हुए केश, उसके घुटने तक लटक रहे है। जवानी कि आग मे जलती मान्सी गुस्से से लाल चेहरा, हाथो मे रूह दण्ड लिए कारागार कि ओर बढ़ती है। जैसे जैसे मान्सी आगे बढ़ती है क्या दांनाव क्या दैत्य सब अपना समर्पण कर देते है। मान्सी को देखते हि सब ज़मीन पर लेट जाते है। और प्रणाम करने लगते है। दोनों हाथ जोड़ कर राजगुरु को मान्सी का प्रणाम(घमंड से भरी मुस्कान के साथ)।राजगुरु- तुम यहाँ क्यूँ बार बार आती हो? मैं तुम्हें कभी भी नहीं बताने वाला कि वो कहा है। चाहे तुम मुझे मार हि क्यूँ ना दो। मान्सी- नहीं गुरुजी आप को मैं नहीं मारूंगी और मुझमें इतनी सक्ती नहीं, कि मैं आप का मुकाबला कर सकू। आप तो कैद मे हि रहो और बस देखते जाओ क्या हाल करती हूँ मैं इस राज्य का।( मुँह बनाते हुए) और रही उसकी बात तो उसे तो मैं पा कर हि रहूंगी। राजगुरु- मानसी तुम कभी भी कामियाब नहीं हो सकती। गलत रास्ते पर मंजिल नहीं मिलती और ये तुम्हारी जीत को हार मे बदलने तुम्हारे अत्याचार को समाप्त करने वो जन्म लेने हि वाला है। मान्सी - राजगुरु मेरी मौत कि कामना करने से पहले उन्हें मुझसे बचाने कि कामना करो, क्योंकि वो सिर्फ मेरा है और किसी का नहीं। इस तरह बोलती हुई मान्सी राजदारबार कि ओर बढ़ती है। मान्सी को दरबार मे आता देख सभी ज़मीन पर लेट जाते है। और मान्सी सिंहासन पर बैठ जाती है। सभी लोग उठ कर अपने स्थानों पर बैठ जाते है। मान्सी - किसी को कुछ कहना है? खड़े होकर कहो।(कोई भी खड़ा नहीं होता तब) कोई कुछ नही कहना चाहता? सभी लोग जाओ अपना अपना काम करो जाओ। सेविका चारू जाओ मेरे लिए नवजत जीव या मनुस्य का खून ले आओ। चारू तुरंत बाहर से एक बच्चे को गोद मे लिए प्रवेश करती है। उसके साथ हि एक महिला रोती बिलखती चारू के पीछे आ जाती है। क्रूर चारू कहती है सैनिको पकड़ लो इस औरत को। फिर वहाँ एक खप्पर लाया जाता है। उस बच्चे की माँ बार बार चारू से कहती है उसे छोड़ दो। पर चारू कुछ भी सुने बिना, एक हि वार मे बच्चे का सिर गले से अलग कर देती है। बच्चे का सिर उसकी माँ के सामने गिरता है। चारू के हाथ मे बच्चे के पैर है उसका धड नीचे लटक रहा हैं। उससे निकलती खून कि धार खप्पर मे जमा को रही है। तभी बच्चे कि माँ - ये पापिनी सुन मैं तुम्हें श्राप देती हूँ तुम्हारी मौत का कारन मेरे बच्चे का खून बनेगा। ऐसा बोल कर वो भी ज़मीन पर गिर कर अपने प्राण त्याग दिए।

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शुक्रवार, जून 17

AGNIVEER अग्निपथ


अग्निपथ

अग्निपथ योजना सेना मे भर्ती के लिए लायी गई है। इस योजना के अंतर्गत जीन सैनिकों कि भर्ती होगी , उन्हें अग्निवीर कहा जाएगा। इस योजना का मुख्य मकसद भारतीय सेना को युवा सेना मे पर्वर्तित करना है। योजना अनुशार अग्निवीरो का सेना मे कार्यकाल चार साल का होगा। 

इन चार साल मे क्या होगा?

6 महीने कि ट्रेनिंग होगी बाकी तीन साल 6 महीने सेना मे काम करेंगे। इस दौरान एक अच्छा वेतन मिलेगा। 

चार साल बाद क्या होगा?

25% सैनिक देश सेवा करेंगे 75% सैनिको को अच्छे खासे पैसे दिए जाएँगे जो कोई भी बिज़नेस कर सकते है। पढ़ाई कर सकते है। 

इससे देश को क्या फायदा होगा?

1) 4 साल सेवा देने के बाद जब आप रिटायर होंगे उन जगहों पर हमारे दूसरे भाइयों को मौका मिलेगा।

2) 4 साल बाद जब आप कोई बिज़नेस करोगे तो आप दूसरों को रोजगार दे सकोगे।

3) 4 साल बाद आप कहीं भी रहो देश जब विषम परिस्थितियों मे होगा आप का आव्हान किया जाएगा। हमें बाहर से लड़कों को बुलाने कि जरुरत नहीं होगी।

मेरे अग्निवीरो देश कि सेवा करो 

धन्यवाद


Agneepath scheme has been brought for recruitment in the army.  Gene soldiers will be recruited under this scheme, they will be called Agniveer.  The main objective of this scheme is to convert the Indian army into the youth army.  According to the plan, Agnivero's tenure in the army will be of four years.

 What will happen in these four years?

 There will be 6 months of training, the remaining three years and 6 months will work in the army.  You will get a good salary during this period.

 What will happen after four years?

 25% soldiers will serve the country, 75% soldiers will be given a lot of money who can do any business.  can study.

 How will this benefit the country?

 1) After serving 4 years, when you retire, our other brothers will get a chance in those places.

 2) After 4 years, when you do any business, you will be able to give employment to others.

