मंगलवार, सितंबर 3

कूछ न दिखे

कुछ ना दिखे रे मोहे कुछ ना दिखे,
मोरा घुंघटा हटा दो राजा जी,
आगे कुछ ना  दिखे।

 

पनिया भरन बड़ी दूर जानू रे मोहे दूर जानू,,
नदिया की राह टेढ़ी-मेढ़ी राजा जी,
आगे कुछ ना दिखें।

 

हरी भरी रे साग सब्जी लानी है बाजार से,
टक्कर मारे लोग लुगाई राजा जी,
आगे कुछ ना दिखे।

 

सखी सहेली झूला झूलन, मुझको भी है जानू
मेरे संग संग ही चलो राजा जी
आगे कुछ ना दिखे।

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