रंग देकर छिने प्यार से
दे रही धोखा मुझको तो
अब धोखा भी मै ले लून्गा।
होली वाली बात थी वो मेरे साथ थी।
रंग लगाया फिर उसकी मांग सजायी थी
उसका बर्थडे वाला दिन था और वो हि बूलाई थी
पास बिठा के मुझे गले से लगायी थी।
लिप लाक करके मेरी प्यास बुझायी थी।
अब सूखे है मेरे ओठ तो
अब सूखे ही मै रख लून्गा।
सुनने को उसे मेरी रूह तड़पती है
देख लू उसे आँख मेरी कहतीं है
आधी आधी रात मे मिलने को आया था
उसे अपने हाथ से मंगलसूत्र पहनाया था
कहतीं थीं मूझे तेरा साथ नहीं छोडूंगी।
अब साहनी पड़े जूदाई तो
जूदाई भी मै सह लून्गा।
मूझे सात वचन वो मांग कर
मूझे सात वचन मे बाँध गई
मै उसके बिना ना जी पाउ
इस बात को वो पहचान गई
कसमे देकर जीने की वो छोड़ गई।
यदि भूल गई वो मुझको तो
यादो मे उसकी जी लून्गा ।
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Great Keep it up
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