 3) After 4 years, wherever you live in the country, you will be called when you are in odd circumstances.  We will not need to call boys from outside.

 serve my country

 Thank you



गुरुवार, जून 16

चाहत और भी है-भाग 21 want more 21

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 21


Everything happened but still that rift remained between them.  Everything seems fine.  But still Aru's mind seems to be distracted.  Because when there is deception, how can one trust him?  Their relationship is on that delicate thread.  which can break at any time.  After this an incident happens again with Aru.  The sensation that has come in the middle.  He met Aru. There was a scuffle between the two.  The result happened.  That Aru went back to his home from there.  The distance is not over yet.  Trust nothing yet.  Sara calls Aru.


 Sara - where are you?  Aru-I am at home.  Sarah - Forgive me, how did I make such a big mistake?  I don't know but I love you.  Aru- Okay whatever happened happened, but how can I trust you in future?  Sara - The night you fulfilled my wish, this question can be taken forward by considering your trust as the first step.  Aru - ok then what to do now?  Sara - You come to meet me. Aru - I will come but I will not come to your house.  Sarah - Ok you come to my farm tomorrow.  I will stay at the farm with my grandparents.


 Aru left for Samangaon the next day in the evening to meet Sara.  By night traveling by bus.  Reached Samangaon at 8 o'clock.  From the bus stop, Aru started walking towards Sara's farm.  The road is full of hilly areas and forests.  It is also raining light rain drops.  The weather is looking good.  And Aru is feeling a little scared too.  Different types of sounds come from wild animals.  And darkness is all around.  After some 30 minutes Aru reached there.  Aru waited till 12 o'clock at Behind Sara's farm house but Sara did not come.  Aru got very angry.  And from there he went back.  Came to my home by bus in the morning.  All these things made Aru very sad.  In a fit of rage, Aru starts packing his belongings and leaves for his job the same day.


 For some reason, after three or four days that Aru does not talk to Sara, Aru calls Didi and tells her to break the thread lying around Sara's neck.  I explained to Aru, don't take any decision in anger.  But he did not believe that his head was angry.  Didi breaks the thread from Sara's neck at the behest of Aru.  After a while Hi Aru got a call from Sara.  He said you can leave me but I can't leave you.  Sara said that Didi broke my mangal sutra and took it away.  Aru - I have broken because of my saying.


सब कुछ हुआ पर अभी भी वो दरार उन दोनों के बिच बाकी रही। सब ठीक तो लग रहा है। पर अब भी अरु का मन विचलीत लग रहा है। क्योंकि धोखा जब होता है तो उसपे भरोसा कैसे होगा? उस नाजुक सी डोर पर उनका रिश्ता है। जो कभी भी बिखर सकता है। इसके बाद एक घटना अरु के साथ फिर घटित होती है। सनसन जो कि बीच मे आ चुका है। अरु से उसकी मुलाकात हुई।दोनों के बीच हातापाई हुई। नतीजा ये हुआ। कि अरु वहाँ से अपने घर वापीस चला गया। दूरिया अभी खत्म नहीं हुई। भरोसा अभी कुछ भी नहीं। सारा ने अरु को फोन किया।

सारा - कहा हो जी। अरु-मैं घर पर हूँ। सारा - मुझे माफ़ कर दो इतनी बड़ी गलती मेरे से कैसे हो गई? मैं नहीं जानती पर मैं आप को हि चाहती हूँ। अरु- ठीक है जो हुआ सो हुआ पर आगे आप पर भरोसा करुँ तो कैसे? सारा - आप ने जिस रात मेरी इच्छा पूरी कि थी, वो परिक्छा हि आप के भरोसे का पहला कदम मन कर इस रिश्ते को आगे बढ़ाया जा सकता है। अरु - ठीक है फिर अब क्या करना है? सारा - आप मुझसे मिलने आईये।अरु - आता हूँ पर आप के घर नहीं आऊँगा। सारा - ठीक है आप मेरे खेत आ जाओ कल। मैं खेत मे हि दादा दादी के साथ रुकूंगी। 

अरु अगले दिन शाम को सारा से मिलने समानगांव के लिए निकला। बस का सफर करके रात के। 8बजे सामानगांव पहुँच गया। बस स्टॉप से अरु सारा के खेत कि ओर चलने लगा। रास्ता पहाड़ी क्षेत्रो और जंगल से भरा हुआ है। हल्की हल्की बारिश कि बुँदे भी बरस रही है। मौसम तो अच्छा लग रहा है। और अरु को थोड़ा डर भी लग रहा है। जंगली जानवरों कि तरह तरह कि आवजे आती है। और अँधेरा चारों ओर है। कुछ 30 मिनट के बाद अरु वहाँ पंहुचा। अरु ने बहुत सारा के खेत वाले घर के पीछे 12 बजे तक इंतजार किया पर सारा नहीं आयी। अरु को बहुत गुस्सा आया। और वह वहाँ से वापिस निकल गया। सुबह कि बस से अपने घर आ गया। इन सब बातों से अरु को बहुत दुःख हुआ। गुस्से मे अरु अपने सामान कि पैकिंग करके उसी दिन अपनी जॉब के लिए चल देता है।

किसी कारण तीन चार दिन अरु कि सारा से बात ना होने पर अरु दीदी को फोन करता है और कहता है सारा के गले मे पड़ा धागा तोड़ दो। अरु को मैंने समझाया गुस्से मे कोई भी फैसला मत लो। पर वो नहीं माना उसके सिर तो गुस्सा सवार है। दीदी ने सारा के गले से वो धागा तोड़ दिता अरु के कहने पर। थोड़ी देर बाद हि अरु को सारा का कॉल आया। उसने कहा आप मुझे छोड़ दो हो सकता है पर मैं आप को छोड़ दूँ ये नहीं हो सकता। सारा ने बोला आप कि दीदी मेरा मंगल सूत्र तोड़ कर ले गई। अरु - मेरे कहने से हि तोड़ा है। 


