सोमवार, जनवरी 31

चाहत और भी है-भाग 4 Want More - Part 4

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 4

उस मेले के पास से उस शोरगुल के पास से एक लड़की जा रही है उसके हाथो मे एक बास का मोटा और लम्बा सा डंडा है। उसका एक पाव लंगडा रहा है। और वह उस डंडे के सहारे चल रही है।अरु ने उसे देखा। उसे ऐसा लग रहा है जैसे आसमान से कोई परी लंगडाते हुए उसकी ओर आ रही है। अरु कि नजरें उसके पैर पर थी उसने नजरों को ऊपर उठाया तो जाना कि उस परी के बाल उसकी कमर के ऊपरी भाग तक आ रहे है।उसके खुले हुए बाल हवा के साथ कोई खेल, खेल रहे है। उसके बालो का रंग सोने कि तरह दिखाई दे रहा है, जो धूप मे और भी ज्यादा चमक रहें  है। अरु ने उसी वक्त भगवान से मन हि मन कहा यदि ये लंगड़ी लड़की से मेरी शादी हो जाए तो भी कुछ गलत नहीं होगा। पर अभी तक अरु ने उसका चेहरा नहीं देखा है, चेहरा देखने के लिए अरु ने अपनी निगाहों को और ऊपर उठाया पर उसका चेहरा कुछ इस तरह से है कि कुछ हिस्सा जो अरु कि ओर का है वो बालो से ढका हुआ है और सर नीचे कि ओर झुका हुआ है । अब उसे देखने को अरु का मन बेचैन हो गया है। अरु के आस पास क्या हो रहा है सब भूल कर लगातार उस परी कि ओर देख रहा है वो धीरे-धीरे आगे वाले मोड़ तक चलि गई है। जहां से वो पूरी तरह दूसरी ओर मुड़ रही है ,इससे पहले उसने एक पल के लिए अरु कि ओर देखा, उसकी वो कातिल निगाहे बस कुछ छ्न के लिए अरु कि नजरों से मिली फिर कुछ देर तक अरु को कुछ होस हि नहीं रहा और वो वहाँ से धीरे-धीरे चली गई। अरु ने सोचा ओहो ये क्या हुआ ,मैं तो उसकी आँखो मे हि खो गया। मैंने तो उसका चेहरा भी नहीं  देखा ।अब क्या होगा पहचानुन्गा कैसे ,फिर सोचा लंगड़ी लड़की को पहचानने मे क्या परेसानी । श्याम तक फिर वहीं औरतों कि घिसी पिटी बातें उसने ये किया, उसने वो किया ,वो उसके घर मे घुस गई, उसने उसी के पति को मारा साड़ी का फाल नहीं बना और भी बहुत कुछ।धीरे-धीर श्याम हो गई दीदी भी आ गई अरु भी दीदी के आते हि वहाँ से उनके साथ आ गया, दीदी ने खाना पकाना शुरू कर दिया और पूछा कि तुम्हारा सफर कैसा था। अरु ने कहा सफर तो बहुत अच्छा रहा । पर फोन कौन सी लड़की उठाती है आप से उसने मेरी बात हि नहीं कराई । अरु को उसके बारे मे जानने कि इच्छा हो रही है इसलिए अरु ने ऐसा पूछा , जवाब भी मिला वो पीछे घर कि लड़की है उसका नाम  सारा है। उसका नाम भी पता हो गया । पर आड़ू ने उसे अभी तक देखा नहीं है। पर देखने कि इच्छा हो रही है आखिर वो कैसी दिखती है ।वो तो मुझे जानती है ना उसने तो मिलने आना था वो क्यूँ नहीं आयी ।इस तरह अरु तीन बातें एक साथ सोच रहा है। खाना खा रहा है। दीदी से घर परिवार कि बातें भी कर रहा है।  साथ हि साथ उस लड़की के बारे मे सोच रहा है जिसने फोन पर बात कि थी और उस लंगड़ी लड़की के बारे मे भी। दोनों को देखने कि चाहत अरु के मन मे है।ये सब सोचते हुए वो सो गया ।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

