सोमवार, अप्रैल 25

चाहत और भी है-भाग 19 want more 19

 यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 19

History is witness, when ideas do not meet, thinking changes.  Relationships break down.  When Bali took away Sugriva, it ended.  Ravana took away Vibhishana.  That too came to an end.  But Aru is neither ready to get away from Sara nor does she want to let Sara go away.  Aru went to the office, he took leave by filling the foam.  On the same day he left for Samangaon.  Aru is not liking anything now at the station where the train is settled there.  There is nothing in his heart and mind except Sarah.  Drought, heat and frightening scenery all around.  The leaves of the trees have dried up and fallen, there is only wood and stone in the forest, hill.  When the train passes through a city through the forest, there is no one to be seen.  The heat is so much that people are not coming out of their homes.  Whether the house is the house, the forest or the field, there is silence everywhere.  It is as if the whole earth is burning in fire.  Aru reached Samangaon at 9 in the morning after completing the day and night journey.  After sometime he came in front of Sara's house.  Hi Sanson and some friends are sitting near Sara's house.  Aru got angry seeing them.  Aru drank his anger.  and entered Sarah's house.  He saw Sara is sweeping.  Aru now went and stood in front of him.  Sara also stood up.  Sara started looking at Aru a tuck.  Suddenly all the happiness disappeared from his face.  There is no fear but love for Aru in his eyes.  Aru felt that Sara should not be afraid of me.  Leaving his anger behind, Aru hugged Sara.  He felt that there is no movement in Sara's body, she has become completely empty.  Lifeless c.  Her mother-in-law is slow.  There is no heartbeat.  Maybe he didn't even imagine this scene, Aru didn't either.  There is only silence on both sides as if there is a sign of a storm coming.  Aru pushes Sara away.  And said bring me water.  Sara brought water in the glass without saying anything.  His hands and feet are trembling.  Aru, like every time, took the water back to Sara.  Sara threw that water. But it didn't happen every time.  Sara also used to rub Aru's false water and return it to Aru.  Then Aru was the father of complete water.  Only Sara knows how this rift came in such a deep love.  Sara left the broom there and sat down to cook food near the stove.  Aru took out his mobile and narrated the recording of the conversation with Sanson to Sara.  Sara started crying.  Tears could not stop from his eyes.  Not saying anything, only crying.