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सोमवार, जून 6

मदमस्त हो गए got drunk

मदमस्त हो गए


fall in love with you

 became famous

 got drunk 2


 look into your eyes

 we got busy

 got drunk 2


 no one drink alcohol or intoxicant

 We drank from your lips

 Didn't have fun

 If you hinted, then this heart is gone


 Your heart was beating for your heart

 It was moonlight for four days then lost it

 There was sunshine, sometimes I met in the shade

 Somewhere day met some night met


 तेरे प्यार में जाना

 मसहूर हो गए

 मदमस्त हो गए 2


 तेरी आख में झाका

 हम व्यस्त हो गए

 मदमस्त हो गए 2


 ना पीये शराब ना नशा कोई किए

 तूने पिलाई ओठ से तो हम भी पी लिए

 ना किए थे दिल्लगी अब दिल्लगी किया

 तूने किया इशारा तो ये दिल चले गए


तेरे प्यार में जाना

 मसहूर हो गए

 मदमस्त हो गए 2


 तेरी आख में झाका

 हम व्यस्त हो गए

 मदमस्त हो गए 2


 धड़क रहा था दिल तेरा तो दिल ले लिए

 चार दिन की चांदनी थी फिर खो दिए

 धूप थी कहीं कभी तो छाव में मिले

 कहीं दिन को मिले कहीं रात मिल गए


तेरे प्यार में जाना

 मसहूर हो गए

 मदमस्त हो गए 2


 तेरी आख में झाका

 हम व्यस्त हो गए

 मदमस्त हो गए 2




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मंगलवार, मई 31

चाहत और भी है-भाग 20 want more 20

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 20

Seeing Sara's tears flowing, Aru's heart melted, but now his ego has come in the middle.  He was not wiping Sarah's tears even after wishing.  Aru's faith is now broken.  But Sara has regrets too, Aru knows this.  Still, how can the love that has been broken be reconnected?  Aru picked up his bag and came to Didi's house.  Didi came back home to Shyam, then she cooked food, everyone slept after having food.  The next day Sara wakes up Aru.  There is no one in the house.  Sister has gone to work.  Sara kept trying to persuade again and again but what Aru should do, she could not understand anything.  Sara tried her best to convince Aru.  Then Sara heated the water and made Aru take the water bath as usual.  He said that the water has been removed, take a bath.  Aru went to the bath without saying anything.  Sara also went back and forth.  And asked me to come to the bath to bathe you.  Aru refuses.  Sara went back to the house crying.  Aru started thinking how did I become so cruel.  All such questions kept scratching his mind. And he was done taking a bath.  He put on clothes, then went to sleep while eating and using his mobile phone.  Because started the work of demolishing the old house to build a new house. Aru didi and Sara's mother and aunt all engaged in the same work. Half of the house was demolished by the time Shyam. Aru and didi stayed in Sara's house today. Food  After eating everyone started sleeping. Aru saw Sara writing something on a paper. Aru tried to see but Sara hid the paper. Aru again came back to his place. After sometime Sara gave that paper to Aru.  It is written in it.  Kissing on the lips. Sara got up in panic. But seeing Aru in front, she became restless. Aru asked Sara to do the hardest work till now. Aru said everyone is in the house now. You have to have this onion now.  All the skins have to be taken off. If you can, I will make your wish come true. Sara started looking a look into Aru's eyes and a  One by one layer by layer started peeling off.  He took off all the peels and threw them away.  At this time there is neither fear nor shame, if there is anything, then only the test which both of them have completed.  Aru filled colors in all the skins in such a way that Sara fulfilled her wish which was written in that paper.

सारा के बहते आंसूओं को देख कर अरु का दिल पिघल गया, पर अब उसका ईगो बीच मे आ चुका है। वो चाह कर भी सारा के आंसू नही पोछ रहा। अरु का विश्वाश अब टूट गया है। लेकिन सारा को पछतावा भी है, अरु ये जानता है। फिर भी जो प्यार कि डोर टूट गई है उसे कैसे जोड़ सकते है? अरु ने अपना बैग उठाया और दीदी के घर आ गया। दीदी श्याम को घर वापिस आयी फिर उसने खाना बनाया सबने खाना खा कर सो गए। अगले दिन सारा ने अरु को जगाया। घर मे कोई नहीं है। दीदी काम पर जा चुकी है। सारा बार बार मनाने कि कोशिश करती रही पर अरु क्या करें उसे कुछ भी नहीं समझ में आ रहा। सारा ने अरु को मनाने कि बहुत कोशिश की हर संभव प्रयास किया। फिर सारा ने पानी गरम किया और अरु को हमेशा कि तरह पानी नहाने को निकाल कर दिया। उसने कहा अरु पानी निकाल दिया है नहा लो। अरु बिना कुछ कहे नहाने गया। पीछे-पीछे सारा भी गई। और पूछा नहानी मे आ जाऊ आप को नहलाने। अरु ने मना कर दिया। सारा रोती हुई वापिस घर मे चली गई। अरु सोचने लगा आखिर मैं इतना निर्दयी कैसे हो गया। ऐसे तमाम सवाल उसके मन को खरोचते रहे।और उसका नहा कर हो गया। उसने कपड़े पहने फिर खाना और मोबाईल चलाते हुए सो गया।(उ'-- ;@ते +9 ;@५@६८ !@-८ +@ #@(त८ इस तराह श्याम हो गई। अगले दिन दीदी काम पर नहीं गई क्योंकि नया घर बनाने के लिए पुराने घर को तोड़ने का काम शुरू किया। अरु दीदी और सारा कि माँ और बुआ सब उसी काम मे लग गए। श्याम होते होते आधा घर तोड़ दिया। अरु और दीदी आज सारा के घर मे हि रुके। खाना खाने के बाद सब सोने लगे। अरु ने देखा सारा एक कागज मे कुछ लिख रही है। अरु ने देखने कि कोशिश कि पर सारा ने कागज छुपा लिया। अरु फिर अपनी जगह आ गया। कुछ देर बाद सारा ने वो कागज अरु को दिय। उसमें लिखा है। (अरु आप चाहो भले हि मुझे छोड़ दो मैं आप को कभी नहीं भूलूंगी प्लीज मुझे माफ़ कर दो । और मेरी आखिरी इच्छा पूरी कर दो।) सब सो गए पर अरु को नींद नहीं आयी। उसने आधी रात सारा को जगाया ओठों पर किस करते हुये। सारा घबरा कर उठ गयी। पर अरु को सामने देख वो सांत हो गई। अरु ने अब तक का सबसे कठिन काम सारा को करने कहा। अरु बोला घर मे अभी सब लोग है। आप को अभी इस प्याज के सारे छिल्के उतारने है। यदि आप कर सको तो आप कि इच्छा पूरी कर दूँगा। सारा ने अरु कि आँखो मे एक टक देखना चालू किया और एक एक करके परत दर परत छिल्के उतारने लगी। उसने सारे छिल्के उतार कर फेक दिए। इस समय ना तो डर है ना तो शर्म है बस कुछ यदि है तो सिर्फ परीक्षा जिसे दोनों ने पूरा किया। अरु ने बिजली के सभी स्वीच ऑफ कर दिए। रात के अँधेरे मे उन्होंने रंग भर दिए। इस तरह अरु ने सारा कि वो इच्छा पूरी कि जो उस कागज मे लिखी है।