Want More - Part 4

 A girl is going from near that fair to that noise, she has a thick and long stick of a bass in her hands.  One of his legs is lame.  And she is walking with the help of that stick. Aru saw her.  He feels as if an angel from the sky is coming towards him limping.  Aru's eyes were on her feet. He raised his eyes to know that the angel's hair was coming up to the upper part of his waist. His open hair is playing some game with the wind.  The color of her hair looks like gold, which shines even more in the sun.  At the same time, Aru said in his mind to God that even if I get married to this lame girl, nothing will go wrong.  But till now Aru has not seen his face, Aru raised his eyes to see the face but his face is in such a way that some part which is on Aru's side is covered with hair and the head is down.  tilted to the side.  Now Aru's mind has become restless to see him.  Forgetting all that is happening around Aru, she is constantly looking at that angel, she has slowly moved to the next turn.  From where she is turning completely to the other side, before that she looked at Aru for a moment, her murderous gaze just met Aru's eyes for a few seconds, then for some time Aru could not feel anything and he  From there it slowly went away.  Aru thought oh what happened, I was lost in his eyes.  I didn't even see her face. Now what will happen, how will I recognize it, then I thought, what is the problem in recognizing a lame girl.  Till Shyam, she did this, she did that, she entered her house, she killed her husband, did not make a fall of the sari and much more. Slowly the sister became shy and also came  Aru also came with Didi as soon as she came, Didi started cooking and asked how was your journey.  Aru said that the journey was very good.  But which girl picks up the phone, she did not make me talk to you.  Aru is wanting to know about her, so Aru asked like this, also got the answer, she is the girl of the house behind, her name is Sara.  His name was also known.  But the peach hasn't seen him yet.  But there is a desire to see how she looks after all. She knows me or she had to come to meet me, why did she not come. In this way, Aru is thinking three things at once.  is eating food.  The house is also talking about the family with Didi.  Simultaneously thinking about the girl who talked on the phone and also about that lame girl.  There is a desire in Aru's mind to see both of them. Thinking all this, he fell asleep.

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चाहत और भी है-भाग 3 Want More - Part 3

