रविवार, सितंबर 8

चन्द्र यान 2

चाँद तेरी गोद में मै तो समाया
खुशीयो को तेरी सह नहीं पाया।

दौड़ा तेरी ओर डोर छोड़कर
भूल गया मै,मुझे किसने बनाया।
देखा एक बार हि पीछे मुड़कर
आशा है मुझसे,मै जान नहीं पाया।

सो गया हूँ चैन से तेरे ऑचल मे मै
घूम घूम कर साथी देख राहा मेरा
गया था चन्द्र कि सैर कराने को मै
छोड़ गया आसमान मे मै अपना साया।


जो किया मैंने क़ाबिले तारीफ़ था
जो न कर सका मिली उसकी सजा
ये मेरे मालिक मुझे फिर से जगा
दे मुझे आदेश कि मै आग लगाया।


next


मंगलवार, सितंबर 3

कूछ न दिखे

कुछ ना दिखे रे मोहे कुछ ना दिखे,
मोरा घुंघटा हटा दो राजा जी,
आगे कुछ ना  दिखे।

 

पनिया भरन बड़ी दूर जानू रे मोहे दूर जानू,,
नदिया की राह टेढ़ी-मेढ़ी राजा जी,
आगे कुछ ना दिखें।

 

हरी भरी रे साग सब्जी लानी है बाजार से,
टक्कर मारे लोग लुगाई राजा जी,
आगे कुछ ना दिखे।

 

सखी सहेली झूला झूलन, मुझको भी है जानू
मेरे संग संग ही चलो राजा जी
आगे कुछ ना दिखे।

previous                               next