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सोमवार, मई 30

माटी का शरीर तेरा The body of the soil is yours

माटी का शरीर तेरा,

माटी मे मिल जाना रे

काहे का घमंड तुझको,

तू ना बताना रे


जो भी तूने पाया बन्दे,

यही छोड़ जाना रे

खाली हाथ आया है,

खाली हाथ जाना रे


चारों ओर बैठी माया,

मोह उसपे छाया रे

जो भी लगता है अपना,

वो भी तो पराया रे


कुछ छ्न कि सांसे तेरी,

कुछ छ्न बिताना रे

दो दिन के रिश्ते नाते,

सब तोड़ जाना रे


The body of the soil is yours,

 Meet me in the soil

 Why are you proud of you,

 you don't tell me


 Whatever you found,

 leave it here

 came empty handed,

 go empty handed


 Maya sitting around

 Moh Uspe Chhaya Re

 Whatever you think is yours

 That too is alien


 Some good breath of yours,

 spend some time

 For two days,

 break everything


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बुधवार, मई 18

मटके का पानी या फ्रिजर का?

मटके का पानी या फ्रिजर का?

तेज धूप और गरमी में एक कौवा पानी की तलाश में भटक रहा था।  उसे एक मटका दिखा।  वह मटके के पास गया।  मटके में पानी बहुत कम था।  कौवा ने उसमे एक एक करके पत्थर डाले। जिससे पानी ऊपर आ गया और कौवे ने अपना प्यास बुुुुझाई।

 इस कहानी को आपको बताने का मेरा मक्सद ये है। जैसा की आप सब जनते है गरमियों का मौसम है। लोग गरमियों में पानी के अभाव में भटकते हैं।  वही कुछ लोग हैं जो फ्रिजर रेफ्रिजरेटर का उपयोग करके पानी पीते हैं।  आज मैं आप को मटके का पानी और फ्रिजर के पानी के बीच का अंतर बता रहा हूं। आप को क्या इस्तेमाल करना है आप खुद तय करे-

पैसा का यूज़-

आपको मटका खरीदने मे कम पैसे लगेंगे और उन पैसों से किसी गरीब का खर्चा चलेगा। रख रखओ मे और उपयोग करने मे कोई खर्च नहीं।

फ्रिजर खरीदने मे ज्यादा पैसा लगेगा और किसी बड़े बिजनेसमैन कि तिजोरी भरेगी। उपयोग मे बिजली का खर्चा बढ़ेगा।

बहारि वातावरण-

मटके मे छोटे-छोटे छिद्र होते है। जिनसे पानी वास्प बनके निकलता है जो वातावरण को ठंडा करता है।

फ्रिजर मे छड़ होती है जो गर्मी को सोख कर वातावरण मे छोड़ती है जिनसे वातावरण गर्म होता है।

शुद्धता

मटके के पानी का ph level संतुलित हो जाता है। और मिट्टी के पोशाक तत्व भी आ जाते है।

फ्रिजर के पानी मे केमिकल आ जाते है। ph level तो दूर कि बात है।


In the hot sun and heat, a crow was wandering in search of water.  He saw a pot.  He went to the pot.  There was very little water in the pot.  The crow put stones one by one in it.  Due to which the water came up and the crow quenched its thirst.


 It is my intention to tell this story to you.  As you all know it is summer season.  People wander in summer due to lack of water.  There are few people who drink water by using freezer refrigerator.  Today I am telling you the difference between pot water and freezer water.  You decide for yourself what to use-


 use of money


 It will cost you less money to buy matka and that money will cost a poor person.  There is no cost to keep and use.


 It will take more money to buy a refrigerator and will fill the vault of a big businessman.  The cost of electricity in use will increase.


 external environment-


 There are small holes in the pot.  From which water evaporates, which cools the atmosphere.


 There are rods in the refrigerator that absorb heat and release it into the atmosphere, which heats the atmosphere.


 Accuracy


 The pH level of pot water gets balanced.  And the earthen dress element also comes.


 Chemicals get into the water of the freezer.  The ph level is a far cry.

सोमवार, मई 2

माँ


किसी को तुच्छ समझने से पहले
अपने गिरेबान मे झाक लेते।
आईना देखने कि जरुरत नहीं पड़ती
अपनी सच्चाई जान लेते।
before you despise someone
Take a look in your gaze.
no need to look in the mirror
Know your truth.

कंधे पर बैठा कर पूरा शहर घुमाया जिसने
उसे आज अपना कन्धा दे देते
एक एक कदम चलना सिखाया तुम्हें जिसने
 आखिरी कदम चलने मे उसका साथ देते।
He walked the whole city by sitting on his shoulder.
 Give him your shoulder today
Who taught you to walk one step at a time
Support him in taking the last step.