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 3

अरु पता सुनते हुए देख रहा हैं कि उस बस से कुछ और लोग भी उतर रहे है ।जिनमें एक सुंदर सी लड़की भी  उतरि है जो फोन पर बात कर रही है । उसने सोचा इसी से पता पूछ लू, पर वो बात करती हुए गाँव कि ओर जा रही है। अरु ने भी फोन पर पता लिया और उसके पीछे-पीछे चलने लगा। लड़की देखने मे तो अच्छी हि दिख रही है पर आजु बाजु के लॉगो पर ध्यान दिए बिना, किसी से ऐसे बात करना अच्छा नहीं है। अरु ने उससे पता नहीं पूछा, क्योंकि उसकी बात बीच मे रोकना नहीं चाहता। अरु ने सोचा चलो एक से भले दो,चलो जहां तक चलना है पर पता तो तुमसे हि पुछना हैं। रास्ता पैदल हि चलना है। अरु भी बड़ा शरारती है उसे क्या शरारत सूझी देखो ,उसके और अरु बीच कुछ हि कदमो का फासला हैं और अरु उतना हि स्पीड मे चल रहा हैं जितना कि वो लड़की ,वो यदि ज्यादा तेज चलें तो अरु भी तेज चलने लगाता वो धीमा चलें तो अरु भी धीमा चलता। दोनों के बीच का ना तो फासला बढ़ने देता ना घटने देता। शायद उस लड़की ने ये बात नोटिस कर ली है तभी तो वो फोन पर जिससे भी बात कर रही है। उसे मेरे बारे मे बता रही है कि कोई उसका पीछा कर रहा है।अरु उनके इतना दुरी पर है कि उसकि बातें सुन सकता है। पर उसे क्या वो तो अपना काम कर रहा है। आधे घंटे पीछा करने के बाद लड़की का घर आ गया जो कि गाँव कि लास्ट वाली गली मे है।वो घर के सामने खड़ी हो गई फोन रख दिया और अरु को देखने लगी, उसके मन का हाल तो वो जाने पर अरु को लगा कि अब तो उसकी खैर नहीं। उसने सोचा अपन तो अब गए समझो। फिर भी अरु ने हिम्मत कि और पास जाकर पूछा दीदी ये पता बता देंगे क्या। अब तो पता नहीं अरु ने उसे क्या बोल दिया उसने अपनी भौहें सिकोड़ते हुए अरु को बड़ी बड़ी आँखो से घुरा, शायद उसका पीछा करना उसे अच्छा लगा, लेकिन दीदी बोलना उतना हि बुरा। सड़ा सा मुंह बनाते हुए गुसैल आवाज मे बड़ी जोर से कहा मम्मी............... देखो तो ये भैया कुछ पूछ रहे है। ऐसे बोलती हूयी वो अंदर को चली गई, तभी अंदर से एक औरत अपने हाथ मे चारपाई लेकर बहार आती हुई बोली कौन हो तुम कहा से आ रहे हो ,अरु ने कहा मेरा नाम अरु है मेरे गाँव का नाम  कुपनिर है मेरी दीदी का नाम लघुलती है मैं उनके घर मेहमान आया हूँ। दीदी कहा रहती है ? उसने अपनी खटिया धूप मे बिछा ली और मुझे बैठने का इशारा करते हुए बोली, आप कि दीदी खेतों का काम करने गई है उसने एक घर कि ओर इशारा करते हुए कहा। वो घर तुम्हारी दीदी का है। वो श्याम तक हि वापिस लौट पायेगी। तब अरु क्या करता उनके दरवाजे पर ताला लगा है अरु भी खटिया पर जा बैठा फिर थोड़ी देर मे गाँव कि हि कुछ औरते इकठा हो गई फिर क्या, ऐसे शोरगुल हो रहा है मनो मेला लगा हो। 



This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

 Want More - Part 3

 Aru listens to the address and sees that some other people are also getting down from that bus. In which a beautiful girl has also got down who is talking on the phone.  She thought that I should ask the address from this, but she is going towards the village while talking.  Aru also took the address on the phone and started following him.  The girl is looking good to see but without paying attention to the logo of today, it is not good to talk to anyone like this.  Aru did not ask him the address, as he does not want to interrupt his talk.  Aru thought, let's give each other well, let's go as far as we have to go, but if you know, I have to ask you.  The way is to walk.  Aru is also very mischievous, see what mischief there is between him and Aru, and Aru is walking at the same speed as that girl, if he walks faster then Aru also starts walking faster if he walks slower  Aru also walks slowly.  Neither the distance between the two would allow it to increase or decrease.  Perhaps that girl has noticed this thing, only then whoever she is talking to on the phone.  Telling her about me that someone is following her. Aru is so far away from her that one can hear her talk.  But is he doing his job?  After chasing for half an hour the girl's house came which is in the last street of the village. She stood in front of the house, hung up the phone and started looking at Aru.  So it's not good for him.  He thought that you have gone now.  Still, Aru dared and went near and asked Didi, will you tell me this address?  Now I don't know what Aru told her, she frowned and looked at Aru with big eyes, maybe she liked to follow him, but speaking sister is as bad.  Making a rotten mouth, said very loudly in an angry voice, Mummy.............Look, this brother is asking something.  She said like this, she went inside, then a woman came out from inside with a cot in her hand and said, who are you, where are you coming from, Aru said my name is Aru, the name of my village is Kupnir, my sister's name is Laghulati  Yes, I have come to his house as a guest.  Where does sister live?  He put his cot in the sun and said, pointing to me to sit, your sister has gone to work in the fields, he said pointing to a house.  That house belongs to your sister.  She will be able to return only till Shyam.  Then what Aru does, their door is locked. Aru also sat on the cot, then in a short while some women gathered in the village, then what, there is such a noise, such a fair is happening.
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रविवार, जनवरी 30

