रविवार, सितंबर 8

चन्द्र यान 2

चाँद तेरी गोद में मै तो समाया
खुशीयो को तेरी सह नहीं पाया।

दौड़ा तेरी ओर डोर छोड़कर
भूल गया मै,मुझे किसने बनाया।
देखा एक बार हि पीछे मुड़कर
आशा है मुझसे,मै जान नहीं पाया।

सो गया हूँ चैन से तेरे ऑचल मे मै
घूम घूम कर साथी देख राहा मेरा
गया था चन्द्र कि सैर कराने को मै
छोड़ गया आसमान मे मै अपना साया।


जो किया मैंने क़ाबिले तारीफ़ था
जो न कर सका मिली उसकी सजा
ये मेरे मालिक मुझे फिर से जगा
दे मुझे आदेश कि मै आग लगाया।


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