इतिहास गवाह हैं, जब विचार नहीं मिलते , सोच बदलती है। रिश्ते टूट जाते है। बाली ने सुग्रीव को दूर किया, तो उसका अंत हुआ। रावण ने विभिषण को दूर किया। उसका भी अंत हुआ। लेकिन अरु ना तो सारा से दूर होने को तैयार है और ना सारा को दूर जाने  देना चाहता है। अरु ऑफिस गया, उसने लीव फोम भर के छुट्टी ली। उसी दिन समानगांव के लिए निकल गया। वहीं बसे वहीं रेल वहीं स्टेशन पर अरु को अब कुछ भी नहीं भा रहा। उसके दिल और दिमाग मे सारा के आलावा कुछ नहीं। चारों ओर सूखा, गर्मी और भयावह दृश्य। पेड़ो के पत्ते सूख कर झड़ गए है, जंगल, पहाड़ी मे केवल लकड़ीया और पत्थर है। जब रेल जंगल से होती हुई किसी शहर से गुजरती है, वहाँ भी कोई नहीं दिखता। तपिस इतनी है कि लोग अपने घर से बाहर हि नहीं आ रहे। क्या घर क्या मकान जंगल हो या मैदान सब ओर सन्नाटा पसरा है। ऐसा लग रहा है जैसे पूरी धरती आग मे जल रही है। अरु दिन और रात का सफर पूरा करके, सुबह नौ बजे सामानगांव पहुंचा। कुछ हि देर मे सारा के घर के सामने आ गया। सारा के घर के पास हि सनसन और कुछ दोस्त बैठे है। उन्हें देख अरु को गुस्सा आया। अरु अपने गुस्से को पी गया। और सारा के घर मे प्रवेश किया। उसने देखा सारा झाड़ू लगा रही है। अरु अब उसके सामने जा कर खड़ा हो गया। सारा भी खड़ी हो गई। सारा अरु को एक टक देखने लगी। उसके  मुख से अचानक सारी खुशी गायब हो गई। उसकी आँखो मे अरु के लिए प्यार नहीं डर दिखाई दे रहा है। अरु को लगा सारा को मुझसे डर नहीं लगना चाहिए। अपने गुस्से को पीछे छोड़ अरु ने सारा को गले से लगा लिया। उसने महसूस किया कि सारा के शरीर मे कोई भी हलचल नहीं है वो एकदम शून्य हो गई है। बेजान सी। उसकी सास एक दम धीमी है। धड़कन तो है हि नहीं। शायद उसने इस मंजर कि कल्पना भी नहीं कि होगी, अरु ने भी नहीं कि थी। दोनों तरफ सिर्फ खामोशी जैसे किसी तूफान के आने का संकेत हो। अरु ने सारा को दूर धक्का दिया। और कहा मेरे लिए पानी ले आओ। सारा बिना कुछ कहे गिलास मे पानी ले आयी। उसके हाथ और पैर काँप रहे है। अरु ने हर बार कि तरह, पानी जूठा करके सारा को वापिस किया। सारा ने उस पानी को फैक दिया।लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता था। अरु के झूठे पानी को सारा भी जूठा करके अरु को वापिस करती थी। फिर अरु पूरा पानी पिता था। इतने गहेरे प्यार मे ये दरार कैसे आ गई ये तो केवल सारा हि जानती है। सारा ने झाड़ू वहीं छोड़ कर चुल्हे के पास खाना बनाने बैठ गई। अरु ने अपना मोबाईल निकाला और सनसन से हुई बात कि रिकोर्डिंग सारा को सुनाई। सारा रोने लगी। उसकी आँखो से आंसू नहीं थम रहे। कुछ बोल नहीं रही केवल रोये जा रही है।



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शुक्रवार, अप्रैल 15

चलता राही खुश है यारा

चलता राही खुश है यारा

बैठा वाला रोया करे

बहता पानी सीतल जल है

ठहरा तो सड़ जाया करे


धरती चलती सूरज चलता

चलते चंद्र सितारे

नदिया चलती पावन जल से

ठहरा समुदर खारा लगे


 जो चलती है तेज रोशनी

 उसके पीछे भागा करे

 चारो तरफ जो बैठा अँधेरा

 डर के मारे सहमा करे।


 धड़कन चलती लहू भी चलता

 छन छन चलता समय करें

 जो रुक जाये सांसे किसी की

 तन भी हमारा मारा करे


Chalta Rahi is happy man 

the sitting cry

 running water is flat water

  let it rot


 earth moving sun moving

 moving moon stars

 river running with pure water

 the sea seems salty


 the bright light that moves

 run after him

 the darkness that sits all around

 tremble with fear.


 The beating blood goes on

 filter while running

 someone who stops breathing

 kill us too


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गुरुवार, अप्रैल 14

घर का राजा हुआ करता था कभी

 घर का राजा हुआ करता था कभी

आज वो ज़माने का नौकर हो गया

कमाने को निकला था वो घर से

आज वो खुशियों से कंगाल हो गया


करता था गुड्डे गुड़ियो का ब्याह कभी

आज वो पैसों से मालामाल हो गया

चन्द खुशी मिली थी महोब्बत से उसे

उसका भी आज बुरा अंजाम हो गया


माता पिता का लाडला था वो कभी

आज वो धुत्तकार का गुलाम हो गया

बेखौफ थी उसकी जिन्दगी अब तक

लगता है आज उसका शिकार हो गया


 used to be the king of the house

 Today he has become a servant of the era

 He had come out to earn

 Today he became pauper with happiness


 Sometimes dolls used to marry dolls.

 Today he became rich with money

 He got some happiness from love

 he also got bad results today


 He was the beloved of his parents.