निकाल कर रख दिया वो दिल किसी के सामने
जिसने उसे बनाया, कभी उसके बारे मे भी सोच लेते।
जीने के लिए सब कुछ तो दिया उसने आपको
उनकि आशा भरी निगाहो को मुड़ कर तो देख लेते।
put that heart out in front of someone
 Whoever made it, would have ever thought about it.
 He gave you everything to live
 Turning his hopeful eyes, he would have seen.
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सोमवार, अप्रैल 25

चाहत और भी है-भाग 19 want more 19

 यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 19

History is witness, when ideas do not meet, thinking changes.  Relationships break down.  When Bali took away Sugriva, it ended.  Ravana took away Vibhishana.  That too came to an end.  But Aru is neither ready to get away from Sara nor does she want to let Sara go away.  Aru went to the office, he took leave by filling the foam.  On the same day he left for Samangaon.  Aru is not liking anything now at the station where the train is settled there.  There is nothing in his heart and mind except Sarah.  Drought, heat and frightening scenery all around.  The leaves of the trees have dried up and fallen, there is only wood and stone in the forest, hill.  When the train passes through a city through the forest, there is no one to be seen.  The heat is so much that people are not coming out of their homes.  Whether the house is the house, the forest or the field, there is silence everywhere.  It is as if the whole earth is burning in fire.  Aru reached Samangaon at 9 in the morning after completing the day and night journey.  After sometime he came in front of Sara's house.  Hi Sanson and some friends are sitting near Sara's house.  Aru got angry seeing them.  Aru drank his anger.  and entered Sarah's house.  He saw Sara is sweeping.  Aru now went and stood in front of him.  Sara also stood up.  Sara started looking at Aru a tuck.  Suddenly all the happiness disappeared from his face.  There is no fear but love for Aru in his eyes.  Aru felt that Sara should not be afraid of me.  Leaving his anger behind, Aru hugged Sara.  He felt that there is no movement in Sara's body, she has become completely empty.  Lifeless c.  Her mother-in-law is slow.  There is no heartbeat.  Maybe he didn't even imagine this scene, Aru didn't either.  There is only silence on both sides as if there is a sign of a storm coming.  Aru pushes Sara away.  And said bring me water.  Sara brought water in the glass without saying anything.  His hands and feet are trembling.  Aru, like every time, took the water back to Sara.  Sara threw that water. But it didn't happen every time.  Sara also used to rub Aru's false water and return it to Aru.  Then Aru was the father of complete water.  Only Sara knows how this rift came in such a deep love.  Sara left the broom there and sat down to cook food near the stove.  Aru took out his mobile and narrated the recording of the conversation with Sanson to Sara.  Sara started crying.  Tears could not stop from his eyes.  Not saying anything, only crying.

इतिहास गवाह हैं, जब विचार नहीं मिलते , सोच बदलती है। रिश्ते टूट जाते है। बाली ने सुग्रीव को दूर किया, तो उसका अंत हुआ। रावण ने विभिषण को दूर किया। उसका भी अंत हुआ। लेकिन अरु ना तो सारा से दूर होने को तैयार है और ना सारा को दूर जाने  देना चाहता है। अरु ऑफिस गया, उसने लीव फोम भर के छुट्टी ली। उसी दिन समानगांव के लिए निकल गया। वहीं बसे वहीं रेल वहीं स्टेशन पर अरु को अब कुछ भी नहीं भा रहा। उसके दिल और दिमाग मे सारा के आलावा कुछ नहीं। चारों ओर सूखा, गर्मी और भयावह दृश्य। पेड़ो के पत्ते सूख कर झड़ गए है, जंगल, पहाड़ी मे केवल लकड़ीया और पत्थर है। जब रेल जंगल से होती हुई किसी शहर से गुजरती है, वहाँ भी कोई नहीं दिखता। तपिस इतनी है कि लोग अपने घर से बाहर हि नहीं आ रहे। क्या घर क्या मकान जंगल हो या मैदान सब ओर सन्नाटा पसरा है। ऐसा लग रहा है जैसे पूरी धरती आग मे जल रही है। अरु दिन और रात का सफर पूरा करके, सुबह नौ बजे सामानगांव पहुंचा। कुछ हि देर मे सारा के घर के सामने आ गया। सारा के घर के पास हि सनसन और कुछ दोस्त बैठे है। उन्हें देख अरु को गुस्सा आया। अरु अपने गुस्से को पी गया। और सारा के घर मे प्रवेश किया। उसने देखा सारा झाड़ू लगा रही है। अरु अब उसके सामने जा कर खड़ा हो गया। सारा भी खड़ी हो गई। सारा अरु को एक टक देखने लगी। उसके  मुख से अचानक सारी खुशी गायब हो गई। उसकी आँखो मे अरु के लिए प्यार नहीं डर दिखाई दे रहा है। अरु को लगा सारा को मुझसे डर नहीं लगना चाहिए। अपने गुस्से को पीछे छोड़ अरु ने सारा को गले से लगा लिया। उसने महसूस किया कि सारा के शरीर मे कोई भी हलचल नहीं है वो एकदम शून्य हो गई है। बेजान सी। उसकी सास एक दम धीमी है। धड़कन तो है हि नहीं। शायद उसने इस मंजर कि कल्पना भी नहीं कि होगी, अरु ने भी नहीं कि थी। दोनों तरफ सिर्फ खामोशी जैसे किसी तूफान के आने का संकेत हो। अरु ने सारा को दूर धक्का दिया। और कहा मेरे लिए पानी ले आओ। सारा बिना कुछ कहे गिलास मे पानी ले आयी। उसके हाथ और पैर काँप रहे है। अरु ने हर बार कि तरह, पानी जूठा करके सारा को वापिस किया। सारा ने उस पानी को फैक दिया।लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता था। अरु के झूठे पानी को सारा भी जूठा करके अरु को वापिस करती थी। फिर अरु पूरा पानी पिता था। इतने गहेरे प्यार मे ये दरार कैसे आ गई ये तो केवल सारा हि जानती है। सारा ने झाड़ू वहीं छोड़ कर चुल्हे के पास खाना बनाने बैठ गई। अरु ने अपना मोबाईल निकाला और सनसन से हुई बात कि रिकोर्डिंग सारा को सुनाई। सारा रोने लगी। उसकी आँखो से आंसू नहीं थम रहे। कुछ बोल नहीं रही केवल रोये जा रही है।