शायरी RS10

बर्बाद उन्होंने किया हमें 
और जशन भी हम हि मना रहे है
कि बर्बाद उन्होंने किया हमें 
और जशन भी हम हि मना रहे है
किसी ने पूछा मुझसे तमासा करने का शौक है क्या

they ruined us
And we are also celebrating
that they ruined us
And we are also celebrating
Somebody asked me if I am fond of tamasa

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चाहत और भी है-भाग 2 Want More - Part 2

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 2


अरु ने घर आ कर खाना खाया और टीवी देखने लगा पर जैसे टीवी मे उसका कोई ध्यान हि नहीं है वो सिर्फ उस लड़की के बारे मे सोच रहा है। वो आवाज अरु के दिल और दिमाग दोनों को अपने कंट्रोल मे कर रही है अरु को ऐसा लग रहा है कि दोबारा कॉल करके पूछ ले , तुम्हारा नाम क्या है तुम क्या करती हो ,और भी बहुल कुछ ,पर क्या वो करें तो क्या करें पता नहीं। जिसकी आवाज इतनी प्यारी है वो कितनी प्यारी होगी।अरु ना जाने क्या क्या सोचता हैं आखिर वो एक लड़की हि तो है ,पहेली बार तो किसी लड़की से बात नहीं कि, कई बार कि है कई लड़कियों से बात करते है ,फिर उन सब के बारे मे कुछ क्यूँ नहीं सोचता, जिसे देखा भी नहीं, जिसे जानता भी नहीं,फिर क्यूँ उसके बारे मे सोच रहा हूँ। 

                         बेटा खाना खा लो, अरु को मम्मी ने आवाज दी । अरे ये क्या रात हो गई पता हि नहीं चला ।देखो  रात के नौ बज गए है।तुझे तो समय का भी पता नहीं है।कहीं मैं पागल तो नहीं हो गया। जल्दी से हाथ धोकर खाना खाने लगा और बोला, मम्मी मुझे दीदी के घर जाने कि इच्छा है, हा चलें जाना बाद मे, अरु ने कहा बाद मे क्यूँ ?कल हि जाने का मन है। फिर वापिस काम पर भी तो जाना है ।कब जाऊंगा फिर आप बताओ। माँ ने हा मे सर हिलाया। कुछ और बातें करते हुए अरु ने खाना का लिया और अब सोने के लिए बिस्तर पर आ गया। पर आज सो जाना अरु के लिए जैसे सबसे मुश्किल काम हो गया है ।एक तो घर आने कि खुशी दूसरी गणतंत्र दिवश कि खुशी और उस पर भी भारी उस लड़की कि आवाज। जो अरु को सोने नहीं दे रही है। कभी टीवी देखता कभी मोबाइल चलता कभी करवटे बदलता और इस तरह से वो रात बीती ।अरु कि जिंदगी कि सबसे लम्बी रात यही है। अरु सुबह जल्दी उठा और तैयारी शुरू कर दी ।दीदी के घर जाना है । घर पर तो कोई साधन है नहीं ,तो बस से हि जाना पड़ता है दीदी के घर ,उनका गाँव (समानगांव) अरु के गाँव (कुपजल) 45 कि.मी. दूर है।कुपजल से अरु बस मे बैठ गया । बस मे सीट पर बैठते हि नींद भी लग गई। बस का टिकट भी ले लिया है। सुबह के 10:30 बजे तक अरु समानगांव पहुँच गया। बस से उतरा और पहला कॉल उसी नंबर पर मिलाया। इस बार किसी औरत ने फोन उठाया। अरु ने कहा मैं यहां आ गया हूँ। मुझे दीदी के घर का पता नहीं पता ।फिर उसने कहा आप कि दीदी घर पे नहीं है वो खेत गई है, तूम मेरे बताए पते पर पूछते पूछते चलें जाना। फिर वह पता बताती है।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place
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 Want More - Part 2