 Today he has become a slave to a sly

 her life was fearless

 Looks like he got victimized today



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शुक्रवार, अप्रैल 8

चाहत और भी है-भाग 18 want more 18

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 18

कुछ दिन तो सब सही रहा पर फिर सारा रस्मी दीदी कि सादी मे गई। सारा ने अरु को कॉल किया और रोते हुए बोलि- अरु मुझे डर लग रहा है। अरु- क्यूँ क्या हुआ? सारा - तीन दिन ज्यादा हो गए, अब तक बारिश नहीं हुई। लगता है कोई आने वाला है। मैं तो अब तक कुआरि हूँ। अरु - घब्रओ मत मैं आप के साथ हूँ। अभी थोड़ा इंतजार करो। यदि बारिश ना हुई तो मेरे पास आ जाना। सारा - हा ठीक है। उसके बाद सारा ने अरु से बात करना बंद कर दिया। अरु ने सारा से फिर बात करी । सारा - अरु बारिश हो गई है घबराने कि कोई बात नहीं। पर मैं अभी आप से बात नहीं कर सकती मैं सादी मे हूँ। अरु को लगा कि सादी मे परेशानी होती है। ये सोच कर उसने बात नहीं कि। सारा सादी से वापीस अपने घर आ गई। लेकिन  उसने बात करना हि बंद कर दिया है। अरु करें तो क्या करें उसे कुछ भी समझ नहीं आ रहा। सारा ने भले हि बात करना बंद कर दिया। अरु को अब भी लगता है कि सारा उससे हि प्यार करती है। पर वो बात क्यों नहीं कर रही ये अरु को समझ नहीं आया। अरु फोन करें तो उठती भी नहीं, यदि उठा भी लिया तो झगड़ कर फोन रख दे। कई कई बार तो उसका फोन बीजी भी रहता। पर अरु सब सहता गया। मैंने उसे रातो को रोते हुए देखा एक दिन पूछ लिया अरु क्या बात है? तुम रो क्यों रहे हो। अरु- यार सारा मुझसे बात हि नहीं करती मैं उसकी आवाज सुने बगैर रह हि नहीं सकता। मैंने तो केवल उससे हि प्यार किया। मैंने कभी भी किसी का भी ख्याल तक अपने मन मे नहीं लाया। फिर मेरे साथ ऐसा क्यूँ? मैंने कहा देखो ये दुनिया ऐसी हि है। सब खेल पैसों का है। तुम खिलाते पिलाते रहो सब कुछ तुम्हारे कंट्रोल मे रहेगा। और यदि तुमसे ज्यादा पैसे वाला कोई मिले तो! अरु - तो क्या मेरे भाई? मैंने कहा तुम भूल जाओ सब, कुछ प्यार व्यार कुछ नहीं होता , सब व्यापर होता है। मैंने उसे बहुत समझाया पर वो नहीं मना वो प्यार कि गहराई मे उतर गया है। अब वापिस कैसे आए मैं भी नहीं जनता। उसे लगता है कि मैं उसका दुश्मन हो गया हूँ। अरु कि हालत अलग सी है। वो सारा से बात करने के लिए अलग अलग नंबरों पर कॉल करता है। दीदी से बार बार बात कराने बोलता है। दूसरी दीदी से बात करने बोलता है। उसने सब करके देख लिया परिणाम कुछ नहीं निकल रहा। एक दिन समसम का फोन आया, उसने कहा तुम इस नंबर पर फोन मत लगाना। अरु ने कहा क्यूँ ना लगाउ और तुम होते कौन हो मुझे रोकने वाले।उसने अरु से कहा सारा मेरी गर्लफ्रेंड है और वह अरु से लड़ाई करने लगा। दोनों के बीच बहुत बहस हुई। अरु ने मुझे सब बताया। मैंने अरु को फिर समझाया। लेकिन अरु बोला मैं हार नहीं मानूंगा मैं फिर जाऊंगा उसे वापिस लाऊंगा। वो सिर्फ मेरी है। उसे कोई भी मुझसे नहीं छीन सकता। और सुबह होते हि वो ऑफिस चला गया।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.