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शुक्रवार, अप्रैल 15

चलता राही खुश है यारा

चलता राही खुश है यारा

बैठा वाला रोया करे

बहता पानी सीतल जल है

ठहरा तो सड़ जाया करे


धरती चलती सूरज चलता

चलते चंद्र सितारे

नदिया चलती पावन जल से

ठहरा समुदर खारा लगे


 जो चलती है तेज रोशनी

 उसके पीछे भागा करे

 चारो तरफ जो बैठा अँधेरा

 डर के मारे सहमा करे।


 धड़कन चलती लहू भी चलता

 छन छन चलता समय करें

 जो रुक जाये सांसे किसी की

 तन भी हमारा मारा करे


Chalta Rahi is happy man 

the sitting cry

 running water is flat water

  let it rot


 earth moving sun moving

 moving moon stars

 river running with pure water

 the sea seems salty


 the bright light that moves

 run after him

 the darkness that sits all around

 tremble with fear.


 The beating blood goes on

 filter while running

 someone who stops breathing

 kill us too


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गुरुवार, अप्रैल 14

घर का राजा हुआ करता था कभी

 घर का राजा हुआ करता था कभी

आज वो ज़माने का नौकर हो गया

कमाने को निकला था वो घर से

आज वो खुशियों से कंगाल हो गया


करता था गुड्डे गुड़ियो का ब्याह कभी

आज वो पैसों से मालामाल हो गया

चन्द खुशी मिली थी महोब्बत से उसे

उसका भी आज बुरा अंजाम हो गया


माता पिता का लाडला था वो कभी

आज वो धुत्तकार का गुलाम हो गया

बेखौफ थी उसकी जिन्दगी अब तक

लगता है आज उसका शिकार हो गया


 used to be the king of the house

 Today he has become a servant of the era

 He had come out to earn

 Today he became pauper with happiness


 Sometimes dolls used to marry dolls.

 Today he became rich with money

 He got some happiness from love

 he also got bad results today


 He was the beloved of his parents.

 Today he has become a slave to a sly

 her life was fearless

 Looks like he got victimized today



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शुक्रवार, अप्रैल 8

चाहत और भी है-भाग 18 want more 18

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 18

कुछ दिन तो सब सही रहा पर फिर सारा रस्मी दीदी कि सादी मे गई। सारा ने अरु को कॉल किया और रोते हुए बोलि- अरु मुझे डर लग रहा है। अरु- क्यूँ क्या हुआ? सारा - तीन दिन ज्यादा हो गए, अब तक बारिश नहीं हुई। लगता है कोई आने वाला है। मैं तो अब तक कुआरि हूँ। अरु - घब्रओ मत मैं आप के साथ हूँ। अभी थोड़ा इंतजार करो। यदि बारिश ना हुई तो मेरे पास आ जाना। सारा - हा ठीक है। उसके बाद सारा ने अरु से बात करना बंद कर दिया। अरु ने सारा से फिर बात करी । सारा - अरु बारिश हो गई है घबराने कि कोई बात नहीं। पर मैं अभी आप से बात नहीं कर सकती मैं सादी मे हूँ। अरु को लगा कि सादी मे परेशानी होती है। ये सोच कर उसने बात नहीं कि। सारा सादी से वापीस अपने घर आ गई। लेकिन  उसने बात करना हि बंद कर दिया है। अरु करें तो क्या करें उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा। सारा ने भले हि बात करना बंद कर दिया। अरु को अब भी लगता है कि सारा उससे हि प्यार करती है। पर वो बात क्यों नहीं कर रही ये अरु को समझ नहीं आया। अरु फोन करें तो उठती भी नहीं, यदि उठा भी लिया तो झगड़ कर फोन रख दे। कई कई बार तो उसका फोन बीजी भी रहता। पर अरु सब सहता गया। मैंने उसे रातो को रोते हुए देखा एक दिन पूछ लिया अरु क्या बात है? तुम रो क्यों रहे हो। अरु- यार सारा मुझसे बात हि नहीं करती मैं उसकी आवाज सुने बगैर रह हि नहीं सकता। मैंने तो केवल उससे हि प्यार किया। मैंने कभी भी किसी का भी ख्याल तक अपने मन मे नहीं लाया। फिर मेरे साथ ऐसा क्यूँ? मैंने कहा देखो ये दुनिया ऐसी हि है। सब खेल पैसों का है। तुम खिलाते पिलाते रहो सब कुछ तुम्हारे कंट्रोल मे रहेगा। और यदि तुमसे ज्यादा पैसे वाला कोई मिले तो! अरु - तो क्या मेरे भाई? मैंने कहा तुम भूल जाओ सब, कुछ प्यार व्यार कुछ नहीं होता , सब व्यापर होता है। मैंने उसे बहुत समझाया पर वो नहीं मना वो प्यार कि गहराई मे उतर गया है। अब वापिस कैसे आए मैं भी नहीं जनता। उसे लगता है कि मैं उसका दुश्मन हो गया हूँ। अरु कि हालत अलग सी है। वो सारा से बात करने के लिए अलग अलग नंबरों पर कॉल करता है। दीदी से बार बार बात कराने बोलता है। दूसरी दीदी से बात करने बोलता है। उसने सब करके देख लिया परिणाम कुछ नहीं निकल रहा। एक दिन समसम का फोन आया, उसने कहा तुम इस नंबर पर फोन मत लगाना। अरु ने कहा क्यूँ ना लगाउ और तुम होते कौन हो मुझे रोकने वाले।उसने अरु से कहा सारा मेरी गर्लफ्रेंड है और वह अरु से लड़ाई करने लगा। दोनों के बीच बहुत बहस हुई। अरु ने मुझे सब बताया। मैंने अरु को फिर समझाया। लेकिन अरु बोला मैं हार नहीं मानूंगा मैं फिर जाऊंगा उसे वापिस लाऊंगा। वो सिर्फ मेरी है। उसे कोई भी मुझसे नहीं छीन सकता। और सुबह होते हि वो ऑफिस चला गया।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.