 Aru came home and ate food and started watching TV, but as if he is not paying attention to TV, he is only thinking about that girl.  That voice is controlling both Aru's heart and mind.  No.  Whose voice is so sweet, she must be so cute. Aru don't know what do you think after all she is a girl  Why don't I think about something, which I have not even seen, which I do not even know, then why am I thinking about that.

 Son, eat food, mother gave voice to Aru.  Hey, what is the night, I do not know. Look, it is nine o'clock in the night. You do not even know the time. I have not gone crazy somewhere.  Washing hands quickly, he started eating food and said, Mom, I want to go to Didi's house, yes, let's go later, Aru said why later? I want to go tomorrow.  Then you have to go back to work too. Then you tell me when I will go.  Mother nodded her head.  While talking some more, Aru took the food and now went to bed to sleep.  But today falling asleep has become the most difficult task for Aru. One is the joy of coming home, the other is the joy of Republic Day and that girl's voice is heavy on her.  Who is not letting Aru sleep.  Sometimes watching TV, sometimes moving mobile, sometimes changing sides and in this way that night passed. Aru that this is the longest night of life.  Aru woke up early in the morning and started preparing. Have to go to Didi's house.  If there is no means at home, then one has to go by bus to Didi's house, her village (Samangaon) Aru's village (Kupjal) 45 kms.  It is far away. Aru sat on the bus from Kupjal.  While sitting on the seat in the bus, I also fell asleep.  Bus ticket has also been taken.  Aru reached Samagaon by 10:30 in the morning.  Got off the bus and dialed the first call on the same number.  This time some lady picked up the phone.  Aru said I have come here.  I do not know the address of Didi's house. Then she said that Didi is not at home, she has gone to the farm, you go on asking me at my address.  Then she tells the address.

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तुम्हे पाने कि चाहत


तुम्हें पाने कि चाहत नहीं है मुझे
मैं तुम्हारा हो जाना चाहता हूँ।
चाहे कितना भी गिरा दो तुम मुझे
उठ कर तेरे साथ चलना चाहता हूँ।

ज़माने का डर किस को लगता है यहाँ
मैं उसे हिम्मत दिलाना चाहता हूँ
जो भी है यहाँ का वो रहेगा हि यहाँ
नाम को तेरे नाम से जोड़ जाना चाहता हूँ।

हर ख्वाब तो पूरा किया है तुमने
बस एक ख्वाहिश बाकी है
तुम ना करो कोई और हि सही
हर चाहत को पूरी करना चाहता हूँ।

हर ठोकर को दिल से चाहा है मैंने
आखिर वो तुमने हि तो दी हैं
आज तक जो भी दिया है तुमने
हर वो लम्हा दोबारा चाहता हूँ।

हम सफर तो बहुत मिलेंगे राह मे
मुझे भी मिलेंगे और तुम्हें भी
जिस सफर का एक भी पल भुल ना पाये
उस सफर मे तेरा साथ चाहता हूँ।

I don't want to have you
 I want to be yours
 no matter how much you drop me
 I want to get up and walk with you.


 Who is afraid of time here?
 i want to give her courage
 Whoever is here, he will be here
 I want to associate the name with your name.


 every dream you have fulfilled
 only one wish left
 you don't do anyone else right
 I want to fulfill every wish.


 I have loved every stumbling block
 After all you have given it
 whatever you have given till date
 I want that moment again.


 We will meet a lot on the way
 I'll see you too
 The journey of which not a single moment can be forgotten.
 I want your support in that journey.