 Want more - part 18


 For a few days everything was fine, but then the whole ritual went to Didi's Saadi.  After going there he stopped talking to Aru.  Aru felt that Saadi was in trouble.  Thinking this, he did not talk.  Sara returned to her home from Saadi.  But he has stopped talking.  If he does, then what to do, he does not understand anything.  Even though Sara stopped talking.  Aru still feels that Sara is in love with him.  But Aru did not understand why she was not talking.  If you call Aru, he does not even get up, even if he picks it up, put up the phone after quarreling.  Sometimes his phone would remain BG too.  But Aru suffered.  I saw her crying at night and asked one day what is the matter?  Why are you crying.  Aru- Dude Sara doesn't talk to me, I can't live without hearing her voice.  I only loved him.  I never even brought anyone's thought in my mind.  Then why is this with me?  I said look, this world is like this.  All game is about money.  You keep on feeding and drinking, everything will be under your control.  And if you find someone with more money than you!  Aru - So what is my brother?  I said you forget everything is love and nothing happens, everything is business.  I explained to him a lot, but he did not refuse, he has gone deep in love.  Now I don't even know how to come back.  He feels that I have become his enemy.  Aru's situation is different.  He calls on different numbers to talk to Sara.  Asks to talk to Didi again and again.  Speaks to talk to another sister.  He has done everything and seen the result, nothing is coming out.  One day Samsam's call came, he said, don't call on this number.  Aru said why not lag and who are you to stop me. He told Aru that Sara is my girlfriend and he started fighting with Aru.  There was a lot of debate between the two.  Aru told me everything.  I explained to Aru again.  But Aru said, I will not give up, I will go again and bring him back.  She is mine only.  No one can take that away from me.  And in the morning went to the office.

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गुरुवार, अप्रैल 7

मेरी जीवन यात्रा भाग-4 my life journey part-4

ऐसा जरुरी नहीं कि आप कि लाइफ मे सब कुछ वैसा हि हो जैसे कि आप चाहते हो। और कई बार तो आप कई चिजो को अन्देखा भी कर देते होंगे। कुछ को आप कर भी सकते थे, पर आप ने किया नहीं। उसके बाद भूल भी जाते है, कि आप मे क्या नहीं किया। आज सुबह जल्दी से तैयार हुआ। मुझे रेलवे स्टेशन बेंगलोर जाना है। रामनगरम् से बेंगलोर तीस मिनट का रास्ता है ऑटो से। ऑटो से मैं जल्दी से बेंगलोर के लिए निकाल गया। ऑटो वाले भाई ने मुझे ऑटो स्टेण्ड पर उतार दिया। यहाँ से दस मिनट का रास्ता पैदल चलना है। मैं जल्दी जल्दी रेलवे स्टेशन कि ओर जाने लगा। क्योंकी वहाँ रेल से मेरे सर आ रहे है। मैं लेट भी हो गया हूँ। कुछ दूर अभी चल हि रहा हूँ। मेरे कानों ने कुत्ते के बच्चे की दर्दनाक आवाज पड़ी। मैं जैसे जैसे अपने कदम आगे बड़ा रहा हूँ वो आवाज और ज्यादा तेज हो रही है। मैं देखा रास्ते के दाहिने एक बाउंड्री वॉल है। जिसमें एक पप्पी फसा हुआ है। बाउंड्री वॉल मे थोड़ा गैप है, शायद उस गैप से निकलते वक्त, वह पप्पी उस गैप मे फस गया होगा। कब से वो वहाँ फसा हुआ है पता नहीं। मैंने उसको निकालने का सोचा। लेकिन मैं पहले हि लेट हो गया हूँ। इसलिये उसे उसके हाल पर छोड़ कर आगे को जा रहा हु। एक एक कदम बढ़ाता और उसकी आवाज कम होती जाती। पर बार बार मेरा मन बोलता कि उसे मेरी मदद कि जरुरत है। उसकी आवाज से लगता है कि वह कह रहो बचा लो। पर मेरे दिमाग ने उन सब को जवाब दे दिया कि वो कुछ नहीं करेगा। इस तरह मैं वहाँ से चला आया। और अब भी मुझे लगता है कि मैंने गलत किया। क्या पता भगवन ने मुझे उसकी मदद के लिए हि उस रास्ते भेजा हो। 