 Want more - part 18


 For a few days everything was fine, but then the whole ritual went to Didi's Saadi.  After going there he stopped talking to Aru.  Aru felt that Saadi was in trouble.  Thinking this, he did not talk.  Sara returned to her home from Saadi.  But he has stopped talking.  If he does, then what to do, he does not understand anything.  Even though Sara stopped talking.  Aru still feels that Sara is in love with him.  But Aru did not understand why she was not talking.  If you call Aru, he does not even get up, even if he picks it up, put up the phone after quarreling.  Sometimes his phone would remain BG too.  But Aru suffered.  I saw her crying at night and asked one day what is the matter?  Why are you crying.  Aru- Dude Sara doesn't talk to me, I can't live without hearing her voice.  I only loved him.  I never even brought anyone's thought in my mind.  Then why is this with me?  I said look, this world is like this.  All game is about money.  You keep on feeding and drinking, everything will be under your control.  And if you find someone with more money than you!  Aru - So what is my brother?  I said you forget everything is love and nothing happens, everything is business.  I explained to him a lot, but he did not refuse, he has gone deep in love.  Now I don't even know how to come back.  He feels that I have become his enemy.  Aru's situation is different.  He calls on different numbers to talk to Sara.  Asks to talk to Didi again and again.  Speaks to talk to another sister.  He has done everything and seen the result, nothing is coming out.  One day Samsam's call came, he said, don't call on this number.  Aru said why not lag and who are you to stop me. He told Aru that Sara is my girlfriend and he started fighting with Aru.  There was a lot of debate between the two.  Aru told me everything.  I explained to Aru again.  But Aru said, I will not give up, I will go again and bring him back.  She is mine only.  No one can take that away from me.  And in the morning went to the office.

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गुरुवार, अप्रैल 7

मेरी जीवन यात्रा भाग-4 my life journey part-4

ऐसा जरुरी नहीं कि आप कि लाइफ मे सब कुछ वैसा हि हो जैसे कि आप चाहते हो। और कई बार तो आप कई चिजो को अन्देखा भी कर देते होंगे। कुछ को आप कर भी सकते थे, पर आप ने किया नहीं। उसके बाद भूल भी जाते है, कि आप मे क्या नहीं किया। आज सुबह जल्दी से तैयार हुआ। मुझे रेलवे स्टेशन बेंगलोर जाना है। रामनगरम् से बेंगलोर तीस मिनट का रास्ता है ऑटो से। ऑटो से मैं जल्दी से बेंगलोर के लिए निकाल गया। ऑटो वाले भाई ने मुझे ऑटो स्टेण्ड पर उतार दिया। यहाँ से दस मिनट का रास्ता पैदल चलना है। मैं जल्दी जल्दी रेलवे स्टेशन कि ओर जाने लगा। क्योंकी वहाँ रेल से मेरे सर आ रहे है। मैं लेट भी हो गया हूँ। कुछ दूर अभी चल हि रहा हूँ। मेरे कानों ने कुत्ते के बच्चे की दर्दनाक आवाज पड़ी। मैं जैसे जैसे अपने कदम आगे बड़ा रहा हूँ वो आवाज और ज्यादा तेज हो रही है। मैं देखा रास्ते के दाहिने एक बाउंड्री वॉल है। जिसमें एक पप्पी फसा हुआ है। बाउंड्री वॉल मे थोड़ा गैप है, शायद उस गैप से निकलते वक्त, वह पप्पी उस गैप मे फस गया होगा। कब से वो वहाँ फसा हुआ है पता नहीं। मैंने उसको निकालने का सोचा। लेकिन मैं पहले हि लेट हो गया हूँ। इसलिये उसे उसके हाल पर छोड़ कर आगे को जा रहा हु। एक एक कदम बढ़ाता और उसकी आवाज कम होती जाती। पर बार बार मेरा मन बोलता कि उसे मेरी मदद कि जरुरत है। उसकी आवाज से लगता है कि वह कह रहो बचा लो। पर मेरे दिमाग ने उन सब को जवाब दे दिया कि वो कुछ नहीं करेगा। इस तरह मैं वहाँ से चला आया। और अब भी मुझे लगता है कि मैंने गलत किया। क्या पता भगवन ने मुझे उसकी मदद के लिए हि उस रास्ते भेजा हो। 


It is not necessary that everything in life should be as you want it to be.  And sometimes you may have overlooked many things.  You could have done something, but you didn't.  After that, you forget what you didn't do.  Got ready early this morning.  I have to go to the railway station Bangalore.  Bangalore is 30 minutes drive from Ramanagaram by auto.  By auto I hurriedly left for Bangalore.  The auto driver dropped me at the auto stand.  Ten minutes walk from here.  I quickly started walking towards the railway station.  Because there my head is coming by train.  I'm late too.  I am walking some distance now.  My ears heard the painful sound of a dog.  As I am taking my steps forward, that sound is getting louder and louder.  I noticed there is a boundary wall on the right side of the road.  In which a puppy is stuck.  There is a little gap in the boundary wall, maybe while coming out of that gap, that puppy must have got stuck in that gap.  I don't know since when he has been stuck there.  I thought of taking him out.  But I'm late earlier.  That's why I am going ahead leaving him on his condition.  He took one step at a time and his voice diminished.  But again and again my mind would say that he needed my help.  It seems from his voice that he should be saying save.  But my mind gave the answer to all of them that they will not do anything.  That's how I left from there.  And even now I feel that I did wrong.  Do you know that God has sent me that way to help him?