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शनिवार, जनवरी 29

चाहत और भी है-भाग 1 Want More - Part 1

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 1

वो अपनी जॉब पर वापिस आ गया पर उसका पहले कि तरह काम मे मन नहीं लगता है। करता कुछ हैं, होता कुछ और है, कहीं बैठ कर दिन भर किसी के बारे मे सोचता हैं, क्या करे उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा है। तब मैंने उसको चिन्तित देखा। उसे इस तरह देख मुझसे रहा नहीं गया। मैंने उससे पूछा, वो इतना उदास क्यों है। उसने मुझसे अब तक का सब हाल कह सुनाया। वहीं सब मैं आप को बता रहा हूँ।

उसका नाम अरु है।  वो आज बहुत खुश है। हमेशा के दिन से अलग, आज के दिन कि सुरुवात उसके लिए कुछ खास है ।सुबह का सूरज पूरब मे लाली बिखेरे निकलने को छटपटा रहा है। चिड़िया भी चहचाह रही है ठंडी ठंडी हवाओं के झोंके पेड़ो के पत्तों के साथ खेल खेल रही है ।अरु आज सुबह जल्दी उठ गया  है। नहा कर अरु तैयार हो गया क्योंकि आज का दिन उसके लिए बहुत खास दिन है ,26 जनवरी जी हा गनतन्त्र दिवश पूरा देश जहां देश भक्ति के रश मे गोते लगा रहा है ।वहीं अरु का छोटा सा गाँव तो जैसे देश भक्ति के रश मे डूब हि गया हो।चारों ओर बस देश भक्ति गीत हि सुनाई दे रहें है । ये छ्न बहुत हि अच्छे लग रहे हैं। एक ओर प्रक्रिति  अपनी खुशियाँ बिखेर रही है तो एक ओर ये मधुर संगीत ।उसे तो पता हि  नहीं कि वो आप लॉगो को ये खुशी किस तरह बताये।अरु करीब एक साल और छह महीने बाद अपने गांव वापिस आया है। ये खुशी दुगुनी होना तो स्वाभाविक हि है। घर के पास हि खड़ा वो देख रहा है स्कूल के बच्चों कि रैली आ है।  बच्चे एक कतार मे चल रहे है और देश भक्ति गीत गाते हुये कदम से कदम मिला कर आगे बढ़ रहे है। रैली के साथ साथ बड़े बूढ़े और अरु के कुछ दोस्त भी चल रहे है,अरु भी उस रैली मे शामिल हो लिया और स्कूल जा पहुचा। स्कूल मे सबसे पहले ध्वज फहराया ,फुलो कि बारिश हो गई, तिरंगा सीना तान कर आसमान मे खड़ा हो गया, फिर राष्ट्र गान गाया, फिर तिरंगें को सलामी दी और सभी अपने अपने स्थान पर बैठ गये। अब तक सूरज निकल गया और उसकी धुप सभी पर आ रही है। कुछ हि देर मे सांस्कृतिक कार्यक्रम आरम्भ हो गए। छोटे छोटे बच्चे अपनी अपनी प्रस्तुति दे रहे है रंगा रंग कार्यक्रम का आनंद बड़ा हि सुख दायक है। फिर प्रसाद वितरण हुआ अरु ने भी प्रसाद लिया और घर कि ओर बढ़ने लगा । अरु को अपनी दीदी कि याद आ गई, उसने फोन निकाला और दीदी को कॉल किया (उनके घर फोन नहीं है इसलिए उनके पड़ोस मे कॉल करना पड़ता है।) कुछ देर फोन कि बेल गई और किसी लड़की ने कॉल उठाया उसको अरु ने अपना नाम बताया और कहा मुझे दीदी से बात करना है। उस लड़की ने कहा आप कि दीदी से बात नहीं हो सकती, आप मुझसे हि बात कर लो ,अरु को उनकी आवाज़ बहुत हि प्यारी लगी, अरु ने कहा आप मुझे जानती है ?उसने हा मे जवाब देते हुए कहा मैं आप को जानती हू और आप से बात करना चाहती हूँ ।ये सुन कर  अरु थोड़ा सोच मे पड़ गया । क्योकि अरु कभी भी दीदी के घर नहीं गया था, ना हीं  वो किसी को जनता था । फिर वो लड़की क्या बोल रही है, पर अरु ने नहीं पूछा  कि वो मुझे कैसे जानती है ,अरु ने बात को थोड़ा बढ़ाया और कहा, मैं आप के गाँव आ रहा हूँ ,उसने काहा आ जाओ। बड़ा हि अजीब लगा,अरु ने सोचा कि अब तो दीदी के घर जाना हि चाहिए। और उस लड़की से मिलना हि चाहिए, क्यूँकि वो आवाज अरु के कानों मे कोई प्यारा सा संगीत घोल रही थी। वो बोली अरु को उस ओर आकर्सित कर रही थी। अरु ने अपने विचारो को वहीं रोका और जल्दी से बाय कहकर कॉल रख दिया । दीदी के घर जाने कि प्लानिंग करते हुए वह घर आ गया ।