It is not necessary that everything in life should be as you want it to be.  And sometimes you may have overlooked many things.  You could have done something, but you didn't.  After that, you forget what you didn't do.  Got ready early this morning.  I have to go to the railway station Bangalore.  Bangalore is 30 minutes drive from Ramanagaram by auto.  By auto I hurriedly left for Bangalore.  The auto driver dropped me at the auto stand.  Ten minutes walk from here.  I quickly started walking towards the railway station.  Because there my head is coming by train.  I'm late too.  I am walking some distance now.  My ears heard the painful sound of a dog.  As I am taking my steps forward, that sound is getting louder and louder.  I noticed there is a boundary wall on the right side of the road.  In which a puppy is stuck.  There is a little gap in the boundary wall, maybe while coming out of that gap, that puppy must have got stuck in that gap.  I don't know since when he has been stuck there.  I thought of taking him out.  But I'm late earlier.  That's why I am going ahead leaving him on his condition.  He took one step at a time and his voice diminished.  But again and again my mind would say that he needed my help.  It seems from his voice that he should be saying save.  But my mind gave the answer to all of them that they will not do anything.  That's how I left from there.  And even now I feel that I did wrong.  Do you know that God has sent me that way to help him?

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बुधवार, अप्रैल 6

चाहत और भी है-भाग 17 want more- part 17

यह कहानी पूर्ण रूप से काल्पनिक है इसका किसी भी वेक्ति , वस्तु , या स्थान से कोई सम्भन्ध नहीं है।

चाहत और भी है-भाग 17

सारा से मिल कर भले हि अरु वापिस आ गया पर अभी भी लड़ाई होती रहती है। कई सारे वादे कई सारी कसमें लेकिन झगडे बढ़ते गए। दोनों मे दरारे बहुत आ गई। अरु इस बात को समझ नहीं पा रहा कि ऐसा क्यूँ हो रहा है। सारा इस बीच सिलाई सेन्टर जाया करती है। अरु को लगता है शायद इस कारण हि बात कम हो रही है। अरु ने एक दिन मुझसे कहा मेरे दोस्त मैं बड़ा परेशान हूँ। सारा मुझसे सही से बात नहीं कर रही। करती भी है तो लड़ाई और कुछ भी नहीं। मैंने पूछा ये सब कब से हो रहा है। उसने कहा जब से सारा सिलाई सेंटर जाती है। मैंने कहा - कभी उसने किसी और का जिक्र किया है? अरु ने कहा - हा उसने एक बार कहा था कि उसे किसी लड़के ने प्रपोस किया था। मैंने कहा तुम अपनी दीदी से कहो वो नज़र रखे। अरु ने वैसा हि किया। दो दिन बाद हि दीदी ने बताया कि वो किसी और से बात करती है। उसका नाम सनसन है। अरु को तो यकीन हि नहीं हुआ। अरु ने बहुत समझाया लेकिन पानी अब उपर से निकलने हि वाला था। मैंने कहा अरु तुम एक बार फिर से सारा से मिल कर आ जाओ कहीं देर ना हो जाए।

