शुक्रवार, नवंबर 29

बूंद बूंद गिरे बादल।

बूंद बूंद गिरे बादल।
तन मा आग लगाए।
रे मन मा आग लगाए।
मन मा आग लगाए।

मेरे पास आते तेरे हर रास्ते
खुदा ने बनाया तूझे मेरे वास्ते
हर मोड़ पर तू मुझको ही पाएगी
सामने से बेबी जब तू चली जाएगी
सोचता हूं आखिर कहां तू जाएगी
जहां भी जाएगी मुझको ही पाएगी
रे मुझको ही पाएगी।
जब तू आंख मिलाए
आखों मा आग लगाए

तेरी ये जवानी जानू कैसे डोले
तू खिलता गुलाब हर कोई बोले
तेरी हर बात कि है मुझको खबर
रख ले सम्भाल कर तेरी ये चूनर
लग जाये न कही गंदी नजर
है बडी प्यारी तेरी पतली कमर
रे तेरी पतली कमर।
जब तूम हाथ लगाए
कमर मा आग लगाए

पतझड़ में आज बहार कैसे आई
लगता है मुझे क्यूँ तू वही से आई
देखू रोज सपने तू वही तो नही
हसिना तेरे जैसी मैंने देखी न कही
जो मैंने कहा बात वो सही न सही
तारीफ तेरी सुन के तू सट जाएगी
रे तू सट जाएगी।
जब तू ओठ सटाए
ओठों मा आग लगाए


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