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बुधवार, अप्रैल 6

चाहत और भी है-भाग 17 want more- part 17

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 17

सारा से मिल कर भले हि अरु वापिस आ गया पर अभी भी लड़ाई होती रहती है। कई सारे वादे कई सारी कसमें लेकिन झगडे बढ़ते गए। दोनों मे दरारे बहुत आ गई। अरु इस बात को समझ नहीं पा रहा कि ऐसा क्यूँ हो रहा है। सारा इस बीच सिलाई सेन्टर जाया करती है। अरु को लगता है शायद इस कारण हि बात कम हो रही है। अरु ने एक दिन मुझसे कहा मेरे दोस्त मैं बड़ा परेशान हूँ। सारा मुझसे सही से बात नहीं कर रही। करती भी है तो लड़ाई और कुछ भी नहीं। मैंने पूछा ये सब कब से हो रहा है। उसने कहा जब से सारा सिलाई सेंटर जाती है। मैंने कहा - कभी उसने किसी और का जिक्र किया है? अरु ने कहा - हा उसने एक बार कहा था कि उसे किसी लड़के ने प्रपोस किया था। मैंने कहा तुम अपनी दीदी से कहो वो नज़र रखे। अरु ने वैसा हि किया। दो दिन बाद हि दीदी ने बताया कि वो किसी और से बात करती है। उसका नाम सनसन है। अरु को तो यकीन हि नहीं हुआ। अरु ने बहुत समझाया लेकिन पानी अब उपर से निकलने हि वाला था। मैंने कहा अरु तुम एक बार फिर से सारा से मिल कर आ जाओ कहीं देर ना हो जाए।

अरु फिर अप्रेल#)@( को छुट्टी अपने घर और फिर सारा के घर समानगांव गया।। दीदी घर पर नहीं है तो वह सारा के घर आ गया। सारा उसे देख कर खुश हो गई। क्योंकि उसने सारा को नहीं बताया था कि वो आ रहा है। उसने अरु को तुरंत गले से लगा लिया।वैसे हि जैसे प्यासे को पानी मिल गया हो। सब कुछ अच्छे से हो गया वो फिर मिल गए। कोई नाराजगी नाहीं कोई गीला सिकवा नहीं। सारे रंग वापिस भर गए। उसने अरु से बहुत प्यार किया। अरु ने सारा से पूछा अरु- मम्मी पापा कहा है? सारा - वो रस्मी दीदी को लाने गए है। मुझे मम्मी ने कहा है खाना लेकर खेत आ जाना।वो रस्मी दीदी को लेकर खेत आएँगे। अरु - चलो फिर मैं भी साथ आता हूँ। फिर अरु, सारा और छोटू खेतों कि ओर खाना लेकर गए। उन्होंने थोड़ा आराम किया। जब तक रस्मी दीदी आ गई। सब ने बहुत सारी बातें कि, एक सायकिल को सबने खूब चलाया खूब सारी मस्ती भी कि। गर्मी का मौसम तो है हि फिर भी वो बहुत खेले। छाव में बैठ कर अरु के मोबाइल से बहुत सारी फोटो उन्होंने खिचि। सब लोग श्याम को घर आ गए। रस्मी दीदी कि सादी जुड़ गई है। इसलिये हि उसे यहाँ घुमाने लाया है। उन्होंंने  फुल साउंड पर गाना चलाया। वो सब एक साथ नाच रहे है। देर रात तक नचने के बाद वहीं खाना खाया और सो गये।अरु सुबह जल्दी उठा और नहा कर चाय पी। और अपने घर के लिए निकल आया।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

 Want more - part 17

Even though Aru comes back after meeting Sara, the fight still goes on.  Many promises, many vows, but the fights kept on increasing.  There were many cracks in both.  Aru cannot understand why this is happening.  Meanwhile, Sara goes to the sewing center.  Aru feels that maybe this is the reason why things are falling short.  Aru told me one day my friend I am very upset.  Sara is not talking to me properly.  Even if it does, fight and nothing else.  I asked how long has this been happening.  She said ever since Sara goes to the sewing center.  I said - has he ever mentioned anyone else?  Aru said - Yes, he once said that some boy had proposed to him.  I said you tell your sister to keep an eye on her.  Aru did the same.  Two days later, Didi told that she talks to someone else.  His name is Sanson.  Aru couldn't believe it.  Aru explained a lot but the water was about to come out from above.  I said u come once again to meet Sara, it should not be too late.


 Aru then went on leave to his house and then to sara's house in samagaon.. Didi is not at home so he came to sara's house. sara was happy to see him. because he didn't tell sara that he was  is coming. He immediately hugged Aru. Just like the thirsty has got water. Everything went well, he got it again. No resentment, no wet soaks. All the colors were filled back. He gave Aru  Loved her a lot. Aru asked Sara Aru - where is the mother father? Sara - she has gone to bring ritual didi. I have been told by my mother to come to the farm with food. They will come to the farm with the ritual didi. Aru - Let's go again  I also come along. Then Aru, Sara and Chotu went to the fields with food. They took some rest. Till the ritual didi came. Everyone talked a lot, rode a cycle a lot, had a lot of fun too.  It is summer season, yet he plays a lot. Sitting in the shade, he took a lot of photos from Aru's mobile. Everyone came to Shyam's house. Ritual didi's Saadi has been added. That's why we have brought her here for a walk.  He played the song at full sound.Not all of them together  are looking.  After dancing till late night, ate food there and slept. Aru woke up early in the morning and drank tea after taking a bath.  and left for his home.

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