अरु फिर अप्रेल#)@( को छुट्टी अपने घर और फिर सारा के घर समानगांव गया।। दीदी घर पर नहीं है तो वह सारा के घर आ गया। सारा उसे देख कर खुश हो गई। क्योंकि उसने सारा को नहीं बताया था कि वो आ रहा है। उसने अरु को तुरंत गले से लगा लिया।वैसे हि जैसे प्यासे को पानी मिल गया हो। सब कुछ अच्छे से हो गया वो फिर मिल गए। कोई नाराजगी नाहीं कोई गीला सिकवा नहीं। सारे रंग वापिस भर गए। उसने अरु से बहुत प्यार किया। अरु ने सारा से पूछा अरु- मम्मी पापा कहा है? सारा - वो रस्मी दीदी को लाने गए है। मुझे मम्मी ने कहा है खाना लेकर खेत आ जाना।वो रस्मी दीदी को लेकर खेत आएँगे। अरु - चलो फिर मैं भी साथ आता हूँ। फिर अरु, सारा और छोटू खेतों कि ओर खाना लेकर गए। उन्होंने थोड़ा आराम किया। जब तक रस्मी दीदी आ गई। सब ने बहुत सारी बातें कि, एक सायकिल को सबने खूब चलाया खूब सारी मस्ती भी कि। गर्मी का मौसम तो है हि फिर भी वो बहुत खेले। छाव में बैठ कर अरु के मोबाइल से बहुत सारी फोटो उन्होंने खिचि। सब लोग श्याम को घर आ गए। रस्मी दीदी कि सादी जुड़ गई है। इसलिये हि उसे यहाँ घुमाने लाया है। उन्होंंने  फुल साउंड पर गाना चलाया। वो सब एक साथ नाच रहे है। देर रात तक नचने के बाद वहीं खाना खाया और सो गये।अरु सुबह जल्दी उठा और नहा कर चाय पी। और अपने घर के लिए निकल आया।


This story is completely fictional, it has nothing to do with any person, thing, or place.

 Want more - part 17

Even though Aru comes back after meeting Sara, the fight still goes on.  Many promises, many vows, but the fights kept on increasing.  There were many cracks in both.  Aru cannot understand why this is happening.  Meanwhile, Sara goes to the sewing center.  Aru feels that maybe this is the reason why things are falling short.  Aru told me one day my friend I am very upset.  Sara is not talking to me properly.  Even if it does, fight and nothing else.  I asked how long has this been happening.  She said ever since Sara goes to the sewing center.  I said - has he ever mentioned anyone else?  Aru said - Yes, he once said that some boy had proposed to him.  I said you tell your sister to keep an eye on her.  Aru did the same.  Two days later, Didi told that she talks to someone else.  His name is Sanson.  Aru couldn't believe it.  Aru explained a lot but the water was about to come out from above.  I said u come once again to meet Sara, it should not be too late.


 Aru then went on leave to his house and then to sara's house in samagaon.. Didi is not at home so he came to sara's house. sara was happy to see him. because he didn't tell sara that he was  is coming. He immediately hugged Aru. Just like the thirsty has got water. Everything went well, he got it again. No resentment, no wet soaks. All the colors were filled back. He gave Aru  Loved her a lot. Aru asked Sara Aru - where is the mother father? Sara - she has gone to bring ritual didi. I have been told by my mother to come to the farm with food. They will come to the farm with the ritual didi. Aru - Let's go again  I also come along. Then Aru, Sara and Chotu went to the fields with food. They took some rest. Till the ritual didi came. Everyone talked a lot, rode a cycle a lot, had a lot of fun too.  It is summer season, yet he plays a lot. Sitting in the shade, he took a lot of photos from Aru's mobile. Everyone came to Shyam's house. Ritual didi's Saadi has been added. That's why we have brought her here for a walk.  He played the song at full sound.Not all of them together  are looking.  After dancing till late night, ate food there and slept. Aru woke up early in the morning and drank tea after taking a bath.  and left for his home.

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सोमवार, अप्रैल 4

शिव शक्ति

 कंकर कंकर मे शिव शंकर और शक्ति का वास है।

आज सभी भक्तों के मन मे  शिव से मिलान कि आस है।

ओम नमःशिवाय शम्भू  ओम नमःशिवाय

ओम नमःशिवाय शम्भू  ओम नमःशिवाय

चाँद सितारे धरती अम्बर

सब है मेरे शिव के अंदर



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