क्या क्या अरु को वहाँ जाना चाहिए ?  हा या नहीं!

This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

 Want more - part 1

 He returned to his job but he does not feel like working as before.  He does something, happens something else, sits somewhere and thinks about someone throughout the day, he does not understand anything what to do.  Then I saw him worried.  I couldn't stop seeing him like this.  I asked him why is he so sad.  He told me everything till now.  That's where I am telling you all.

 His name is Aru. he is very happy today.  Unlike usual days, today is the beginning of something special for him. The morning sun is soaring in the east spreading red.  The bird is also chirping. The cold wind blowing is playing with the leaves of the trees. Aru has woken up early this morning.  Aru got ready after taking a bath because today is a very special day for him, 26th January, where the whole country is diving in the spirit of devotion.  He is gone. Only patriotic songs are being heard all around.  These pictures are looking very good.  On one hand Prakriti is spreading her happiness and on one hand this melodious music. She does not know how to convey this happiness to you people. Aru has come back to his village after about a year and six months.  It is natural for this happiness to be doubled.  Standing near the house, he is watching the rally of school children coming.  Children are walking in a queue and singing desh bhakti songs are progressing step by step.  Along with the rally, the elders and some of Aru's friends are also walking, Aru also joined that rally and reached the school.  First hoisted the flag in the school, it rained flowers, raised the tricolor chest in the sky, then sang the national anthem, then saluted the tricolor and everyone sat down in their places.  By now the sun has set and its sunshine is coming on everyone.  After sometime cultural programs started.  Small children are giving their own presentation, the joy of Ranga Rang program is very pleasant.  Then Prasad was distributed. Aru also took the Prasad and started moving towards the house.  Aru remembers her didi, pulled out the phone and called didi (she doesn't have a home phone, so calls have to be made in her neighbourhood.) After sometime the phone went off and some girl picked up the call, Aru gave her name.  Told and said I want to talk to Didi.  That girl said that you can not talk to Didi, you talk to me, Aru liked her voice very much, Aru said do you know me? She replied yes and said I know you and  I want to talk to you. Hearing this, Aru got a little thinking.  Because Aru never went to Didi's house, nor did he know anyone.  Then what is that girl saying, but Aru did not ask how she knew me, Aru extended the matter a little and said, I am coming to your village, why did he come.  It felt very strange, Aru thought that now he should go to Didi's house.  And that girl should be met, because that voice was playing some lovely music in Aru's ears.  That quote was attracting Aru towards that.  Aru stopped his thoughts there and quickly put the call by saying bye.  While planning to go to Didi's house, he came home.

 Should Aru go there?  yes or no!

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